पटना : बिहार में एक बार फिर नया राजनीतिक बखेड़ा खड़ा हो गया है. बिहार विधानसभा के अध्यक्ष विजय कुमार सिन्हा ने पद से इस्तीफा देने से इनकार कर दिया है. उन्होंने कहा है कि उन्हें अविश्वास प्रस्ताव सम्बन्धी जो नोटिस दिया गया है वह विधायी नियमों और प्रावधान के खिलाफ है. विजय सिन्हा ने कहा है कि अविश्वास प्रस्ताव के जरिए इस्तीफा देने से मेरे स्वाभिमान को ठेस पहुंचेगी.
खबर है कि विधानसभा सचिवालय की तरफ से जो नोटिस भेजा गया उसे विजय सिन्हा ने लेने से इनकार कर दिया है. अब अविश्वास प्रस्ताव के नोटिस को नहीं लेने और इस्तीफा देने से इनकार करने के बाद बिहार विधानसभा का सत्र हंगामेदार होने की प्रबल आशंका है.
दरअसल गत 10 अगस्त को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भारतीय जनता पार्टी नीत एन डी ए गठबंधन से नाता तोड़कर राजद वाले महागठबंधन के साथ हाथ मिला लिया था. प्रदेश में नई सरकार बना ली है. नई सरकार के गठन के तुरंत बाद महागठबंधन के 40 से अधिक विधायकों ने विजय सिन्हा के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव का नीतिस दिया है.
बिहार के 243 सदस्यीय विधानसभा में महागठबंधन के 160 से अधिक विधायक हैं. विधानसभा में अध्यक्ष के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव के लिए साधारण बहुमत की आवश्यकता होती है. सूत्रों का कहना है कि 79 विधायकों वाली सबसे बड़ी पार्टी राजद अपने नेता अवध बिहारी चौधरी को संवैधानिक पद के लिए नामांकित करते हुए अध्यक्ष पद के लिए दावा पेश करेगी. चर्चा यह भी है कि बिहार विधान परिषद के कार्यवाहक अध्यक्ष एवं भाजपा नेता अवधेश नारायण सिंह को भी हटाया जा सकता है. ऐसी चर्चा है कि नितीश कुमार इस पद पर देवेश चंद्र ठाकुर को बैठना चाहते हैं.