जीयू में आयोजित दो दिवसीय राष्ट्रीय कॉन्फ्रेंस में 130 छात्रों ने प्रस्तुत किए शोध पत्र

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अगर इंसान मन में ठान ले तो दुनिया में कुछ भी असंभव नहीं : प्रो.दिनेश कुमार

कोरोना काल में डिजिटल अर्थव्यवस्था को लेकर लोगों की समझ बढ़ी है : प्रो. कविता शर्मा

गुरुग्राम 28 अप्रैल : शिक्षाविदों,पेशेवरों,शोधकर्ताओं, निर्णय निर्माताओं और छात्रों को अपने शोध कार्यों को विभिन विशेषज्ञों के साथ साझा करने के लिए एक राष्ट्रीय मंच प्रदान करने के उद्देश्य से गुरुग्राम विवि के डिपार्टमेंट ऑफ़ कॉमर्स द्वारा ‘वाणिज्य में समकालीन रुझान और चुनौतियां’ विषय पर आयोजित दो दिवसीय राष्ट्रीय सम्मलेन का शुक्रवार 28 अप्रैल को विश्वविद्यालय परिसर सेक्टर 51 में सफलतापूर्वक समापन हुआ। दो दिनों तक चले इस सम्मेलन को छह सत्रों में आयोजित किया गया था। समापन सत्र में देशभर के विभिन्न विश्वविद्यालयों, कॉलेजों और संस्थानों से जुड़े 130 से अधिक छात्र व छात्राओं ने अपने शोध पत्र प्रस्तुत किए एवं विद्वान वक्ताओं ने अर्थशास्त्र और व्यापार,सामान्य प्रबंधन तथा मानव संसाधन प्रबंधन जैसे विषयों पर विस्तार से चर्चा करते हुए छात्रों का ज्ञानवर्धन किया। राष्ट्रीय कांफ्रेंस में शोधार्थियों को बेस्ट पेपर अवार्ड प्रदान किया गया ।

समापन समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में भगत फूल सिंह महिला विश्वविद्यालय,सोनीपत की कुलपति प्रो. सुदेश छिकारा, मुख्य वक्ता के रूप में दिल्ली विश्वविद्यालय की प्रो. कविता शर्मा उपस्थित रही । कार्यक्रम की अध्यक्षता गुरुग्राम विवि के कुलपति प्रो. दिनेश कुमार ने की। इस मौके पर कार्यक्रम की मुख्य वक्ता दिल्ली विश्वविद्यालय की प्रो. कविता शर्मा ने शोध कार्यों की बारीकियों के बारे में छात्रों को विस्तार से बताया। आगे उन्होंने ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी के बारे में बताते हुए कहा कि यह टेक्नोलॉजी विद्यार्थियों के करियर में आने वाले समय में महत्वपूर्ण साबित होगी ।

इस अवसर पर छात्रों एवं शोधार्थियों को संबोधित करते हुए कार्यक्रम की मुख्य अतिथि कुलपति प्रो. सुदेश छिकारा ने क्रिप्टो मुद्राएं, ई-कॉमर्स, एकाउंटिंग & फाइनेंस के बारे में छात्रों को विस्तार से बताया । कार्यक्रम के अंत में गुरुग्राम विवि के कुलपति प्रो. दिनेश कुमार ने सभी सम्मानित अतिथियों को सम्मेलन में भाग लेने के लिए ह्रदय से आभार व्यक्त किया। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि इस प्रकार के आयोजन छात्रों की नींव को मजबूत करते हैं इसलिए ऐसे कार्यक्रम नियमित रूप से आयोजित होने चाहिए।

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