गुरुग्राम : गुरुग्राम के खेड़की दौला थाना पुलिस पर 6 महीने में तीसरी बार रिश्वत लेने व केस की जांच कमजोर करने का गंभीर आरोप लगा है. एक बार फिर खेड़की दौला थाने में तैनात सिपाही शक्ति सिंह को डेढ़ लाख की मोटी रकम लेते रोहतक विजिलेंस की टीम ने रविवार देर रात हीरो हौंडा चौक से रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया. उक्त सिपाही पर संबंधित थाने में दर्ज ठगी के मामले को कमजोर करने की एवज में रिश्वत लेने का आरोप लगा है .
बताया जाता है कि सिपाही शक्ति सिंह के खिलाफ विजिलेंस टीम ने मामला दर्ज कर सोमवार को उसे कोर्ट में पेश कर पुलिस रिमांड पर लिया है. गिरफ्तार पुलिसकर्मी से अब गहन पूछताछ में इस बात का खुलासा हो सकेगा कि उसके साथ और कौन-कौन पुलिसकर्मी इस षड्यंत्र में शामिल हैं. इस बात की भी जानकारी जुटाने की कोशिश की जाएगी कि इस सिपाही को कहीं किसी पुलिस अधिकारी का तो संरक्षण प्राप्त नहीं था। इससे उक्त थाने में ही नहीं पूरे गुरुग्राम पुलिस में हड़कम्प मचा हुआ है. आशंका इस बात की है कि इस घटना की आंच में अब इंस्पेक्टर रैंक के पुलिस अधिकारी भी आ सकते हैं जबकि कोई वरिष्ठ अधिकारी भी लपेटे में आ सकते हैं.
रोहतक विजिलेंस के डीएसपी सुमित कुमार के अनुसार खेड़की दौला थाने में दर्ज ठगी के मामले की जांच करते हुए क्राइम ब्रांच मानेसर की टीम ने गत 7 अप्रैल को कुलदीप उर्फ अन्ना और विनीत, निवासी झज्जर को गिरफ्तार किया था. दोनों की गिरफ्तारी के बाद खेड़की दौला थाने में तैनात सिपाही शक्ति सिंह ने दोनों आरोपियों के परिवारों से बातचीत की. उसने इस मामले को कमजोर करने के नाम पर 30 लाख की मोटी रकम रिश्वत के रूप में मांग की थी.
उनके अनुसार आरोपी विनीत के परिजनों ने कोई प्रतिक्रिया नहीं दी जबकि कुलदीप उर्फ अन्ना के परिजनों ने शक्ति सिंह से बात करना जारी रखा . शक्ति सिंह ने कुलदीप के परिजनों से 15 लाख रुपए रिश्वत की मांग की और ₹12 लाख में दोनों की बीच बात हो गई.
कुलदीप के रिश्तेदार ललित निवासी झज्जर ने विजिलेंस से संपर्क साधा और इस संबंध में पूरी कहानी सुनाई. इस पर विजिलेंस ने उनसे लिखित शिकायत की और उक्त सिपाही पर जाल बिछाने की व्यूह रचना रची. विजिलेंस ने रविवार देर रात को ड्यूटी मजिस्ट्रेट की निगरानी में सिपाही शक्ति सिंह को डेढ़ लाख रुपए रिश्वत की पहली किस्त लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया.
. उल्लेखनीय है कि गुरुग्राम पुलिस की एक आईपीएस अधिकारी सहित कई पुलिसकर्मियों पर इस प्रकार के रिश्वतखोरी के आरोप लगते रहे हैं. जाहिर है इस प्रकार की घटना सामने आने से गुरुग्राम पुलिस की छवि को बड़ा नुकसान पहुंचता है. इसके कारण लोगों में पुलिस व्यवस्था के प्रति संदेह भी बढ़ने लगा है.