– कृषि मंत्री ने कहा, टीम युवाओं को डेªगन, खजूर व मशरूम की खेती के लिए प्रेरित करने के साथ-साथ प्रशिक्षण दिलवाने का भी करेगी काम
-युवाओं के लिए रोजगार के अवसर भी होंगे सृजित
किसानों को किफायती व गुणवत्तापरक बीज मुहैया करवाने के लिए नई प्रणाली विकसित करें
चंडीगढ़ : हरियाणा के कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री जे.पी. दलाल ने कहा कि राज्य में डेªगन फल, खजूर फल व मशरूम को बढावा देने के लिए बागवानी विभाग की ओर से एक विशेष टीम का गठन किया जाएगा जो युवाओं को डेªगन, खजूर व मशरूम की खेती के लिए प्रेरित करने के साथ-साथ प्रशिक्षण दिलवाने का काम भी करेगी।
कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री आज यहां हरियाणा राज्य बागवानी विकास एजेंसी के तहत एकीकृत बागवानी विकास मिशन (एमआईडीएच) की जनरल बॉडी मीटिंग की अध्यक्षता कर रहे थे। इस अवसर पर कृषि एवं किसान कल्याण विभाग की अतिरिक्त मुख्य सचिव सुमिता मिश्रा भी उपस्थित थी।
ड्रैगन फल, खजूर फल व मशरूम को बढावा देने के लिए योजना तैयार करें अधिकारी-दलाल
बैठक के दौरान उन्होंने अधिकारियों को यह भी निर्देश दिए कि इस वर्ष में मशरूम की उपज को बढाने के लिए ज्यादा से ज्यादा परियोजनाओं पर काम किया जाए और जिन जिलों में मशरूम नहीं होता है उनमें कलस्टर विकास के तहत लोगों को प्रशिक्षण देकर मशरूम की खेती को बढावा देने का काम किया जाए इससे न केवल लोगों को मशरूम आसानी से उपलब्ध होगा बल्कि युवाओं के लिए रोजगार के अवसर भी सृजित होंगें। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि ड्रैगन फल, खजूर फल व मशरूम को बढावा देने के लिए लक्ष्य निर्धारित करें और योजना तैयार करें।
एमआईडीएच द्वारा विभिन्न योजनाओं पर 2021-22 तक 31714.37 लाख रूपए खर्च
बैठक में बताया गया कि एमआईडीएच द्वारा नर्सरी, टीशू कल्चर लैब, फलों के क्षेत्र में विस्तार, सब्जियां, फूल, मसालें, एरोमैटिक पौधे, मशरूम परियोजनाएं, जल स्रोतों, उत्कृष्टता केन्द्र, मधुमक्खी पालन, मानव ससंाधन, पोस्ट हारवेस्टिंग प्रबंधन, विपणन ढांचागत, सोलर फेसिंग तथा मिशन प्रबंधन इत्यादि परियोजनाओं पर वर्ष 2005-06 से 2009-10 तक कुल 16437.60 लाख रूपए की राशि खर्च की गई जबकि वर्ष 2010-11 से 2013-14 के बीच 31500.12 लाख रूपए की राशि व्यय की गई। इसी प्रकार, वर्ष 2014-15 से 2018-19 के बीच 48347.98 लाख रूपए तथा वर्ष 2019-20 से 2021-22 तक 31714.37 लाख रूपए की राशि को खर्च किया गया।
लगभग 21453 हैक्टेयर क्षेत्र को फल व 37297.82 हैक्टेयर क्षेत्र को सब्जियों की फसलों के अंतर्गत किया गया कवर
बैठक में बताया गया कि लगभग 21453 हैक्टेयर क्षेत्र को फलों की फसलों के तहत कवर किया गया है जबकि 37297.82 हैक्टेयर क्षेत्र को सब्जियों की फसलों के अंतर्गत कवर किया गया। बैठक में बताया गया कि किसानों को फलों के पौधों को जीवित रखने के लिए सिंचाई हेतू 4340 पानी के टेंकों का निर्माण किसानों के खेतों में किया गया हैं। इसी प्रकार, 1146.07 हैक्टेयर क्षेत्र को प्रोटैक्टेट स्ट्रक्चर और 5469.14 हैक्टेयर क्षेत्र को मलचिंग/प्लास्टिक टनल/डब्ल्यूआईटी के तहत कवर किया गया है। बैठक में बताया गया कि इस योजना के शुरू होने के बाद से 6 उत्कृष्टता सेंटर को स्थापित किया जा चुका हैं। इसके अलावा, दो उत्कृष्टता केन्द्र जल्द ही शुरू किए जाएंगें तथा दो उत्कृष्टता केन्द्रों को स्थापित करने के लिए भारत सरकार ने मंजूरी प्रदान कर दी हैैं।
अब तक 1.80 लाख किसानों को मिला लाभ
बैठक में कृषि मंत्री को अवगत कराया गया कि वर्ष 2013-14 से अब तक एनएचएम के अंतर्गत 1.80 लाख किसानों को लाभ प्रदान किया गया हैं। बैठक में बताया गया कि एमआईडीएच ने वर्ष 2005-06 से अब तक लगभग 1516 करोड रूपए की राशि किसानों के उत्थान में खर्च की है। एमआईडीएच ने अब तक 490 परियोजनाओं को पूरा किया है जिन पर कुल खर्च 62811.11 लाख रूपए व्यय आया है।
किसानों को किफायती व गुणवत्तापरक बीज मुहैया करवाने के लिए नई प्रणाली विकसित करें-दलाल
बीज उत्पादन कार्यक्रम की समीक्षा बैठक में कृषि मंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे किसानों को किफायती व गुणवत्तापरक बीज मुहैया करवाने के लिए नई प्रणाली विकसित करें ताकि किसानों को अच्छे व किफायती बीज उपज के लिए मुहैया हो सकें। बैठक में बताया गया कि चौधरी चरण सिंह हरियाणा एग्रीकल्चर विश्वविद्यालय द्वारा हल्दी, मेथी, प्याज, पालक, भिंडी का बीज, घिया या लोकी, बैंगन का नॉन-हाइब्रिड बीज तैयार किए गए हैं जबकि भिंडी व घिया लोकी का हाइब्रिड बीज तैयार किया गया है।
बैठक में बागवानी विभाग के महानिदेशक श्री अर्जुन सिंह सैनी के अलावा अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे।