नई दिल्ली। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने गुड़गांव की शोभा लिमिटेड कंपनी की 201.60 करोड़ की अचल सम्पत्ति को अटैच करने के आदेश जारी किए हैं। इस कंपनी ने आम लोगों के साथ धोखाधड़ी की थी, जिस पर ईडी ने पर्सनल अटैचमेंट ऑर्डर जारी किए हैं। यह मामला पहले हरियाणा पुलिस दर्ज किया था। शोभा लिमिटेड कंपनी पर आरोप है कि कंपनी ने नो प्रॉफिट-नो लोस योजना के तहत प्लॉट बेचने के नाम पर आम लोगों के साथ धोखाधड़ी की थी।
हरियाणा पुलिस द्वारा दर्ज की गई एफआईआर पर कार्रवाई करते हुए, ईडी ने अपनी जांच शुरू की तो पता चला कि मैसर्स शोभा लिमिटेड के प्रबंधन ने एनपीएनएल (नो प्रॉफिट नो लोस) परियोजना के नाम पर पूर्व निर्धारित तरीके से प्लॉटों को आवंटित किया गया। कंपनी ने अपने कर्मचारियों व संस्थाओं के नाम पर प्लॉट आवंटित किए और बाद में उन प्लॉटों पर विला बनाकर आम जनता को महंगे दामों पर बेच दिए गए।
ईडी की जांच में सामने आया कि एमएस शोभा लिमिटेड कंपनी ने अपने कर्मचारियों के नाम पर ही 48 लाख रुपए की कीमत पर 59 प्लॉट आवंटित कर दिए और बाद में इन प्लॉट पर विला तैयार कर महंगे दामों पर बेच दिए। कंपनी ने अपने कर्मचारियों को ही पार्टनर के रूप में दिखाया था।
इस मामले को ईडी ने मनी लॉड्रिंग की एक्ट 2002 के तहत दर्ज किया था0। वहीं इस मामले में हरियाणा पुलिस शोभा लिमिटेड के नाम पर पहले ही चार्जशीट दायर कर चुकी थी। ईडी के अनुसार इन प्लॉटों पर बने मकानों को महंगे दामों पर बेचकर कंपनी ने 200 करोड़ रुपए से अधिक का फायदा उठा लिया।
इससे पहले, इस मामले में ईडी ने वर्ष 2019 में मैसर्स सोभा लिमिटेड व उसके प्रबंधन के 17 ठिकानों की तलाशी ली थी। अशोक सोलोमन व प्रकाश गुरबक्सानी नाम के दो लोगों को ईडी द्वारा गिरफ्तार किया गया था।