नई दिल्ली : प्रधानमन्त्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति (सीसीईए) ने 2022-23 विपणन मौसम के लिए सभी अधिदेशित खरीफ फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) में वृद्धि को मंजूरी दे दी है।
सरकार ने फसल विविधीकरण को प्रोत्साहित करने एवं उत्पादकों को उनकी उपज के लिए लाभकारी मूल्य सुनिश्चित कराने हेतु, 2022-23 विपणन मौसम की खरीफ फसलों के एमएसपी में वृद्धि की है जो कि नीचे तालिका में दिए गये हैंI
2022–23 विपणन मौसम के लिए सभी खरीफ फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य
(₹ प्रति क्विंटल)
फसल | एमएसपी
2014-15 |
एमएसपी 2021-22 | एमएसपी 2022-23 | उत्पादन लागत* 2022-23 |
एमएसपी में वृद्धि (निवल) | उत्पादन लागत
2022-23 पर मुनाफा (प्रतिशत में) |
|
धान (सामान्य) | 1360 | 1940 | 2040 | 1360 | 100 | 50 | |
धान (ग्रेड ए)^ | 1400 | 1960 | 2060 | – | 100 | – | |
ज्वार (हाईब्रीड) | 1530 | 2738 | 2970 | 1977 | 232 | 50 | |
ज्वार (मालदंडी)^ | 1550 | 2758 | 2990 | – | 232 | – | |
बाजरा | 1250 | 2250 | 2350 | 1268 | 100 | 85 | |
रागी | 1550 | 3377 | 3578 | 2385 | 201 | 50 | |
मक्का | 1310 | 1870 | 1962 | 1308 | 92 | 50 | |
तूर (अरहर) | 4350 | 6300 | 6600 | 4131 | 300 | 60 | |
मूंग | 4600 | 7275 | 7755 | 5167 | 480 | 50 | |
उड़द | 4350 | 6300 | 6600 | 4155 | 300 | 59 | |
मूंगफली | 4000 | 5550 | 5850 | 3873 | 300 | 51 | |
सूरजमुखी बीज | 3750 | 6015 | 6400 | 4113 | 385 | 56 | |
सोयाबीन (पीला) | 2560 | 3950 | 4300 | 2805 | 350 | 53 | |
तिल | 4600 | 7307 | 7830 | 5220 | 523 | 50 | |
रामतिल | 3600 | 6930 | 7287 | 4858 | 357 | 50 | |
कपास (मध्यम रेशा) | 3750 | 5726 | 6080 | 4053 | 354 | 50 | |
कपास (लंबा रेशा)^ | 4050 | 6025 | 6380 | – | 355 | – |
* सभी भुगतान की गई लागतें शामिल हैं जैसे किराया मानव श्रम, बैल श्रम/मशीन श्रम, पट्टे की भूमि के लिए दिया गया किराया, बीज, उर्वरक, खाद, सिंचाई प्रभार जैसे भौतिक आदानों के उपयोग पर व्यय, उपकरणों और फार्म भवनों का मूल्यह्रास, कार्यशील पूंजी पर ब्याज, पंप सैटों आदि के प्रचालन के लिए डीजल/बिजली, विविध व्यय और पारिवारिक श्रम का आरोपित मूल्य को संदर्भित करता है।
^ धान (ग्रेड ए), ज्वार (मालदांडी) एवं कपास (लंबा रेशा) के लिए लागत आंकड़ें पृथक रूप से संकलित नहीं किए जाते हैं।
विपणन मौसम 2022-23 के लिए खरीफ फसलों की एमएसपी में बढ़ोत्तरी, वर्ष 2018-19 के केंद्रीय बजट में एमएसपी को अखिल भारतीय भारित औसत उत्पादन लागत (सीओपी) के ऊपर कम से कम 50 प्रतिशत लाभ निर्धारित करने की उद्दघोषणा के अनुरूप हैं, जो कि किसानों के लिए किफायती निष्पक्ष पारिश्रमिक के लिए लक्षित हैं। यह ध्यान देने योग्य है कि बाजरा, तूर, उडद, सूरजमुखी बीज, सोयाबीन एवं मूंगफली की एमएसपी पर लाभ अखिल भारतीय भारित औसत उत्पादन लागत से 50 प्रतिशत अधिक है जो कि क्रमशः 85%, 60%, 59%, 56%, 53% एवं 51% है ।
विगत कुछ वर्षों में एमएसपी को तिलहन, दलहन और मोटे अनाजों के पक्ष में पुनर्संगठित करने के लिए ठोस प्रयास किए गए थे जिससे इन फसलों के तहत किसानों को विस्तारित क्षेत्र में ले जाने के तथा उत्कृष्ट प्रौद्योगिकी एवं कृषि प्रथाओं को अपनाने के लिए प्रोत्साहित किया जा सके और मांग-आपूर्ति असंतुलन को ठीक किया जा सके।
2021-22 के तीसरे अग्रिम अनुमान के अनुसार, देश में खाद्यान्न का उत्पादन रिकॉर्ड 314.51 मिलियन टन होने का अनुमान है जो कि 2020-21 के खाद्यान्न उत्पादन की तुलना में 3.77 मिलियन टन अधिक है। 2021-22 के दौरान उत्पादन, पिछले पांच वर्षों (2016-17 से 2020-21) के औसत खाद्यान्न उत्पादन की तुलना में 23.80 मिलियन टन अधिक है।