पीएलआई योजना से पांच वर्षों में 1.48 लाख रोजगार सृजित होंगे
नई दिल्ली : केंद्रीय भारी उद्योग मंत्री डॉ. महेंद्र नाथ पांडेय ने मोदी सरकार के नौ वर्ष पूरे होने पर गुरुवार को कहा कि मोदी सरकार की नीतियों के कारण आज एक सशक्त भारत के साथ-साथ हरित भारत का भी निर्माण हो रहा है। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि मोदी सरकार के नौ वर्ष उपलब्धियों से भरे हुए हैं। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के दृष्टिकोण का एक महत्वपूर्ण लक्ष्य आत्मनिर्भर राष्ट्र बनाना है। इस दृष्टि को साकार करने में विनिर्माण क्षेत्र की भूमिका महत्वपूर्ण है। सरकार पहले ही ‘मेक इन इंडिया’ और ‘आत्मनिर्भर भारत’ जैसी योजनाओं के माध्यम से विनिर्माण क्षेत्र के महत्व को उजागर कर चुकी है। भारी उद्योग मंत्रालय (एमएचआई) आत्मनिर्भर भारत के निर्माण की दिशा में तेजी से काम कर रहा है और इसके सकारात्मक परिणाम भी दिखने लगे हैं।
देश में अब ऐसी वस्तुओं का भी निर्माण शुरू होने लगा है जिसके लिए हम दूसरे देशों पर निर्भर थे। साथ ही इससे कई क्षेत्रों में रोजगार के नए अवसर भी सृजित हो रहे हैं। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि भारी उद्योग मंत्रालय ने 25,938 करोड़ रुपये की बजटीय सहायता के साथ ऑटोमोबिल, ऑटो कंपोनेंट्स और उन्नत मोटर वाहन प्रौद्योगिकी (एएटी) उत्पादों के घरेलू विनिर्माण को प्रोत्साहन देने के लिए प्रोडक्शन लिंक्ड इंसेंटिव स्कीम (पीएलआई) की शुरुआत की है। भारत ‘सनरूफ’, स्वचालित ब्रेक, प्रदूषण चेतावनी प्रणाली और टायर दबाव निगरानी प्रणाली जैसे कल-पुर्जों के लिए पूरी तरह दूसरे देशों पर निर्भर है, लेकिन इस योजना से अब हमारे देश में ही इनका उत्पादन शुरू हो सकेगा। साथ ही इस पीएलआई योजना से पांच वर्षों में 1.48 लाख रोजगार सृजित होंगे।
केंद्रीय मंत्री, डॉ. महेंद्र नाथ पांडेय ने कहा कि भारत सरकार की नीतियों के चलते आज भारत में कार्बन उत्सर्जन में उल्लेखनीय कमी आई है और लोगों को इलेक्ट्रिक वाहन के रूप में पर्यावरण अनुकूल परिवहन की सुविधा मिल रही है। 2019 में शुरू की गई ‘फास्टर अडॉप्शन एंड मैन्युफैक्चरिंग ऑफ इलेक्ट्रिक व्हीकल्स’ (एफएएमई) योजना के दूसरे चरण के तहत 5.80 लाख इलेक्ट्रिक दोपहिया, 74,063 इलेक्ट्रिक तिपहिया, 6,784 इलेक्ट्रिक चार पहिया और 3,738 इलेक्ट्रिक बसें बेची गई हैं। इलेक्ट्रिक वाहनों की वजह से प्रतिदिन 13,98,184 किलोग्राम कार्बन उत्सर्जन में कमी आ रही है, जबकि 34 करोड़ लीटर पेट्रोल और डीजल की भी बचत हुई। इस तरह मोदी सरकार की विशेष पहल से देश में कार्बन उत्सर्जन में 49 करोड़ किलोग्राम की कमी देखी गई है। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि राजमार्गों पर पेट्रोल पंपों पर इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए 7,432 चार्जिंग स्टेशन स्थापित करने के लिए तीन तेल विपणन कंपनियों से करार हुए हैं और इसके लिए 800 करोड़ रुपये स्वीकृत किए गए हैं। इलेक्ट्रिक वाहन चालकों को चार्जिंग में कम समय लगे इसके लिए एआरएआई द्वारा डिजाइन और विकसित किया गया 100 किलोवाट डीसी फास्ट चार्जर लॉन्च किया जा चुका है।
एमएचआई ने हर क्षेत्र के विकास पर ध्यान केंद्रित किया
भारी उद्योग मंत्री, डॉ. महेंद्र नाथ पांडेय ने कहा कि भारत को आत्मनिर्भर बनाना है। इसके लिए जरूरी है कि आयात कम हो और देश में ही सामानों का उत्पादन बढ़ाया जाए। इसी सोच के साथ आगे बढ़ते हुए (एम.एच.आई) ने हर क्षेत्र के विकास पर ध्यान केंद्रित किया। इसी वजह से आज किसी एक क्षेत्र में नहीं, बल्कि सभी क्षेत्रों में विकास हो रहा है और रोजगार के अवसर पैदा हो रहे हैं। चाय उद्योग में भारत सरकार के एक मात्र सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यम एवाईसीएल की प्रगति इस बात को रेखांकित कर रही है। एंड्रयू यूल एंड कंपनी लिमिटेड (एवाईसीएल) ने पिछले वर्ष की तुलना में चाय के निर्यात में 431% की वृद्धि हासिल की है, जो अब तक का सर्वाधिक है।
स्वदेशी हथियारों से बढ़ रही नौसेना की ताकत
इसी तरह भारतीय नौसेना के विध्वंसक पोतों पर सबसे आगे लगने वाली सुपर रैपिड तोपें रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भर हो रहे भारत का संकेत हैं। हैवी इलेक्ट्रिकल्स लिमिटेड (बीएचईएल) द्वारा निर्मित स्मार्ट एम्युनेशन से लैस ये तोपें अपने लक्ष्य को आसानी से भेद सकती हैं। पहले की तोपें 16 से 18 किलोमीटर दूर के लक्ष्य को ही भेद सकती थीं, जबकि अब बन रही उन्नत किस्म की सुपर रैपिड गन माउंट्स (एसआरजीएम) 32 से 36 किलोमीटर दूर स्थित लक्ष्य को भी भेद सकेंगी। बीएचईएल भारतीय नौसेना को इन खूबियों वाली 44 तोपें अभी तक दे चुका है। 54 और तोपें देने की योजना है।
80 स्लीपर क्लास वंदे भारत ट्रेनों में बीएचईएल लगाएगा इलेक्ट्रॉनिक सिस्टम
भारतीय रेलवे को 80 स्लीपर क्लास वंदे भारत ट्रेनों की आपूर्ति का ऑर्डर भी बीएचईएल को मिला है। इन ट्रेनों में जितने भी इलेक्ट्रॉनिक सिस्टम लगेंगे वह बीएचईएल बनाएगा। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि जनवरी, 2022 में भारत के पहले बीएचईएल निर्मित ‘कोयले से मेथनॉल’ (सीटीएम) प्रायोगिक संयंत्र राष्ट्र को समर्पित किया गया।
909 करोड़ रुपये की लागत वाली कुल 27 परियोजनाओं को स्वीकृति दी गई
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि साझा प्रौद्योगिकी विकास और सेवा अवसंरचना को सहायता प्रदान करने के लिए 25 जनवरी, 2022 को भारी उद्योग मंत्रालय ने भारतीय पूंजीगत वस्तु क्षेत्र चरण-II में प्रतिस्पर्धा वृद्धि स्कीम अधिसूचित की है। इस स्कीम में 975 करोड़ रुपये की बजटीय सहायता और 232 करोड़ रुपये के उद्योग योगदान सहित कुल वित्तीय परिव्यय 1207 करोड़ रुपये का है। भारतीय पूंजीगत वस्तु क्षेत्र में प्रतिस्पर्धात्मकता वृद्धि स्कीम के चरण-II के तहत 909.38 करोड़ रुपये की परियोजना लागत वाली अब तक कुल 27 परियोजनाओं को स्वीकृति दी गई है और वित्त वर्ष 2022-23 में अनुमोदित परियोजनाओं के लिए 197.50 करोड़ रुपये पहले ही जारी किए जा चुके हैं।