-शुद्ध प्रत्यक्ष कर संग्रह वित्त वर्ष 2022-23 में 23% बढ़
-इसी वित्त वर्ष में 17.09.2022 तक अग्रिम कर संग्रह 2,95,308 करोड़ रुपये पर पहुंचे जो कि 17% की बढ़ोतरी दर्शाता है
-चालू वित्त वर्ष में कुल 1,35,556 करोड़ रुपये के रिफंड जारी जो कि पिछले वर्ष की तुलना में 83% ज्यादा हैं
नई दिल्ली : देश में प्रत्यक्ष कर संग्रह बहुत मजबूत रफ्तार से बढ़ना जारी रखे हुए हैं, जो कि महामारी के बाद आर्थिक गतिविधियों के रिवाइवल का एक साफ संकेत है। ये सरकार की स्थिर नीतियों का भी परिणाम है जिसमें प्रक्रियाओं को सरल और सुव्यवस्थित करने पर ध्यान दिया गया है और तकनीक के असरदार इस्तेमाल से कर रिसाव को रोका गया है।
वित्त वर्ष 2022-23 के लिए 17.09.2022 तक प्रत्यक्ष कर संग्रह के आंकड़े बताते हैं कि इसके शुद्ध संग्रह 7,00,669 करोड़ रुपये रहे हैं जबकि बीते वित्त वर्ष यानी 2021-22 की इसी अवधि में ये 5,68,147 करोड़ रुपये पर थे, जो कि 23% की बढ़ोतरी दर्शाते है। 7,00,669 करोड़ रुपये का जो शुद्ध प्रत्यक्ष कर संग्रह है (नेट रिफंड) उसमें 3,68,484 करोड़ रुपये का निगम कर (सीआईटी) और प्रतिभूति लेनदेन कर (एसटीटी) सहित 3,30,490 करोड़ रुपये पर व्यक्तिगत आयकर (पीआईटी) शामिल है।
वित्त वर्ष 2022-23 के लिए प्रत्यक्ष करों का सकल संग्रह (रिफंड के लिए समायोजन से पहले) 8,36,225 करोड़ रुपये है जिसकी तुलना में पिछले वित्त वर्ष यानी 2021-22 की इसी अवधि में ये 6,42,287 करोड़ रुपये था, वित्त वर्ष 2021-22 के संग्रह पर ये 30% की बढ़ोतरी थी।
8,36,225 करोड़ रुपये के सकल संग्रह में 4,36,020 करोड़ रुपये का निगम कर (सीआईटी) शामिल है और 3,98,440 करोड़ रुपये पर प्रतिभूति लेनदेन कर (एसटीटी) सहित व्यक्तिगत आयकर (पीआईटी) शामिल है। छोटी मदों में कर संग्रह की बात करें तो इसमें 2,95,308 करोड़ रुपये का अग्रिम कर; 4,34,740 करोड़ रुपये का स्रोत पर काटा गया कर; 77,164 करोड़ रुपये का स्व-मूल्यांकन कर; 20,080 करोड़ रुपये का नियमित मूल्यांकन कर; और अन्य छोटी मदों के तहत 8,933 करोड़ रुपये का कर शामिल है।
वित्त वर्ष 2022-23 की पहली और दूसरी तिमाही के लिए 17.09.2022 तक संचयी अग्रिम कर संग्रह 2,95,308 करोड़ रुपये पर रहा जबकि उससे तत्काल पिछले वित्त वर्ष 2021-22 की इसी अवधि के लिए अग्रिम कर संग्रह 2,52,077 करोड़ रुपये था जो 17% की बढ़ोतरी दर्शाता है। इस 2,95,308 करोड़ रुपये के अग्रिम कर संग्रह में 2,29,132 करोड़ रुपये का निगम कर (सीआईटी) और 66,176 करोड़ रुपये का व्यक्तिगत आयकर (पीआईटी) शामिल है।
चालू वित्त वर्ष के दौरान दाखिल आयकर रिटर्न की प्रोसेसिंग की रफ्तार में उल्लेखनीय बढ़ोतरी हुई है। इनमें लगभग 93 प्रतिशत विधिवत रूप से सत्यापित आईटीआर 17.09.2022 तक प्रोसेस किए जा चुके हैं। इसके नतीजतन चालू वित्त वर्ष में जारी किए गए रिफंडों की संख्या में लगभग 468% की बढ़ोतरी के साथ उन्हें तेजी से जारी किया गया है। वित्त वर्ष 2022-23 में 17.09.2022 तक 1,35,556 करोड़ रुपये के रिफंड जारी किए गए हैं। पिछले वित्तीय वर्ष 2021-22 में इसी अवधि के दौरान 74,140 करोड़ रुपये के रिफंड जारी किए गए थे जो कि 83% से ज्यादा की ग्रोथ दिखाता है।