_केन्द्रीय वाणिज्य व उद्योग मंत्री ने किया नई दिल्ली स्थित प्रगति मैदान में आयोजित इंडिया इंटरनेशनल ट्रेड फेयर 2022 का उद्घाटन
– यूपी, बिहार, झारखण्ड, केरल और महाराष्ट्र है पार्टनर व फोकस राज्य
सुभाष चौधरी /The Public world
नई दिल्ली। इंडिया इनेरनशनल ट्रेड फेयर अब वर्ष में दो बार आयोजित किया जा सकता है। इसमें व्यवसाय और उद्योग जगत के स्वदेशी उत्पाद को प्रदर्शित करने का सर्वाधिक अवसर दिया जाएगा जबकि देश के स्टार्ट अप को प्रमोट करने की व्यवस्था की जाएगी। यह सुझाव केंद्रीय वाणिज्य , उद्योग, उपभोक्ता एवं खाद्य मंत्री पीयूष गोयल ने दिया।
केंद्रीय मंत्री श्री गोयल सोमवार को आई टी पी ओ की ओर से नई दिल्ली स्थित प्रगति मैदान में आयोजित इंडिया इंटरनेशनल ट्रेड फेयर 2022 के उद्घाटन समारोह को संबोधित कर रहे थे। उन्होंनेप्रति वर्ष आयोजित होने वाले इस अंतरराष्ट्रीय ट्रेड फेयर के 41 वें संस्करण का उद्घाटन किया । इस अवसर पर अपने संबोधन में श्री गोयल ने कहा कि देश की व्यावसायिक विशालता और इसकी स्वदेशी ताकत को प्रदर्शित करने के लिए इस ट्रेड फेयर को वर्ष में दो बार आयोजित किया जाना चाहिए। इसके लिए उन्होंने मई जून माह का अवसर सुझाया। इस दूसरे फेज के ट्रेड फेयर में केवल स्टार्ट अप और मध्यम व लघु दर्जे व दूर दराज के उद्यमियों व उत्पादकों को ही अवसर दिया जाना चाहिए।
उनका कहना था कि 14 नवंबर को आयोजित होने ट्रेड फेयर को अंतरराष्ट्रीय स्तर का रहने दिया जाय जबकि दूसरे ट्रेड फेयर को स्वदेशी ताकत का प्रदर्शन करने के लिए व्यवस्थित किया जाए। इसमें देश सभी राज्यों से अधिक से अधिक उत्पादों को प्रदर्शित किया जाए। उन्होंने कहा कि इस आयोजन में शामिल होने की फीस भी न्यूनतम रखी जाए जिससे छोटे व ग्रामीण क्षेत्रों के उत्पादकों को भी शामिल होने में कठिनाई नहीं हो।
केंद्रीय वाणिज्य मंत्री ने कहा कि आई टी पी ओ मैनेजमेंट को इस आयोजन में केवल डिजिटल पेमेंट की इजाजत देने पर विचार करना चाहिए। इसके लिए संबंधित कंपनियां अपना आउटलेट भी यहाँ स्थापित कर सकती हैं जो मौके पर ही लोगों को डिजिटल पेमेंट अपनाने के लिए प्रेरित कर सकती है।
उनका सुझाव था कि आई टी पी ओ औद्योगिक संस्थानों के साथ मिल कर यहां कुछ कोर्सेस भी फ्रेम करनी चाहिए जिससे स्टूडेंट्स को ट्रेनिंग दी जा सकेगी.
केन्द्रीय मंत्री ने कहा कि यह सौभाग्य की बात है कि इस बार प्रगति मैदान में उपलब्ध भवनों की विशालता बढ़ गई है क्योंकि पिछले वर्ष ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाल नंबर 2 से 5 तक का उद्घाटन किया. इसलिए इस बार नए और पुराने दोनों ही भवन हमारे लिए उपलब्ध हैं. इससे कोविड-19 के बाद पहली बार पुराने स्वरूप में ट्रेड फेयर का आयोजन किया गया है।
उन्होंने कहा कि अगले बरस उम्मीद है कि हॉल नंबर वन और 6 भी उपलब्ध हो जाएगा जिससे यहां जगह की उपलब्धता और बढ़ जाएगी और अधिक संख्या में व्यापारियों और उद्यमियों को अपने उत्पाद प्रदर्शित करने का मौका मिलेगा। इससे यह मेला और भी बड़े स्वरूप में देश और दुनिया के लिए उपलब्ध होगा.उनका कहना था कि चाहे व्यापार हो या उद्योग या फिर पर्यटन के क्षेत्र आईटीपीओ द्वारा आयोजित इंडिया इंटरनेशनल ट्रेड फेयर देश और दुनिया के सामने प्रदर्शित करने के लिए बहुत महत्वपूर्ण प्लेटफार्म के रूप में स्थापित हो चुका है। आने वाले दिनों में भी इस प्रकार के ट्रेड फेयर की श्रृंखला लगातार देखने को मिलेगी।
उन्होंने कहा कि ट्रेड फेयर की दृष्टि से अब इंडस्ट्रियल ऑर्गेनाइजेशन एसोसिएशन आईटीपीओ और विशेषज्ञ मिलकर नए सिरे से सोचें और इसे और भी प्रासंगिक स्वरूप देने का सुझाव मंत्रालय के सामने रखें। देश की विशालता और व्यावसायिक एवं औद्योगिक विस्तार को देखते हुए क्या हम इस प्रकार की ट्रेड फेयर को वार्षिक तौर पर ही या फिर वर्ष में दो बार आयोजित करने का विचार कर सकते हैं।
उनका कहना था कि खासकर गर्मी की छुट्टियों में मई-जून की माह में पूरे देश में लोग अलग-अलग स्थानों पर पर्यटन की दृष्टि से निकलते हैं और बड़ी संख्या में लोग दिल्ली एनसीआर में भी आते हैं। मई जून के माह में पर्यटन की इस स्थिति का क्या हम एक और ट्रेड फेयर आयोजित कर इसका लाभ उठा सकते हैं ऐसा मेरा सुझाव है।
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि मई और जून के माह में एक और ट्रेड फेयर आयोजित करने पर विचार कर सकते हैं जिसमें सर्वाधिक फोकस स्टार्टअप पर दिया जाए। साथ ही महिला उद्यमियों को मध्यमवर्गीय उद्यमियों को लघु व सूक्ष्म उद्यमियों को और व्यापार जगत से जुड़ी हुई संस्थाओं को जोड़कर एक स्वदेशी ट्रेड फेयर लगाया जा सकता है।
उनके अनुसार इसके माध्यम से एक स्वदेशी व्यावसायिक व औद्योगिक ताकत दिखाने का मौका दिया जा सकता है। इसमें भारत की ताकत को बड़े रूप में प्रदर्शित किया जा सकता है। इसमें अधिकतम फोकस व्यापार जगत परी हो जबकि सर्विस सेक्टर और आईटी सेक्टर को भी जोड़ा जा सकता है इसके अलावा पर्यटन को भी इसमें शामिल किया जा सकता है। खासकर ऐसे क्षेत्र जिसका देश और दुनिया में अच्छा प्रभाव देखने को मिला है उसे प्रदर्शित किया जा सकता है।
केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि मई-जून में होने वाले ट्रेड फेयर की थीम भारत की आत्मनिर्भरता पर आधारित होनी चाहिए। इसमें भारतीय उत्पादों की गुणवत्ता को सर्वोपरि रखा जाए। इसके लिए अगर जरूरी हो तो संबंधित सर्टिफिकेशन देने वाली आई एस आई या आई एस ओ आईएफएस जैसी संस्थाओं से सर्टिफिकेशन लेना अनिवार्य कर दिया जाए।
उन्होंने कहा कि उस ट्रेड फेयर के लिए इस बात का भी ध्यान रखा जाए कि उसमें ऐसे लोगों को मौका दिया जाए जिन्हें बड़े ट्रेड फेयर में शामिल होने का अवसर नहीं मिला है। उक्त आयोजन अगर संभव हो तो नो प्रॉफिट नो लॉस पर किया जाए और इसमें शामिल होने के लिए निर्धारित शुल्क भी न्यूनतम रखना चाहिए। इससे देश के कोने कोने से अधिक से अधिक लोगों को यहां आकर अपने उत्पाद देश के सामने रखने में आसानी होगी। इससे दुनिया को भी भारत की नई उभरती ताकत की जानकारी मिलेगी।
प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी का हवाला देते हुए, वाणिज्य मंत्री ने कहा कि “गति एक महत्वाकांक्षा है और स्केल हमारी ताकत है। जिस नए भारत की हम परिकल्पना कर रहे हैं वह गति और पैमाने के साथ जुड़ जाएगा”। मंत्री ने कहा कि स्केल का ऐसे मेलों के प्रभाव और महत्व पर असर पड़ता है।
श्री गोयल ने प्रस्ताव दिया कि आईटीपीओ और आईआईएफटी संयुक्त रूप से फिजिकल, हाइब्रिड या वर्चुअल मोड में कुछ पाठ्यक्रम विकसित करने पर विचार करें, ताकि ऐसे पेशेवर तैयार किए जा सकें जो हमें ऐसे मेलों को अत्याधुनिक, पोस्ट-मॉडर्न और व्यवसायों और आम लोगों के लिए अधिक आकर्षक बनाने में मदद करेंगे।
मंत्री ने कहा कि व्यापार मेलों के पारिस्थितिकी तंत्र को ‘गति’ और ‘शक्ति’ दोनों देने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि पीएम गतिशक्ति मास्टर प्लान का उपयोग पूरे देश में मेलों और प्रदर्शनियों की योजना बनाने के लिए किया जा सकता है।
श्री गोयल ने कहा कि केंद्र और राज्य सहकारी और प्रतिस्पर्धी संघवाद की भावना से एक साथ काम करते हैं और भारत को एक विकसित राष्ट्र बनने की राह पर आगे ले जाने के लिए IITF जैसी पहलों की कल्पना और कार्यान्वयन के लिए प्रतिस्पर्धा और सहयोग करते हैं। उन्होंने कहा कि आने वाले समय में भारत दुनिया का ग्रोथ इंजन बनेगा।
IITF ‘वोकल फॉर लोकल’ अभियान के तहत भारतीय उत्पादों को प्रदर्शित करने के लिए एक आदर्श मंच प्रदान करता है, और भारतीय अर्थव्यवस्था में नए सिरे से आत्मविश्वास और जोश भरता है।
IITF के 41वें संस्करण में भारत और विदेशों से लगभग 2500 प्रदर्शक भाग लेंगे। यह 73,000 sq.mtr के कुल क्षेत्र में आयोजित किया जा रहा है। इस वर्ष, बिहार, झारखंड और महाराष्ट्र भागीदार राज्य हैं और उत्तर प्रदेश और केरल फोकस राज्य हैं। 29 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के प्रदर्शक IITF में भाग लेंगे। उल्लेखनीय है कि लेह लद्दाख इस वर्ष पहली बार भाग ले रहा है। 41वें आईआईटीएफ में अफगानिस्तान, बांग्लादेश, बहरीन, बेलारूस, ईरान, नेपाल, थाईलैंड, तुर्की, यूएई, यूके सहित 12 देशों के विदेशी प्रदर्शक भी शामिल होंगे। अतीत की तरह, राज्य दिवस समारोह, सेमिनार और सांस्कृतिक कार्यक्रम आगंतुकों के अतिरिक्त आकर्षणों में से हैं।
इस अवसर पर वाणिज्य और उद्योग राज्य मंत्री सोम प्रकाश, वाणिज्य राज्य मंत्री अनुप्रिया पटेल, यूपी, बिहार, झारखण्ड, केरल और महाराष्ट्र जैसे फोकस राज्यों के मंत्री, मुख्य सचिव, वरिष्ठ अधिकारी, आई टी पी ओ ई डी और अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।