नई दिल्ली : नागरिक उड्डयन मंत्रालय की सलाहकार समिति की बैठक आज नई दिल्ली में आयोजित हुई। चर्चा का विषय “डिजी यात्रा” था। इस समिति के सदस्य सांसदों ने बैठक में भाग लिया और इस परियोजना को लेकर कुछ बहुमूल्य सुझाव दिए।
“डिजी यात्रा” की पृष्ठभूमि बताते हुए केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री श्री ज्योतिरादित्य एम. सिंधिया ने कहा कि चेहरा पहचान प्रणाली (एफआरटी) के आधार पर हवाई अड्डों पर यात्रियों की संपर्क रहित, निर्बाध प्रोसेसिंग को हासिल करने के लिए ये परियोजना सोची गई है। इस परियोजना का मूल विचार ये है कि कोई भी यात्री बिना किसी कागज़ के या बिना कोई संपर्क किए विभिन्न चेक पॉइंट से गुजर सके। इसके लिए उसके चेहरे के फीचर्स का इस्तेमाल किया जाएगा जिससे उसकी पहचान स्थापित होगी जो सीधे उसके बोर्डिंग पास से जुड़ी होगी। उन्होंने कहा कि इस सिस्टम में गोपनीयता के मुद्दों का ध्यान रखा गया है। ये एक विकेन्द्रीकृत मोबाइल वॉलेट आधारित पहचान प्रबंधन प्लेटफॉर्म मुहैया करता है जो कि सस्ता भी है और डिजी यात्रा के कार्यान्वयन में गोपनीयता/डेटा सुरक्षा मुद्दों को भी संबोधित करता है। संशोधित डिजी यात्रा दिशा-निर्देशों की मंजूरी के बाद 18.04.2022 को डीजीसीए द्वारा एक एआईसी (वैमानिकी सूचना परिपत्र) प्रकाशित किया गया है।
कंपनी अधिनियम, 2013 की धारा 8 के तहत 2019 में एक संयुक्त उद्यम कंपनी के तौर पर डिजी यात्रा फाउंडेशन (डीवाईएफ) को स्थापित किया गया है। इसके शेयरधारक एएआई (26% शेयर) और बीआईएएल, डीआईएएल, जीएचआईएएल, एमआईएएल और सीआईएएल हैं। इन 5 शेयरधारकों के पास शेष 74% शेयर समान रूप से हैं। इस फाउंडेशन को डिजी यात्रा सेंट्रल इकोसिस्टम (डीवाईसीई) निर्मित करने के मकसद से बनाया गया था। डिजी यात्रा फाउंडेशन दरअसल एक अखिल भारतीय इकाई और यात्री आईडी सत्यापन प्रक्रिया का संरक्षक होगा। ये भारत में विमानन हितधारकों के बीच आम सहमति भी विकसित करेगा। ये स्थानीय हवाई अड्डा प्रणालियों के अनुपालन और दिशा-निर्देशों के मानदंडों को भी परिभाषित करेगा। ये संयुक्त उद्यम, स्थानीय हवाई अड्डा बायोमेट्रिक बोर्डिंग प्रणाली (बीबीएस) के लिए डिजी यात्रा दिशा-निर्देशों द्वारा परिभाषित विभिन्न अनुपालनों और दिशा-निर्देशों (सुरक्षा, इमेज क्वालिटी, डेटा की गोपनीयता पर दिशा-निर्देश सहित) के नियमित ऑडिट करेगा।
पहले चरण में डिजी यात्रा को अगस्त 2022 में वाराणसी और बेंगलुरु के दो हवाई अड्डों पर और अगले साल मार्च तक पुणे, विजयवाड़ा, कोलकाता, दिल्ली और हैदराबाद के पांच हवाई अड्डों पर शुरू करने का प्रस्ताव है। एएआई उन हवाई अड्डों की पहचान करेगा जहां डिजी यात्रा को चरणबद्ध तरीके से लागू किया जाएगा।
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