नई दिल्ली : इलेक्ट्रॉनिकी और सूचना प्रौद्योगिकी व कौशल विकास और उद्यमिता राज्य मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने कहा है कि भारत सरकार जल्द ही राष्ट्रीय डेटा शासन ढांचा नीति के तहत एकसमान और सुसंगत अज्ञात डेटा सेट एकत्र करना शुरू करेगी।
श्री चंद्रशेखर ने आज मुंबई में आयोजित जी-20 शिखर सम्मेलन के तहत विकास कार्य से जुड़े कार्य दल के सम्मेलन को वीडियो कांन्फ्रेसिंग के माध्यम से संबोधित किया। इस सम्मेलन का आयोजन विकास के लिए डेटा की विषयवस्तु पर किया गया था। भारत के जी-20 की अध्यक्षता संभालने के बाद जी-20 विकास कार्य समूह की यह पहली आधिकारिक पृथक बैठक (साइड मीटिंग) है।
श्री चंद्रशेखर ने अपने संबोधन में कहा कि भारत के पास एक जीवंत स्टार्ट-अप इकोसिस्टम और एक मजबूत आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई- कृत्रिम बुद्धिमत्ता) इकोसिस्टम है। इसे देखते हुए हम आशा करते हैं कि कंपनियां अपने एआई मॉडल को प्रशिक्षित करने के लिए इस बड़े डेटाबेस का तेजी से उपयोग करेंगी। उन्होंने कहा, “हमारा लक्ष्य नवाचार को प्रोत्साहित करना और अधिक प्रभावी नीति व व्यावहारिक समाधान बनाना है।”
राजीव चंद्रशेखर ने अनुकूल विकास के लिए डिजिटल डेटा और डेटा संचालित हस्तक्षेपों के महत्व को रेखांकित किया। केंद्रीय मंत्री ने डेटा के दुरुपयोग के खिलाफ जरूरी सुरक्षा उपाय करने और इस उद्देश्य के लिए एक ढांचा तैयार करने की आवश्यकता को रेखांकित किया। श्री चंद्रशेखर ने कहा, “हमें डिजिटल अर्थव्यवस्था को विश्वास और सुरक्षा के एक संयुक्त नजरिए से देखना चाहिए। हमें प्रौद्योगिकी, डिजिटल इंटरनेट और वास्तव में जनता के अच्छे व टिकाऊ विकास को मुख्यधारा में लाने वाले डेटा को लेकर एक नए अंतरराष्ट्रीय ढांचे के निर्माण के लिए एक साथ मिलकर काम करना चाहिए।”
उन्होंने कहा कि अभिनव प्रौद्योगिकी के माध्यम से डेटा सेट के उपयोग का दूरगामी प्रभाव होगा और इससे जमीनी स्तर पर विकास कार्य को लाभ व डिजिटलीकरण का विस्तार होगा।
उन्होंने कहा कि दीर्घकालीन विकास के लिए विकसित और विकासशील देशों को मिलकर काम करने की जरूरत है। यह महत्वपूर्ण है कि हम एक ओर डेटा संप्रभुता व सुरक्षा और डेटा समन्वय की धारणा के बीच सही संतुलन पाते हैं, जो वैश्विक समुदाय को लाभान्वित कर सकती है।