स्वामी फंड ने 2019 में अपनी स्थापना के बाद से 20,557 घरों का निर्माण पूरा किया

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-अगले तीन वर्षों में 30 टियर 1 और 2 शहरों में 81,000 से अधिक घरों को पूरा करने का फंड का लक्ष्य

नई दिल्ली : सस्ते और मध्यम आय वाले आवास (स्वामी) निवेश फंड 1 के लिए स्पेशल विंडो दरअसल भारत का सबसे बड़ा सोशल इंपैक्ट फंड है जो विशेष रूप से तनावग्रस्त और रुकी हुई आवासीय परियोजनाओं को पूरा करने के लिए बनाया गया है।

ये फंड भारत सरकार के वित्त मंत्रालय द्वारा प्रायोजित है और इसका प्रबंधन स्टेट बैंक समूह की कंपनी एसबीआईकैप वेंचर्स लिमिटेड द्वारा किया जाता है। इस फंड के जैसा कोई दूसरा फंड भारत में या वैश्विक बाजारों में नहीं मिलता है।

इसने अब तक 15,530 करोड़ रुपये जुटाए हैं जिसका उद्देश्य तनावग्रस्त, ब्राउनफील्ड और रियल एस्टेट रेगुलेटरी अथॉरिटी (रेरा) में पंजीकृत ऐसी आवासीय परियोजनाओं को पूरा करने के लिए प्राथमिकता ऋण वित्त मुहैया कराना है जो किफायती, मध्यम आय आवास श्रेणी में आती हैं।

स्वामी ने अब तक लगभग 130 परियोजनाओं को 12,000 करोड़ रुपये से अधिक की मंजूरी के साथ अंतिम स्वीकृति प्रदान की है। 2019 में अपनी स्थापना के बाद के तीन वर्षों में इस फंड ने 20,557 घरों का निर्माण पूरा कर लिया है और अगले तीन वर्षों में 30 टियर 1 और 2 शहरों में 81,000 से अधिक घरों को पूरा करने का लक्ष्य है।

चूंकि ये फंड पहली बार के डेवलपर्स, परेशानी में घिरी परियोजनाओं वाले स्थापित डेवलपर्स, रुकी हुई परियोजनाओं, ग्राहकों की शिकायतों और एनपीए खातों के मामले में खराब ट्रैक रिकॉर्ड वाले डेवलपर्स, और यहां तक ​​कि जिन परियोजनाओं में मुकदमेबाजी भी चल रही है उन्हें भी पैसे देने पर विचार करता है, ऐसे में इसे सब संकटग्रस्त परियोजनाओं का आखिरी उपाय वाला ऋणदाता माना जाता है।

परियोजना व्यय पर मजबूत निगरानी और नियंत्रण, स्वामी की निवेश प्रक्रिया का मुख्य आधार है जिससे परियोजना को तेजी से पूरा किया जा सकता है। किसी परियोजना में इस फंड की उपस्थिति अक्सर उन परियोजनाओं में भी बेहतर संग्रह और बिक्री के लिए उत्प्रेरक का काम करती है जो कि वर्षों से विलंबित थीं।

अपने मजबूत नियंत्रण और परियोजनाओं व प्रमोटरों के ट्रैक रिकॉर्ड के बावजूद, ये फंड 26 परियोजनाओं में निर्माण पूरा करने और अपने निवेशकों के लिए रिटर्न उत्पन्न करने में सक्षम रहा है।

इस फंड ने रियल एस्टेट और इंफ्रास्ट्रक्चर सेक्टर में कई सहायक उद्योगों के विकास में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है, जिसने 35,000 करोड़ रुपये से अधिक की नकद तरलता को सफलतापूर्वक खोला है।

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