पटना : नरेंद्र मोदी सरकार की ओर से 1 दिन पूर्व घोषित सेना के तीनों अंगों में नए तरीके से भर्ती करने की अग्निपथ नामक योजना का बिहार में प्रबल विरोध शुरू हो गया है. राज्य के कई जिले में सेना में भर्ती होने का सपना पालने वाले युवाओं में एक तरफ आर्मी के लिए लिखित परीक्षा में हो रही देरी के प्रति आक्रोश है तो दूसरी तरफ इस नई योजना के प्रारूप को अपने भविष्य के लिए छलावा मान रहे हैं. खबर है कि बिहार के बक्सर में बड़ी संख्या में युवाओं ने ट्रेन पर पत्थरबाजी की. बक्सर में रेल रोकने की कोशिश की तो दूसरी तरफ मुजफ्फरपुर में उग्र प्रदर्शन किया सड़कों पर आगजनी की सूचना भी है।
उल्लेखनीय है कि मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट कमिटी ऑन सिक्योरिटी की बैठक में सेना के तीनों अंगों में भर्ती की प्रक्रिया को नए सिरे से परिभाषित करने वाली अग्नीपथ योजना को मंजूरी दी गई थी। इस पूरी योजना की जानकारी रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने सेना के तीनों अंगों के प्रमुखों के साथ आयोजित विशेष प्रेस वार्ता में दी थी . सेना के एक वरिष्ठ अधिकारी ने इस अग्निपथ योजना के प्रारूप को विस्तार से पत्रकारों के सामने रखा था. पत्रकार वार्ता में मौजूद थल सेना अध्यक्ष. वायू सेना अध्यक्ष और नौ सेना अध्यक्ष ने अपने अपने तरीके से इस नई भर्ती प्रक्रिया की जमकर सराहना की थी. उन्होंने इसे देश के अधिकतम युवाओं का सेना में भर्ती होने का सपना पूरा होने के लिए बेहतर प्रारूप बताया था। इस पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी स्वयं ट्वीट कर युवाओं में उम्मीद जगाने की कोशिश की।
1 दिन बाद ही बुधवार को बिहार में युवाओं ने अग्निपथ योजना का विरोध शुरू कर दिया है. युवा इस बात से भी आक्रोशित हैं कि आर्मी के लिए होने वाली लिखित परीक्षा में अनावश्यक देरी की जा रही है .लंबे समय से सेना में भर्ती नहीं होने के कारण इसके लिए तैयारी करने वाले युवक अब आंदोलन की राह पकड़ चुके हैं. बुधवार को युवाओं ने बक्सर दानापुर रेल लाइन को जाम कर दिया. बक्सर रेलवे स्टेशन के पास बने मालगोदाम रेलवे ट्रैक पर आवाजाही रोक दी. इस आंदोलन में सैकड़ों की संख्या में बक्सर में युवाओं ने भाग लिया और सेना बहाली के नए प्रारूप के विरोध में अपना आक्रोश व्यक्त किया।
सूचना है कि युवाओं ने बक्सर के रास्ते पटना जा रही पाटलिपुत्र एक्सप्रेस पर भी पथराव किया. ट्रेन रोकने की कोशिश की जबकि काशी पटना जनशताब्दी एक्सप्रेस को लंबे समय तक प्लेटफार्म पर रोके रखा गया।
बिहार के मुजफ्फरपुर जिला में भी सैकड़ों की संख्या में आर्मी में भर्ती होने का सपना संजोए युवक सड़क पर उतर आए और जमकर उत्पात मचाया. यहां सड़कों पर आगजनी की भी खबरें हैं . शहर के भगवानपुर चौक पर युवाओं ने टायर जलाकर अपना विरोध प्रदर्शित किया।
बताया जाता है कि मुजफ्फरपुर के सैकड़ों युवा सेना की लिखित परीक्षा जल्द कराने की मांग कर रहे थे जबकि नई भर्ती प्रक्रिया की घोषणा करने से बेहद गुस्से में थे. शहर के भगवानपुर चौक को प्रदर्शनकारियों ने जाम कर दिया। मीडिया से बातचीत में प्रदर्शन करने वाले युवाओं का कहना था कि ए आर ओ की ओर से लगभग 2 साल पूर्व 8 जिले के अभ्यर्थियों का फिजिकल और मेडिकल टेस्ट कराया गया था. उसके बाद कभी कोरोना वायरस तो कभी अन्य प्रशासनिक बहाना करते हुए लिखित परीक्षा को लगातार टाला जा रहा है। उन्होंने कहा कि यह युवाओं के भविष्य के साथ खिलवाड़ है. इस मामले पर संबंधित भर्ती बोर्ड के प्रभारी कर्नल कोई जानकारी नहीं दे रहे हैं।
अधिकतर युवाओं का कहना था कि सरकार अब नियमित भर्ती करने के बजाय 4 साल वाली योजना लेकर आई है. इसमें बहुत खामियां हैं. उन्होंने कहा कि यह युवाओं के भविष्य के साथ खिलवाड़ है. उन्होंने आरोप लागाया है कि मोदी सरकार द्वारा सेना में पिछले दरवाजे से वेतन कम करने और पेंशन की व्यवस्था समाप्त करने का यह षड्यंत्र रचा जा रहा है।
आंदोलन पर उतारू युवाओं ने सरकार से मांग की है कि एग्जाम को जल्द शुरू कराया जाए और टूर ऑफ ड्यूटी को वापस लिया जाए. साथ ही 2 साल से लिखित परीक्षा में देरी करने के कारण युवाओं को भर्ती उम्र सीमा में 2 साल की छूट दी जाए।
दूसरी तरफ देश की राजधानी दिल्ली में केंद्रीय गृह मंत्रालय की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि अग्निपथ योजना में 4 साल पूरा करने वाले अग्निवीरों को अब सी ए पी एफ और असम राइफल्स में भर्ती में प्राथमिकता देने का निर्णय मंत्रालय ने लिया है। जाहिर है केंद्र सरकार की ओर से केंद्रीय सुरक्षा बलों के लिए होने वाली भर्ती में अग्निवीरों को छूट देने का प्रावधान करना युवाओं के आक्रोश को कम करने की दिशा में अहम कदम माना जा रहा है।