नई दिल्ली : कांग्रेस पार्टी ने आज हिमाचल और गुजरात विधानसभा चुनाव के वक्त एक बार फिर नोटबंदी का मामला उठाते हुए केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार को घोरने की कोशिश की. कांग्रेस पार्टी ने आरोप लगे कि जिन दावों के साथ नोटबंदी की गई, उनमें से एक भी दावा पूरा नहीं हुआ। पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता गौरव बल्लभ ने कांग्रेस मुख्यालय में आयोजित प्रेसवार्ता में यह कहते हुए कटाक्ष किया कि छोटी से छोटी चीज का क्रेडिट लेने को उतावले PM मोदी, नोटबंदी का नाम लेने से भी बचते हैं।
गौरव बल्लभ ने कहा कि आज न कोई उत्सव होता है, न कोई ‘धन्यवाद मोदी जी’ कहता है। उन्होंने कहा कि 8 नवंबर 2016 का दिन सबको याद होगा, आज भारत की अर्थव्यवस्था को नष्ट करने के फैसले की छठी बरसी है।
कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा कि नोटबंदी के 50 दिन के बाद आज तक सरकार ने नोटबंदी का नाम तक नहीं लिया है. उन्होंने सख्त लहजे में आरोप लगाया कि हिंदुस्तान के इतिहास की सबसे बड़ी ऑर्गेनाइज्ड लूट 8 नवबंर 2016 को नोटबंदी के माध्यम से सरकार ने की.
गौरव बल्लभ ने कहा कि पिछले 6 साल में अर्थव्यवस्था में जो कैश-इन-सर्कुलेशन है, वो 72% बढ़ा है। 2016 में अर्थव्यवस्था में कैश सर्कुलेशन 17.97 लाख करोड़ था, जो आज 30.88 लाख करोड़ हो चुका है। कैशलेस से लेस कैश होते-होते कैश सर्कुलेशन 72% बढ़ा है.
नोटबंदी पर सरकार के दावे धराशायी हो गए .
उन्होंने कहा कि कालाधन कम नहीं हुआ, स्विस बैंक में भारतीयों का धन 14 साल के उच्चतम स्तर पर है. फेक करंसी भी कम नहीं हुई, RBI की 2021-22 की रिपोर्ट के अनुसार 500 के नकली नोटों में 102% की बढ़त, 2000 के नकली नोटों में 55% की बढ़त हुई है .
कांग्रेस प्रवक्ता ने यह कहते हुए नोटबंदी के दौर की याद दिलाई कि PM ही नहीं, उनके पार्टी के नेता भी तब जनता का मज़ाक उड़ा रहे थे। एक वीडियो वायरल हुआ जिसमें BJP के सांसद बैंकों के बाहर लाइन में लगे लोगों का मज़ाक बना रहे थे। तीर्थराजी देवी की कहानी एकलौती कहानी नहीं है। ऐसी तमाम कहानियां हैं। नोटबंदी से तमाम लोग तबाह हुए, नजाने कितनी जानें चली गईं। खबरें इसकी गवाह हैं।
उन्होंने यह कहते हुए आश्चर्य व्यक्त किया कि PM कार्यालय कहता है- नोटबंदी से कितनी मौत हुई, इसकी ‘सूचना’ नहीं। और PM मोदी इस तरीके से लोगों का मखौल उड़ाते रहते हैं. तीर्थराजी देवी, यूपी के कुशीनगर की रहने वाली थीं। मज़दूरी करतीं, पति कपड़े धोने का काम करते। 9 नवंबर 2016, नोटबंदी की अगली सुबह। तीर्थराजी देवी 1 हजार के 4 नोट लेकर बैंक पहुंचीं। यह उनकी जमा पूंजी थी। बैंक बंद था, पास की चाय की दुकान पर नोटबंदी की खबर सुनी, सदमा लगा, मौत हो गई।