केंद्रीय मंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने कॉन्क्लेव के दूसरे दिन भाग लिया
श्री सोनोवाल ने कहा, “पिछले आठ वर्षों में, आयुष ने नई ऊंचाईयों को छुआ है और भारत और विदेशों में विश्वास हासिल किया है”
केंद्रीय मंत्री ने प्रधानमंत्री गतिशक्ति के तहत मंत्रालयों के मिलकर काम करने के दृष्टिकोण की सराहना की
नई दिल्ली। प्रधान मंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार के आठ साल पूरे होने के उपलक्ष्य में डीडी न्यूज एक सप्ताह तक चलने वाले न्यूज कॉन्क्लेव का आयोजन 3 से 11 जून, 2022 तक कर रहा है। इस कॉन्क्लेव का शीर्षक है ‘आठ साल मोदी सरकार: सपने कितने हुए साकार। केंद्रीय बंदरगाह, नौवहन और जलमार्ग एवं आयुष मंत्री, सर्बानंद सोनोवाल ने 4 जून, 2022 को कॉन्क्लेव के दूसरे दिन भाग लिया।
अपने साक्षात्कार के दौरान, केंद्रीय मंत्री श्री सर्बानंद सोनोवाल ने कहा कि यह प्रधान मंत्री नरेन्द्र मोदी की दूरदृष्टि ही है जिसके चलते आयुष के प्रति न केवल भारत में बल्कि विदेशों में विश्वास और स्वीकार्यता प्राप्त हुआ है। इसके अलावा, जामनगर में डब्ल्यूएचओ ग्लोबल सेंटर फॉर ट्रेडिशनल मेडिसिन की स्थापना के साथ, भारत ने सभी देशों से पारंपरिक चिकित्सा के विकास के लिए नेतृत्व किया है। उन्होंने कहा कि भारत हमेशा योग का ‘विश्वगुरु’ रहा है और 25 करोड़ से अधिक लोगों की भागीदारी के साथ अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस मनाने की योजना है।
शिपिंग और जलमार्ग क्षेत्र में पोर्ट आधुनिकीकरण और पीएम गति शक्ति का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि भारत के लिए दक्षता (टीएटी) और क्षमता दोनों के मामले में अपनी बंदरगाह प्रतिस्पर्धात्मकता को बढ़ाना महत्वपूर्ण था। उन्होंने आगे कहा कि केंद्र सरकार पिछली सरकारों द्वारा पूर्वोत्तर की उपेक्षा को समाप्त करने के लिए प्रतिबद्ध है, जिसने निहित स्वार्थों को अशांति पैदा करने के लिए प्रोत्साहित किया था।
‘महामारी से रक्षा, सबकी सुरक्षा’विषय पर पैनल चर्चा के दौरान, आशा और एएनएम कार्यकर्ता पूनम नौटियाल, मीना हलोवा और बिनीता खटोवाल ने अपने अनुभव साझा किया और बताया कि कैसे उन्होंने कोविड महामारी के दौरान अंतिम छोर तक जागरूकता पैदा की और डिलिवरी को सुनिश्चित किया। पद्मश्री डॉ. कमलाकर त्रिपाठी ने कहा कि किस तरह से उनके जैसे अग्रिम पंक्ति के कार्यकर्ता महामारी के दौरान भारत की रीढ़ बने और आम लोगों तक दवा से लेकर हर तरह की सहायता पहुंचाने का काम किया। उनके काम की सराहना विश्व स्तर पर की गई है।
‘मेडिकल क्षेत्र मे बढ़ते कदम’के विषय पर पैनल चर्चा में भाग लेते हुए एम्स के निदेशक डॉ. रणदीप गुलेरिया ने कहा कि भारत ने अपनी क्षमताओं का तेजी से विस्तार किया है, चाहे वह जांच हो, पीपीई किट, मास्क का निर्माण हो, या टीकों का स्वदेशी उत्पादन करना हो। इसके चलते भारत ने लाखों नागरिकों को इस महामारी से सुरक्षित बचाया।
अनुराग वार्ष्णेय और आचार्य बालकृष्ण ने साझा किया कि कैसे आयुष भी इस अवसर पर विशेष रूप से लोगों की प्रतिरक्षा में सुधार के लिए मदद कर रहा है। डॉ. शेखर मांडे, पूर्व महानिदेशक, सीएसआईआर ने कहा कि सीएसआईआर और डीआरडीओ ने सरकार के उच्चतम स्तरों के समर्थन से अस्पतालों और ऑक्सीजन संयंत्रों को शीघ्रता से स्थापित करने के लिए अपनी मौजूदा क्षमताओं का उपयोग किया।
1एमजी के सीईओ प्रशांत टंडन ने कहा कि भारत हमेशा विश्व की औषधालय रहा है। उन्होंने कहा कि भविष्य में यह डिजिटल हेल्थकेयर हब हो सकता है। इसमें हेल्थकेयर स्टार्टअप्स और सरकार के नेतृत्व वाले एनडीएचएम की अहम भूमिका होगी।