गुरुग्राम: जापानी प्रतिनिधिमंडल ने जापान के डॉ. जुनिया ओनिशी (प्रोजेक्ट लीडर, सस्टेनेबल लैंड मैनेजमेंट इन ड्रायलैंड एरियाज) इंटरनेशनल सेंटर फॉर एग्रीकल्चरल साइंसेज जापान, के नेतृत्व में श्री गुरु गोविंद सिंह ट्राई सैंटनरी विश्वविद्यालय गुरुग्राम में आयोजित अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन में हिस्सा लिया।
प्रतिनिधिमंडल में डॉ. कायो मात्सुई, मृदा वैज्ञानिक; डॉ. गुएनवू ली, अर्थशास्त्री; डॉ. काज़ुहिसा कोड़ा, जापान के इंजीनियर शामिल थे । इस प्रतिनिधिमंडल के साथ प्रो. (डॉ.) अशोक कुमार, डीन, कृषि विज्ञान संकाय, एसजीटी विश्वविद्यालय और डॉ. गजेंद्र यादव, वरिष्ठ वैज्ञानिक, आईसीएआर- सेंट्रल सॉइल सैलिनिटी रिसोर्ट इंस्टिट्यूट करनाल भी मौजूद रहें ।
जापानी प्रतिनिधिमंडल ने एसजीटी विश्वविद्यालय में आयोजित अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन में भाग लिया तथा उन्होंने करनाल में पराली के प्रबंधन और मिट्टी की लवणता को नियंत्रित करने और लवणीय सोडिक मिट्टी में जल निकासी में सुधार के लिए इसके उपयोग पर किए गए अपने शोध कार्य को प्रस्तुत किया।
जापान में आविष्कृत कट-सॉइलर नामक एक मशीन का उपयोग खेतों से पराली इकट्ठा करने और 45- 50 सेमी की गहराई पर मिट्टी में डालने के लिए किया जाता है। यह मशीन दोहरे उद्देश्य का प्रदर्शन कर रही है, यानी एक मिट्टी में कार्बनिक पदार्थों को शामिल करना और मिट्टी में जल निकासी और पानी के रिसाव में सुधार करना और किसानों को पराली को जलाने से रोकना, जो दिल्ली एनसीआर में और उसके आसपास अक्टूबर से दिसंबर के महीनों के दौरान प्रदूषण का कारण बनता है।
कृषि विज्ञान संकाय, एसजीटी विश्वविद्यालय, डॉ. हिदे ओमे, निदेशक, ट्रॉपिकल एग्रीकल्चरल रिसर्च फ्रंट, जेआईआरसीएएस, जापान के संपर्क में है, जो हाइड्रोपोनिक खेती पर परियोजनाओं में से एक के प्रभारी हैं, तथा पैनासोनिक, मित्सुबिशी और हिताची जैसी कई बहुराष्ट्रीय कंपनियों से भी जुड़े हुए हैं । यह परियोजना विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग, भारत, आईसीएआर- आईएआरआई और जेआईआरसीएएस के बीच चर्चा के प्रारंभिक चरण में है।
प्रो. अशोक कुमार ने प्रतिनिधिमंडल को एसजीटी विश्वविद्यालय में विशेष रूप से कृषि विज्ञान संकाय और छात्रों और शोधकर्ताओं के लिए उपलब्ध बुनियादी ढांचे और प्रयोगशाला सुविधाओं की उपलब्धियों से अवगत कराया। डॉ. ओनिशी ने एसजीटी विश्वविद्यालय के प्रबंधन और फैकल्टी की उनके गर्मजोशी से स्वागत और बेहतर प्रवास के लिए सराहना की। गौरतलब है कि जापान इंटरनेशनल सेंटर फॉर एग्रीकल्चरल साइंसेज (JIRCAS) और SGT विश्वविद्यालय के बीच भविष्य की सहयोगी गतिविधियों को सूखे और उच्च तापमान तनाव, हाइड्रोपोनिक्स और शहरी कृषि के प्रबंधन के प्रमुख क्षेत्रों में खोजा जा सकता है।
इस दौरान वैज्ञानिकों के प्रतिनिधि मंडल ने मनमोहन सिंह चावला मैनेजिंग ट्रस्टी दशमेश एजुकेशनल चैरिटेबल ट्रस्ट से उनके एसजीटी विश्वविद्यालय गुरुग्राम स्थित कार्यालय में मुलाकात भी की ।