नई दिल्ली : प्रमुख स्कीम आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन (एबीडीएम) देश के लिए व्यापक डिजिटल स्वास्थ्य इकोसिस्टम के निर्माण में लगातार प्रगति हासिल कर रही है। व्यक्तियों के एबीएचए खातों से जुड़े 4 करोड़ से अधिक डिजिटल स्वास्थ्य रिकॉर्ड के साथ, इस स्कीम ने एक महत्वपूर्ण उपलब्धि अर्जित कर ली है। अब तक 29 करोड़ से अधिक नागरिकों ने अपने विशिष्ट आयुष्मान भारत स्वास्थ्य खाते (एबीएचए) जेनरेट किए हैं।
डिजिटल रूप से उनके एबीएचए खातों से जुड़े उनके स्वास्थ्य रिकॉर्ड के साथ, नागरिक अपनी सुविधा के अनुसार इन रिकॉर्डों तक पहुंच और प्रबंधन कर सकेंगे। यह नागरिकों को विभिन्न स्वास्थ्य सेवा प्रदाताओं में एक व्यापक चिकित्सा इतिहास का सृजन करने में सक्षम बनाता है जिससे नैदानिक निर्णय लेने में सुधार होता है। इसके अतिरिक्त, नागरिक एबीडीएम पंजीकृत स्वास्थ्य सेवा प्रदाताओं के साथ डिजिटल रूप से संगत स्वास्थ्य रिकॉर्ड भी साझा कर सकते हैं।
स्वास्थ्य रिकॉर्ड को डिजिटाइज़ करने में एबीडीएम की भूमिका के बारे में विस्तार से बताते हुए, एनएचए के मुख्य कार्यकारी अधिकारी डॉ. आर.एस. शर्मा ने कहा- “एबीडीएम के लिए कार्यान्वयन एजेंसी के रूप में, राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण विभिन्न हितधारकों के साथ मिलकर काम कर रहा है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि डिजिटल स्वास्थ्य सेवाओं का लाभ अधिक से अधिक नागरिक को प्राप्त हो सके। हम स्वास्थ्य रिकॉर्ड के डिजिटलीकरण को और बढ़ावा देने के लिए अस्पतालों, क्लीनिकों, नैदानिक प्रयोगशालाओं आदि जैसी स्वास्थ्य सुविधाओं के लिए एक प्रोत्साहन योजना शुरू करने की योजना बना रहे हैं। हम एबीडीएम के साथ समेकित करने के लिए विभिन्न हेल्थ लॉकर एप्लिकेशन को भी प्रोत्साहित कर रहे हैं ताकि नागरिकों को अपने डिजिटल रिकॉर्ड को स्टोर करने और प्रबंधित करने के लिए अधिक विकल्प मिल सकें।”
उन्होंने यह भी कहा- “स्वास्थ्य रिकॉर्ड के डिजिटलीकरण पर लगातार ध्यान देने के साथ, हमारा लक्ष्य कागज रहित चिकित्सा परामर्श प्राप्त करना है जिससे कि रोगी और स्वास्थ्य सेवा प्रदाताओं के बीच प्रत्येक कार्यवाही अधिक सटीकता के साथ हो सके।”
एबीएचए के साथ व्यक्ति विशेष के स्वास्थ्य रिकॉर्ड की यह डिजिटल लिंकिंग राज्य सरकारों के सहयोग से देश की विभिन्न स्वास्थ्य सुविधा केन्द्रों में व्यापक पैमाने पर की जा रही है। एबीएचए से जुड़े स्वास्थ्य रिकॉर्ड के प्रमुख योगदानकर्ताओं में आंध्र प्रदेश सरकार, आयुष्मान भारत पीएम-जेएवाई, स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय के तहत प्रजनन और बाल स्वास्थ्य (आरसीएच) स्कीम, ई-हास्पिटल और कोविन शामिल हैं।