नई दिल्ली : विदेश व्यापार महानिदेशालय (डीजीएफटी) ने संरचना शुल्क लगाने के संबंध में सभी पीआरसी (नीति छूट समिति) के निर्णयों को लागू करने के लिए संशोधित नियम अधिसूचित किए हैं। डीजीएफटी उन मामलों में कम संरचना शुल्क का लाभ दे रहा है जहां उसने ईओपी (निर्यात दायित्व अवधि) में विस्तार की अनुमति दी है और/या पहले से किए गए निर्यात का नियमन किया है। इसे हैंडबुक ऑफ प्रोसीजर्स (2015-20) के पैरा 4.42 में संशोधन करके 28 फरवरी, 2023 को पब्लिक नोटिस संख्या 59/2015-20 के तहत अधिसूचित किया गया।
प्रक्रिया को सरल और अधिक समझने योग्य बनाने का प्रयास करके संरचना शुल्क गणनाओं का युक्तिकरण स्वचालन और सेवाओं के त्वरित वितरण में सहायता करता है। संशोधित संरचना शुल्क मॉडल, जो ‘सीआईएफ अनुमति मूल्य’ के विभिन्न स्तरों के लिए एक विशिष्ट दर पर आधारित है, गणना करने के लिए कम जटिल और सरल है। यह न्यूनतम मानवीय हस्तक्षेप के साथ अनुपालन प्रक्रिया को सुव्यवस्थित करने में सहायता करेगा, विसंगतियों और भ्रमों के जोखिम को कम करेगा।
प्रक्रिया को स्वचालित करने से मैन्युअल गणना और कागजी कार्रवाई की आवश्यकता को कम करके तेजी से सेवा वितरण होगा। इस पहल का उद्देश्य सभी पीआरसी निर्णयों को लागू करने के लिए एक समान और पारदर्शी प्रणाली को एकीकृत करना है, जिसमें निर्यात दायित्व अवधि (ईओपी) बढ़ाने के मामले में संरचना शुल्क लगाने से संबंधित पिछले निर्णय और/या अग्रिम अनुमति योजना के तहत किए गए निर्यात का नियमन शामिल है। लक्ष्य व्यापार करना आसान बनाना और लेनदेन लागत कम करना है।
गणना सरलीकरण जटिलता को कम करके और निर्यातकों के लिए प्रक्रियाओं को अपेक्षाकृत आसान बनाकर “व्यापार को सुगम बनाने” के मिशन में भी योगदान देता है।
डीजीएफटी संरचना शुल्क गणना प्रक्रिया को निर्यातकों के लिए सरल और समझने में आसान बनाकर इस लक्ष्य की दिशा में काम कर रहा है। यह पहल सार्वजनिक सूचना संख्या 52 दिनांक 18.01.2023 के साथ शुरू हुई और आज जारी किए गए इस पीएन के साथ जारी है। इन पहलों के परिणामस्वरूप अंततः व्यापार सुविधा मजबूत होगी और व्यापार करने में आसानी होगी।