वनवासी कल्याण आश्रम के राष्ट्रीय अध्यक्ष रामचंद्र खराड़ी का पहला हरियाणा प्रवास : बुधवार को गुरुग्राम पहुंचेंगे

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 राजस्थान में प्रशासनिक सेवा में रहे रामचंद्र खराड़ी को अक्टूबर 2020 में अखिल भारतीय वनवासी कल्याण आश्रम का तीसरा राष्ट्रीय अध्यक्ष चुना गया था। 16 नवम्बर से वे हरियाणा के 5 -दिवसीय प्रवास पर है।

गुरुग्राम। पूरे देश में वनवासियों के सर्वांगीण विकास के लिए कार्य कर रही संस्था ‘अखिल भारतीय वनवासी कल्याण आश्रम’ के राष्ट्रीय अध्यक्ष रामचंद्र खराड़ी आगामी बुधवार को गुरुग्राम आ रहे है। राष्ट्रीय अध्यक्ष चयनित होने के बाद उनका यह पहला हरियाणा दौरा है।

रामचन्द्र खराड़ी आगामी 16 से 20 नवम्बर तक हरियाणा के प्रवास पर है तथा गुरुग्राम के पश्चात् वे हिसार, कैथल, पानीपत तथा फरीदाबाद भी जायेंगे। वे इन ज़िलों में वनवासी कल्याण आश्रम द्वारा आयोजित जनजातीय गौरव दिवस से संबधित कार्यक्रमों में हिस्सा लेंगे, हरियाणा में गैर वनवासी क्षेत्रों में हो रहे कार्यों का अवलोकन करेंगे तथा कार्यकर्ताओं को सुझाव भी देंगे। 21 नवम्बर को प्रातः वे जयपुर के लिए प्रस्थान कर जांयेंगे।

वनवासी कल्याण आश्रम, गुरुग्राम के विभाग संयोजक जगदीश कुकरेजा के अनुसार रामचंद्र खराड़ी गुरुग्राम में बुधवार को आयोजित होने वाले “जनजातीय गौरव दिवस” कार्यक्रम व स्वागत समारोह में मुख्य वक्ता के रूप में उपस्थित होंगे। वनवासी कल्याण आश्रम, गुरुग्राम द्वारा आयोजित इस कार्यक्रम की अध्यक्षता राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ हरियाणा के प्रान्त संघचालक मा० पवन जिंदल जी करेंगे। इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि समाज सेवी एवं सी एस आर ट्रस्ट हरियाणा के उपाध्यक्ष बौद्ध राज सीकरी तथा समाज सेवी व कारोबारी ओम प्रकाश कथूरिया वशिष्ठ अतिथि होंगे।

गवर्नमेंट गर्ल्स कॉलेज में आयोजित इस कार्यक्रम में मंच संचालन डा अशोक दिवाकर, निदेशक, अशोक सिंघल वेद विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय करेंगे।

अखिल भारतीय वनवासी कल्याण आश्रम’ के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष जगदेवराम उंराव के 15 जुलाई 2020 को असामयिक निधन के बाद, राजस्थान से रामचंद्र खराड़ी को 11 अक्टूबर 2020 को तीसरे राष्ट्रीय अध्यक्ष के रूप में चयनित किया गया था ।

रामचंद्र खराड़ी जी का जन्म 15 जनवरी 1955 को राजस्थान के उदयपुर जिले के खरवड़ गाँव की भील जाति के साधारण परिवार में हुआ। बचपन में ही मेधावी रामचन्द्र जी ने स्नातक की पढ़ाई के बाद सरकारी नौकरी से जीवन कि शुरुआत की तहसीलदार, सब डिविजनल मजिस्ट्रेट तथा अतिरिक्त जिलाधिकारी आदि सरकारी पदों पर रहते हुए आपने राजस्थान के विभिन्न जिलों में भूमि संबंधी अनेक मामलों के निपटारे में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई एवं प्रशासनिक क्षेत्र में लोकप्रियता हासिल की।

इस बीच 1995 में गायत्री परिवार के सेवा कार्यों से आपका संपर्क हुआ। वर्ष 2003 में डूंगरपुर में छात्रावास भवन निर्माण के समय उनका वनवासी कल्याण आश्रम के कार्यों से सम्पर्क हुआ और यह सम्पर्क धीरे-धीरे प्रगाढ़ होता गया। कल्याण आश्रम के कार्यों से प्रभावित होकर उन्होंने 2014 में सरकारी सेवा से स्वेच्छिक सेवानिवृति लेकर पूर्ण रूप से जनजाति समाज के सर्वांगीण विकास कार्यों में स्वयं को समर्पित कर दिया।

2016 में रामचंद्र खराड़ी राजस्थान वनवासी कल्याण परिषद के अध्यक्ष बने तथा दो वर्षों तक वे वनवासी कल्याण आश्रम की राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्य के रूप में भी सेवारत रहे । लोकसंग्रही, प्रभावी वक्ता एवं स्पष्ट विचारों के धनी के रूप में उनकी पहचान ने कार्यकर्ताओं में एक नए उत्साह का संचार किया। उनके सेवा कार्यों से प्रभावित होकर 2017 में उनको संत ईश्वर सेवा पुरस्कार’ से सम्मानित किया गया।

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