प्रदेश की चीनी मिलों में खोई से ईंधन ब्रेकेट बनाने की प्रक्रिया होगी शुरू : सहकारिता मंत्री

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चंडीगढ़, 11 नवंबर : सहकारिता, अनुसूचित जाति एवं पिछड़ा वर्ग कल्याण मंत्री डा. बनवारी लाल ने कहा कि कैथल सहकारी चीनी मिल की तर्ज पर प्रदेश की सभी चीनी मिलों में खोई से ईंधन के ब्रेकट बनाने की प्रक्रिया लागू की जाएगी। इससे चीनी मिल की आय में बढ़ोत्तरी होगी और चीनी मिलें आत्मनिर्भर बनेंगी।   डा. बनवारी लाल कैथल शुगर मिल के 32 वें पिराई सत्र का शुभारंभ कर रहे थे।

सहकारिता मंत्री ने कहा कि कैथल चीनी मिल ने प्रदेश व राष्ट्रीय स्तर पर कई पुरस्कार प्राप्त किए हैं। इस मिल में बेहतर क्वालिटी का गुड़ व शक्कर बनाया जा रहा है। इसके साथ-साथ सीजन के दौरान किसानों को मात्र 10 रुपये में भोजन मुहैया करवाने की व्यवस्था की है, जिससे गन्ने की फसल बेचने आने वाले किसानों को लाभ मिल रहा है।

उन्होंने कहा कि मिल का लक्ष्य 41 हजार 500 क्विंटल गन्ने की पिराई का रखा गया है और किसानों को गन्ने की फसल का भुगतान समय पर किया जा रहा है। साथ ही गन्ने की अच्छी वैरायटी लगाने के लिए समय-समय पर जागरूक किया जा रहा है, ताकि किसान अधिक पैदावार ले सकें। इससे चीनी की रिकवरी ठीक आएगी और उत्पादन भी बेहतर होगा। उन्होंने कहा कि चीनी मिलों में बायोगैस बनाने की दिशा में कार्य किया जा रहा है, जिससे भविष्य में यह व्यवस्था अन्य चीनी मिलों में लागू की जाएगी।

सहकारिता मंत्री ने कहा कि कैथल मिल की पिराई क्षमता 2500 से बढ़ाकर 3 हजार टीडीसी करने व आधुनिकीकरण के प्रोजेक्ट के लिए दिसंबर माह में टेंडर लगाए जाएंगे। इस प्रोजेक्ट पर लगभग 86 करोड़ रुपये का अनुमान है। इसके अलावा ईटीपी प्लांट के आधुनिकीकरण का कार्य किया जा रहा है, जिस पर लगभग 6 करोड़ रुपये खर्च होंगे। इस मिल में 120 केएलपीडी क्षमता का एथोनॉल प्रोजैक्ट जींद चीनी मिल के साथ मिलकर लगाया जाएगा। इस योजना के तहत 2-2 मिल कलस्टर के रूप से स्थापित किए जाएंगे।

इस मौके पर कैथल की उपायुक्त डॉ. संगीता तेतरवाल, एमडी ब्रह्म प्रकाश सहित कई अधिकारी एवं पदाधिकारी मौजूद रहे।

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