एसईजेड इकाइयों के लिए वर्क फ्रॉम होम आसान बनाने के लिए एसईजेड नियमों में संशोधन

Font Size

नई दिल्ली :  वाणिज्य विभाग ने एसईजेड इकाइयों के लिए वर्क फ्रॉम होम को उदार बनाने के लिए एसईजेड नियमों में और संशोधन किया था। वाणिज्य विभाग ने एसईजेड इकाइयों के लिए वर्क फ्रॉम होम (डब्ल्यूएफएच) को सक्षम बनाने के लिए दिनांक 14 जुलाई 2022 की अधिसूचना के द्वारा एक नया नियम 43ए समावेशित करने के लिए विशेष आर्थिक जोन (एसईजेड) नियमों में संशोधन किया है। इसके अतिरिक्त, वाणिज्य विभाग ने सभी एसईजेड में संशोधित नियम के कार्यान्वयन को विवेकपूर्ण बनाने के लिए दिनांक 12 अगस्त 2022 के निर्देश के माध्यम से एक मानक प्रचालन प्रक्रिया (एसओपी) भी जारी की थी।

नियम 43ए की अधिसूचना तथा दिनांक 12 अगस्त 2022 के निर्देश के जारी होने के बाद, वाणिज्य विभाग को नास्कॉम तथा डब्ल्यूएफएच सुविधा में और अधिक लचीलापन की मांग करने वाली इकाइयों से और भी अभ्यावेदन प्राप्त हुए। इस मामले की हितधारकों के परामर्श के साथ वाणिज्य विभाग में जांच की गई तथा तदनुसार, नियम 43ए को दिनांक 08 दिसम्बर 2022 की अधिसूचना संख्या जीएसआर 868 (ई) के द्वारा नए नियम से प्रतिस्थापित कर दिया गया। इस अधिसूचना की मुख्य विशेषताएं निम्नलिखित हैं:

  • डब्ल्यूएफएच व्यवस्था को सभी हितधारकों के साथ किए गए परामर्श के आधार पर उल्लेखनीय रूप से उदारीकृत बनाया गया है।
  • अनुमतियों पर आधारित पिछली व्यवस्था को सूचना आधारित व्यवस्था में परिवर्तित कर दिया गया है।
  • डब्ल्यूएफएच एसईजेड यूनिट के सभी कर्मचारियों को 100 प्रतिशत तक प्रदान किया जा सकता है।
  • डब्ल्यूएफएच को 31.12.2023 तक की अनुमति दी गई।
  • पहले की व्यवस्था के तहत पहले से ही डब्ल्यूएफएच की सुविधा का लाभ उठाने वाली इकाइयां 31-01-2023 तक ईमेल कर सकती हैं।
  • भविष्य में डब्ल्यूएफएच की सुविधा की इच्छा व्यक्त करने वाली इकाइयां डब्ल्यूएफएच के आरंभ होने या उससे पहले की तिथि पर एक सूचना ईमेल कर सकती हैं।

महामारी द्वारा उत्पन्न बाधाओं के बाद, विशेष रूप से आईटी/आईटीईएस सेक्टर में काम करने का हाइब्रिड मोड एक मानदंड बन गया है। आईटी/आईटीईएस उद्योग के प्रतिनिधियों ने विशेष आर्थिक जोन (एसईजेड) में इकाइयों को काम करने के हाइब्रिड मोड को अपनाने तथा एसईजेड इकाइओं के कर्मचारियों को वर्क फ्रॉम होम (डब्ल्यूएफएच) की सुविधा प्रदान करने में सक्षम बनाने के लिए वाणिज्य मंत्रालय के समक्ष प्रतिनिधित्व किया था। यह निर्णय उद्योग जगत की वास्तविक आवश्यकताओं को और इस सुविधा से टियर-2 तथा टियर-3 शहरों की अर्थव्यवस्थाओं को होने वाले लाभ के दायरे को ध्यान में रखते हुए लिया गया है।

You cannot copy content of this page