विद्युत मंत्रालय ने 2021 के दौरान उद्योग और उपभोक्ता को प्रभावित करने वाले मुद्दों से संबंधित 79 कष्टदायक नियामकों अनुपालनों और ईओडीबी की 2022 की कार्य योजना के पहले चरण में 22 कष्टदायक अनुपालनों को आसान बनाया है
बीईई द्वारा दिशा के अंतर्गत मानकों और लेबलिंग कार्यक्रम के कार्यान्वयन को सरल बनाया गया है
संशोधित आरई प्रक्रिया के तहत कनेक्टिविटी बैंक गारंटी कम की गई और आरई डेवलपर्स को 400 करोड़ रुपये जारी किए गए
स्टार लेबलिंग के लिए क्यूआर कोड शुरू किया जाएगा।
सीईए और सीईआरसी द्वारा बनाए गए विभिन्न नियमों को कम नियमन और सरलीकरण के उद्देश्य से निरस्त या संशोधित किया गया है
नई दिल्ली : सरकार ने एक नियामक अनुपालन पोर्टल (https:// eodbrcp.dipp.gov.in) शुरू किया था, जो नागरिकों और व्यवसायों के नियामक अनुपालन बोझ को कम करने के लिए सभी केन्द्रीय और राज्य स्तर के अनुपालनों का एक केन्द्रीय ऑनलाइन भंडार है। 2021 के दौरान, बिजली मंत्रालय ने उद्योग और उपभोक्ता को प्रभावित करने वाले उनहत्तर मुद्दों से संबंधित अनुपालन को आसान बना दिया था। मंत्रालय ने 2022 के लिए एक नई कवायद शुरू की है और दो चरणों के अंतर्गत 2022 के लिए एक कार्य योजना तैयार की है। पहला चरण 31 मार्च, 2022 तक जारी रहेगा जबकि दूसरा चरण 15 अगस्त 2022 तक चलेगा।
विद्युत मंत्री आर. के. सिंह, ने हाल ही में विद्युत मंत्रालय और उसके उप केन्द्रीय संगठन (एसएनओ) यानी बीईई, सीटीयू, पोसोको, सीईए और सीईआरसी की 2022 की कार्य योजनाओं की समीक्षा की।
मंत्रालय के संगठनों द्वारा की गई कुछ महत्वपूर्ण पहलें हैं,
- ऊर्जा दक्षता ब्यूरो (बीईई) ने मानक और लेबलिंग (एस एंड एल) कार्यक्रम के कार्यान्वयन को सरल बनाया है। इसने निर्माताओं के लिए आवेदन की स्थिति का पता लगाने के लिए डिजिटलीकरण और ऑनलाइन ट्रैकिंग भी शुरू की थी। निर्दिष्ट उपभोक्ताओं (डीसी) की शिकायतों को हल करने के लिए एक हेल्पडेस्क भी बनाया गया है। 2022 के लिए कार्य योजना के दूसरे चरण में, बीईई ने स्टार लेबलिंग को मजबूत करने और उपभोक्ताओं के लिए पारदर्शिता लाने के लिए क्यूआर कोड आधारित लेबल पेश करने, ईएससीर्ट्स की वैधता को व्यापार की तारीख तक बढ़ाने और पीएटी (प्रदर्शन, उपलब्धि और व्यापार) के तहत ऊर्जा और उत्पादन से संबंधित डेटा की ऑनलाइन रिपोर्टिंग शुरू करने की भी योजना बनाई है।
- सेंट्रल ट्रांसमिशन यूटीलिटी (सीटीयू) ने संशोधित आरई प्रक्रिया के तहत कनेक्टिविटी बैंक गारंटी में ढील दी है, आरई डेवलपर्स के लिए लगभग 400 करोड़ रुपये जारी किए गए हैं। देश में आरई विकास की दिशा में एक सकारात्मक कदम है। इसके अलावा, सीटीयू ने आरई डेवलपर्स के लिए बीजी नकदीकरण से बचने के लिए भुगतान का एक वैकल्पिक तरीका उपलब्ध कराया है। मौजूदा ट्रांसमिशन लाइनों में से लगभग 240 को पीएम गति शक्ति पोर्टल पर गो-लाइव बनाया गया है। इससे नई ट्रांसमिशन लाइनों के लिए बेहतर योजना बनाने और उन्हें मंजूरी देने में मदद मिलेगी।
- पावर सिस्टम ऑपरेशन कॉरपोरेशन (पोसोको) ने आरईसी के लिए पंजीकरण की वैधता को 5 साल से बढ़ाकर 10 साल कर दिया है। नेशनल ओपन एक्सेस रजिस्ट्री (एनओएआर) की शुरुआत की जाएगी ताकि हितधारकों को लेनदेन के अधिकार की मंजूरी देने के लिए एकल बिन्दु पहुंच की सुविधा मिल सके। एनओएआर को एकल खिड़की प्रणाली से जोड़ा जाएगा। पोसोको ने अखिल भारतीय ओपन एक्सेस ट्रांसमिशन के वेब आधारित प्रसंस्करण के निर्बाध और त्वरित कार्यान्वयन की सुविधा के लिए ‘एनओएआर के माध्यम से अंतरराज्यीय ट्रांसमिशन में एसटीओए के लिए प्रक्रिया’ तैयार की है।
iv. केंद्रीय विद्युत प्राधिकरण (सीईए) ने 2022 ईओडीबी-आरसीबी अभ्यास के पहले चरण में सांख्यिकी, रिटर्न और सूचना दाखिल करने से संबंधित विभिन्न प्रारूपों को प्रस्तुत करना समाप्त कर दिया है और पहले चरण में विद्युत संयंत्रों और विद्युत लाइनों के निर्माण, संचालन और रखरखाव के लिए सुरक्षा आवश्यकताओं से संबंधित नियमों में संशोधन किया है। सीईए द्वारा प्रकाशित कई रिपोर्टें भी ऑनलाइन उपलब्ध कराई गई हैं। दूसरे चरण में, सीईए उद्योगों / हितधारकों पर अनुपालन बोझ को कम करने के लिए उनसे जानकारी लेगा। इस उद्देश्य के लिए एक समिति भी गठित की गई है। इसके अलावा सीईए इस चरण के तहत सूचना एकत्र करने, और मंजूरी देने के लिए ऑनलाइन पोर्टल बनाएगा।
v. पहले चरण में, केन्द्रीय विद्युत नियामक आयोग (सीईआरसी) ने पहले वाले को निरस्त करते हुए सहायक सेवा विनियमन को अधिसूचित किया है। नया विनियमन प्राथमिक, माध्यमिक, तृतीयक और अन्य सहायक सेवाओं के प्रावधान के लिए प्रदान करता है और इससे ग्रिड से जुड़ी कम्पनी / उपभोक्ता इकाई को लाभ होने की उम्मीद है। दूसरे चरण में, सीईआरसी नए ट्रांसमिशन एक्सेस नियमों को पेश करने का प्रस्ताव कर रहा है। आयोग इस चरण में देश में अक्षय ऊर्जा को बढ़ावा देने के लिए अक्षय ऊर्जा प्रमाणपत्र विनियमों को भी संशोधित करेगा।
श्री आर. के. सिंह ने उपभोक्ताओं और उद्योगों के नियामक अनुपालन बोझ को कम करने के लिए मंत्रालय और उसके संगठनों द्वारा किए गए प्रयासों की सराहना की। उन्होंने कहा कि यह अभ्यास राज्य स्तर पर भी आयोजित किया जाना चाहिए और सभी ग्राहकों और हितधारकों के लाभ के लिए आरसीबी पोर्टल पर अपलोड किया जाना चाहिए।
व्यवसाय को सुगम बनाने- नागरिकों और व्यवसायों पर नियामक अनुपालन बोझ को कम करने (ईओडीबी-आरसीबी) के लिए भारत सरकार का एक कार्यक्रम है। ईओडीबी-आरसीबी अभ्यास लाइसेंस/प्रमाणपत्र/अनुमतियों, नवीनीकरण, निरीक्षण, रिटर्न/फाइलिंग, रजिस्टर/रिकॉर्ड, गैर-अपराधीकरण, और अनावश्यक कानूनों को निरस्त करने सहित विनियमों का मूल्यांकन शामिल है।