नई दिल्ली : कांग्रेस पार्टी ने पार्टी प्रमुख सोनिया गांधी और पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी को ई डी की नोटिस भेजकर पूछताछ के लिए बुलाने पर तीव्र प्रतिक्रिया दी है. पार्टी प्रवक्ता पवन खेड़ा ने पत्रकार वार्ता में कहा कि किसानद्रोही भाजपा की ED के समन किसानों के हक में उठने वाली बुलंद आवाज को नहीं कुचल पाएंगे। उन्होंने कहा कि राहुल गांधी @RahulGandhi देश के किसानों के हक में आवाज को बुलंद करते रहेंगे। उन्होंने कहा कि भाजपा की तानाशाही के खिलाफ लड़ाई जारी है.. भाजपाई हुकूमत और उसकी छोटी शाखा ED कान खोलकर सुन ले.
पवन खेड़ा ने यह कहते हुए आरोप लगाया कि देश के पीड़ितों के अधिकारों के दमन के विरुद्ध राहुल गांधी @RahulGandhi आवाज बुलंद करते रहेंगे। भाजपाई हुकूमत ED के समन भेजकर नोटबंदी-जीएसटी की नाकामी पर पर्दा नहीं डाल पाएगी। राहुल गांधी लगातार इस नाकाम नोटबंदी-जीएसटी का पर्दाफाश करते रहेंगे। देश के पीड़ितों के अधिकारों के लिए संघर्ष जारी रहेगा.. बदलाव की राजनीति का नाम लेकर सत्ता में आए थे, मगर ये सिर्फ बदला लेने के लिए आए हैं। कुछ गैर-कानूनी नहीं है, लेकिन नोटिस सिर्फ इसलिए दिया गया है कि एक हफ्ते की हैडलाइन मिल जाए। भाजपा सरकार सिर्फ हैडलाइन का व्यापार करती है. इस देश में जब भी तानाशाही ने सिर उठाया है, जनता को बचाने के लिए गांधी ने कदम बढ़ाया है। सत्यमेव जयते होकर रहेगा.
श्री खेड़ा ने कहा कि मैंने बहुत नेता देखे हैं, मगर इतना बड़ा कायर नेता नहीं देखा। ऐसा डर, क्योंकि राहुल गांधी आ़खों में आंखें डाल कर उनसे सवाल पूछने की हिम्मत रखते हैं। राहुल गांधी को आप कहीं भी दबा नहीं सकते हो, इसलिए राहुल गांधी की छवि धूमिल करने पर लगे हो. बल डेट हुए कहा कि अगर भाजपा सोचती है कि ED के समन भेजकर देश की संप्रभुता के लिए उठने वाली आवाज को दबा देगी, तो ये भाजपाई हुकूमत का वहम है। भाजपाई हुकूमत के इस वहम को देश की जनता दूर करेगी।
पत्रकार वार्ता में कांग्रेस नेता व वरिष्ठ वकील विवेक तनखा ने कहा कि कांग्रेस का मकसद सिर्फ नेशनल हेराल्ड को जीवित कर, इस ऐतिहासिक महत्व रखने वाली कंपनी को फिर से शुरू करवाना था। लेकिन भाजपा के काल्पनिक आरोपों ने देश को गुमराह करने में कोई कसर नहीं छोड़ी. सुब्रमण्यम स्वामी का केस कोई FIR नहीं, बल्कि एक कंप्लेन है। उन्होंने कहा कि नेशनल हेराल्ड मामले में न कोई FIR की गई, न अपराध हुआ, फिर भी इस मामले में ED की जांच बैठाई गई.
उन्होंने दावा किया कि इस पूरे मामले में कहीं भी पैसे का लेनदेन हुआ ही नहीं है। कांग्रेस ने सिर्फ AJL के ऊपर 90 करोड़ की बकाया राशि को समाप्त किया और इक्विटी शुरू की। इस मामले में मनी लॉन्ड्रिंग का कोई मामला बनता ही नहीं है .
श्री तनखा ने कहा कि व्यापारिक व्यवस्था करना अपराध नहीं होता। बिरला, टाटा, डालमिया व्यापारिक व्यवस्था करते रहते हैं, कंपनियां एक दूसरे का अधिग्रहण करती ही हैं। मनी लॉन्ड्रिंग में पैसे का लेनदेन होता है, लेकिन यहां ऐसा कुछ भी नहीं हुआ. उन्होंने यह कहते हुए सवाल किया कि क्या ऐसे मामले केवल विपक्ष के लिए ही हैं ? क्या पूरे देश में भाजपा से जुड़ा कोई व्यक्ति नहीं है जिसके खिलाफ ऐसा केस बनना चाहिए ? ये किस प्रकार की व्यवस्था है ? ऐसा पक्षपात तो मैंने अपने जीवन में नहीं देखा .