केन्द्रीय गृह मंत्री ने नवा रायपुर, छत्तीसगढ़ में राष्ट्रीय जाँच एजेंसी (NIA) के कार्यालय का उद्घाटन किया
रायपुर : केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने आज नवा रायपुर, छत्तीसगढ़ में राष्ट्रीय जाँच एजेंसी (NIA) के कार्यालय का उद्घाटन किया। इस अवसर पर छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह, केन्द्रीय मंत्री रेणुका सिंह, एनआईए के महानिदेशक दिनकर गुप्ता और जाँच एजेंसी के वरिष्ठ अधिकारियों समेत अनेक गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे। अमित शाह ने तीजा पोला पर्व के अवसर पर समग्र छत्तीसगढ़वासियों को हार्दिक शुभकामनाएँ दीं। उन्होने कहा कि हमारे पूर्वजों ने बहुत सोच समझकर पर्व और त्योहार बनाए हैं और इनमें अनेक चीजों को जोड़कर जनमानस को व्यापक प्रशिक्षण देने का संदेश रखा है।
केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा कि छत्तीसगढ़ में राष्ट्रीय जाँच एजेंसी का नया भवन एनआईए की बढ़ती साख का प्रतीक है। उन्होंने कहा कि किसी भी एजेंसी को बनने, उभरने, साख बनाने, अपनी व्यवस्थाओं को प्रस्थापित करने और परिणाम लाने में एक लंबा समय लगता है। एनआईए की स्थापना को बहुत अधिक समय नहीं हुआ है लेकिन एनआईए ने अल्पकाल मे ही अपने कार्यक्षेत्र के हर पहलू में बेंच मार्क स्थापित कर पूरे विश्व में एक प्राइम एंटी टेरर इंवेस्टिगेशन एजेंसी (Prime Anti-Terror Investigation Agency) की मान्यता प्राप्त की है और यह पूरे देश के लिए बहुत ही गर्व की बात है।
अमित शाह ने कहा कि एनआईए ने दोषसिद्धि और कनविक्शन में गोल्ड स्टैंडर्ड स्थापित किए हैं। एनआईए ने क़रीब 94 प्रतिशत दोषसिद्धि हासिल की है और वो भी ऐसे मामलों में जहां साक्ष्य मिलना ही बहुत मुश्किल है। गृह मंत्री ने कहा कि ऐसे मामले जिनका षड्यंत्र देश की सीमाओं के बाहर रचा गया हो और घटनाओं में शामिल ज़्यादातर लोगों के घटनास्थल पर ही मरने की संभावना होती है उनकी तह तक जाना और इनमें शामिल लोगों व देश की सीमा के अंदर और बाहर इनका सहयोग करने वालों के पूरे नेटवर्क को ढूँढ निकालकर और उसे ख़त्म करने में एनआईए ने अपनी स्थापना के सभी उद्देश्यों को गरिमापूर्ण तरीक़े से सफलतापूर्वक पूरा किया है। केंद्रीय गृह इसके लिए एनआईए के महानिदेशक और एनआईए की पूरी टीम को बधाई दी।
गृह मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व में भारत सरकार ने पिछले 3 साल में एनआईए को एक फेडरल क्राईम इन्वेस्टिगेशन एजेंसी बनाने के लिए अनेक महत्त्वपूर्ण कदम उठाए हैं। उन्होंने कहा कि विगत वर्षों में एनआईए ने 10 राज्यों में अपने काम का विस्तार किया है और 3 साल में 18 राज्यों में अपनी पहुँच को मजबूत किया है। श्री शाह ने उम्मीद जताई कि मई 2024 से पहले एनआईए देश के सभी राज्यों में अपनी उपस्थिति दर्ज करा लेगी।
श्री शाह ने कहा कि मोदी सरकार ने वामपंथी उग्रवाद और जाली करेंसी तथा नारकोटिक्स समेत आतंकवाद से जुड़े सभी अपराधों के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति अपनाई है और इसीलिए सरकार ने एनआईए को मजबूत करने में कोई कसर नहीं छोड़ी है। उन्होने कहा कि नरेंद्र मोदी सरकार जीरो टॉलरेंस नीति को और मजबूत बनाने के लिए राजनीतिक दलों से परे हटकर आतंकवाद संबंधी सारी सूचनाओं को राज्यों के साथ साझा करने और आतंकवाद विरोधी सभी कानूनों को पुख्ता और सख्त बनाने का काम कर रही है। उन्होने कहा कि आतंकवाद विरोधी जांच करने वाली सभी संस्थाओं को मजबूत करने और इसमें दोष सिद्धि के परिणाम को शत प्रतिशत करने का लक्ष्य रखने की जरूरत है। गृह मंत्री ने कहा कि एनआईए को मजबूत करने के लिए Quality of Investigation, Best Manpower and Training, Continuous Learning Process, Best Technique – Cyber and Forensic help को इसकी कार्यपद्धति में शामिल किया है। इसके परिणामस्वरूप एनआईए ने धीरे धीरे अपने आपको एक आतंकवाद विरोधी इंस्टिट्यूशन के रूप स्थापित कर लिया है और भरोसा है कि आने वाले दिनों में इससे आतंकवाद और वामपंथी उग्रवाद की समस्या से देश को मुक्त कराने में बहुत अधिक फायदा होगा।
गृह मंत्री ने कहा कि 2019 के बाद सरकार ने एनआईए एक्ट और यूएपीए एक्ट में बहुत महत्वपूर्ण संशोधन किए हैं। एनआईए का दायरा देश से बढ़ाकर जिन देशों के साथ हमारी राजनयिक सन्धियाँ है उन देशों तक बढ़ाने का काम किया है ताकि आतंकवाद की प्लानिंग कहीं पर भी हुई हो, एनआईए प्लानिंग करने वालों तक पहुंच सके और बाहर से प्रेरित किसी भी आतंकवादी हमले की जड़ तक जांच कर सके। इसके अलावा मानव तस्करी, प्रतिबंधक विस्फोटक और साइबर अपराध जैसे मुकदमों की जांच का अधिकार भी एनआईए को दिया गया है। आतंकवादी संगठनों को प्रतिबंधित करने और उन्हे आतंकवादी संगठन घोषित करने के साथ ही एनआईए को संगठनों के साथ-साथ व्यक्तियों को भी आतंकवादी घोषित करने का अधिकार दिया गया है। उन्होने कहा कि आमतौर पर देखा जाता था कि जब किसी संगठन पर प्रतिबंध लगता था तो आतंकी दूसरे नाम से नया संगठन बना लेते मगर जब व्यक्ति को ही आतंकवादी घोषित कर प्रतिबंधित किया जाता है तब उनकी मुश्किलें बढ़ जाती हैं । गृह मंत्री ने कहा कि अब तक एनआईए ने 36 व्यक्तियों को आतंकवादी घोषित करने का काम किया है और इसे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी मान्यता प्राप्त हुई है।
श्री शाह ने कहा कि एनआईए न केवल एक इन्वेस्टिगेशन एजेंसी बल्कि इस क्षेत्र का पूरा डेटाबेस तैयार करने वाली संस्था होनी चाहिए। सरकार ने देश के अंदर विगत 50 साल के अंदर हुई आतंकवादी घटनाओं की एफ़आईआर,उनका इन्वेस्टिगेशन और उनके बारे में सर्वोच्च न्यायालय तक के फैसले का एनआईए के पास एक डाटाबेस बनाने की शुरुआत की है। इसी तरह विस्फोटक सामग्री का भी डेटाबेस बनाने का प्रयास किया है और एनआईए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के द्वारा इस डेटाबेस का एनालिसिस कर आतंकवादियों के काम की पद्धति ढूंढने में प्रयासरत है। यह विश्लेषण राज्य एटीएस और क्राइम ब्रांच के अफसरों की ट्रेनिंग में बहुत काम आएगा।
गृह मंत्री ने कहा कि मोदी सरकार बनने के बाद कश्मीर को पूर्णतया आतंकवाद मुक्त करने का प्रयास किया है। धारा 370 हटाने के बाद कश्मीर में शांति दिखाई पड़ती है और सुरक्षा एजेंसियों ने आतंकवादी गतिविधियों पर संपूर्ण वर्चस्व प्रस्थापित कर इन पर लगाम लगा दी है। उन्होने कहा कि इसका एक महत्वपूर्ण कारण एनआईए द्वारा टेरर फंडिंग करने वाले सभी जो लोगों के खिलाफ 2018, 2019 और 2020 में की गई कठोर कारवाई है। श्री शाह ने कहा कि इस अवधि में टेरर फंडिंग के 105 मामले दर्ज किए और 876 आरोपियों को पकड़ा गया जबकि 105 में से 94 मामलों में चार्जशीट भी दायर कर ली गई है।
केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा कि नरेंद्र मोदी सरकार ने वामपंथी उग्रवाद को भी मूल समेत उखाड़ने का संकल्प किया है। अब वामपंथी उग्रवाद बहुत कम जिलों में सिमट कर रह गया है। उन्होने कहा कि 2009 में वामपंथी उग्रवाद की सर्वाधिक घटनाएं 2258 हुई थी इसमें 77% कटौती के साथ 2021 में वे सिर्फ 509 रह गई। जान गँवाने वाले नागरिक और सुरक्षाकर्मी जो 2009 में सर्वाधिक 1005 थे उसमें 85% की कमी होकर 2021 में सिर्फ 147 लोगों की जान गई। श्री शाह ने कहा कि पहले वामपंथी उग्रवाद 120 जिलों तक फैला हुआ था जो अब सिर्फ 46 तक रह गया है, यह एक बहुत बड़ी उपलब्धि है। हिंसक घटनाओं में 50% की कमी और आत्मसमर्पण में 140% की वृद्धि बताती है कि इसके खिलाफ बहुत अच्छी सफलता मिली है।
उन्होने कहा कि छत्तीसगढ़ के कुछ क्षेत्र अभी भी वामपंथी उग्रवाद से ग्रसित हैं लेकिन पूरा विश्वास है कि भारत और छत्तीसगढ़ सरकार दोनों मिलकर इस राज्य से भी वामपंथी उग्रवाद को खत्म करने में सफल होंगी। गृह मंत्री ने कहा कि भारत सरकार वामपंथी उग्रवाद और आतंकवाद के खिलाफ राज्य सरकारों का सहयोग लेती भी है और उन्हे सहयोग देती है। यह लड़ाई किसी राज्य सरकार या केंद्र सरकार के सामने नहीं है बल्कि मानवता देश और अर्थ तंत्र के खिलाफ है। जब तक वामपंथी उग्रवाद समाप्त नहीं होता तब तक इससे प्रभावित क्षेत्रों में विकास नहीं पहुंच सकता और जब तक विकास नहीं होता तब तक लोगों का भला नहीं हो सकता।
अमित शाह ने कहा कि सरकार ने वामपंथी उग्रवाद प्रभावित क्षेत्रों में विकास के लिए भी बहुत सारे कदम हमने उठाए हैं। इन क्षेत्रों में कनेक्टिविटी,शिक्षा,रोजगार,सड़कों का निर्माण और सुरक्षा बलों को मजबूत किया जा रहा है। उन्होने कहा कि विगत 8 साल में इस लड़ाई को निर्णायक परिणाम तक पहुंचाने में बहुत सफलता मिली है।