भारत में ऑटोमोबाइल और ऑटो कंपोनेंट उद्योग के लिए प्रोडक्शन लिंक्ड इंसेंटिव (पीएलआई) योजना की “चैंपियन ओईएम इंसेंटिव स्कीम” के तहत 20 आवेदकों को स्वीकृति दी गई
स्वीकृत आवेदकों से 45,016 करोड़ रुपए के प्रस्तावित निवेश के साथ प्राप्त जबरदस्त प्रत्युत्तर के संदर्भ में यह योजना एक बड़ी सफलता है
ऑटोमोटिव क्षेत्र की पीएलआई योजना के उन्नत ऑटोमोटिव प्रौद्योगिकी (एएटी) उत्पादों की स्वदेशी आपूर्ति श्रृंखला में नए निवेश हेतु उद्योग को प्रोत्साहित करने के लिए 18 प्रतिशत तक का प्रोत्साहन
मोटरवाहन और मोटरवाहन पुर्जे के लिए पीएलआई योजना (25,938 करोड़ रुपए) और एसीसी के लिए पीएलआई (18,100 करोड़ रुपए) के साथ फेम योजना (10,000 करोड़ रुपए) भारत को पर्यावरण की दृष्टि से स्वच्छ, टिकाऊ, उन्नत और अधिक सक्षम इलेक्ट्रिक वाहन (ईवी) आधारित प्रणाली की ओर लिए छलांग लगाने में सक्षम बनाती है
यह प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के मेक इन इंडिया और आत्मनिर्भर भारत अभियान को बड़ा बढ़ावा
नई दिल्ली : भारत में मोटरवाहन और मोटरवाहन पुर्जा उद्योग के लिए प्रोडक्शन लिंक्ड इंसेंटिव (पीएलआई) स्कीम के तहत कुल 115 कंपनियों ने अपना आवेदन दाखिल किया था, जिसे 23 सितंबर, 2021 को अधिसूचित किया गया था। यह योजना 9 जनवरी, 2022 को भारतीय मानक समय 23:59:59 बजे तक आवेदन प्राप्त करने के लिए खुली थी। 1 अप्रैल, 2022 से लगातार 5 वर्षों की अवधि के लिए भारत में निर्मित उन्नत मोटरवाहन प्रौद्योगिकी (एएटी) उत्पादों (वाहन और पुर्जे) की निर्धारित बिक्री के लिए योजना के तहत प्रोत्साहन लागू हैं।
सरकार ने 25,938 करोड़ के बजटीय परिव्यय के साथ उन्नत मोटरवाहन उत्पादों (एएटी) के लिए भारत की विनिर्माण क्षमताओं को बढ़ाने के लिए भारत में मोटर वाहन और मोटर वाहन पुर्जा उद्योग के लिए प्रोडक्शन लिंक्ड इंसेंटिव (पीएलआई) योजना को मंजूरी दी। मोटरवाहन और मोटरवाहन पुर्जा उद्योग के लिए प्रोडक्शन लिंक्ड इंसेंटिव (पीएलआई) स्कीम एडवांस्ड ऑटोमोटिव टेक्नोलॉजी (एएटी) उत्पादों के घरेलू विनिर्माण को बढ़ावा देने और मोटर वाहन विनिर्माण मूल्य श्रृंखला में निवेश आकर्षित करने के लिए वित्तीय प्रोत्साहन का प्रस्ताव करती है। इसके प्रमुख उद्देश्यों में लागत की कमी को दूर करना, स्तरीय अर्थव्यवस्था बनाना और एएटी उत्पादों के क्षेत्रों में एक मजबूत आपूर्ति श्रृंखला का निर्माण करना शामिल है। इससे रोजगार भी पैदा होगा। यह योजना मोटरवाहन उद्योग को मूल्य श्रृंखला में अधिक मूल्य संवर्धित उत्पादों की ओर बढ़ने की सुविधा प्रदान करेगी।
भारी उद्योग मंत्रालय ने चैंपियन ओईएम प्रोत्साहन योजना के तहत प्राप्त आवेदनों को प्रक्रिया में शामिल किया है और योजना की इस श्रेणी के तहत 20 आवेदकों (उनकी 12 सहायक कंपनियों के साथ) को स्वीकृति दी गई है। घटक चैंपियन प्रोत्साहन योजना के लिए आवेदनों को प्रक्रिया में अलग से शामिल किया जा रहा है।
चैंपियन ओईएम प्रोत्साहन योजना के तहत स्वीकृत आवेदनों की सूची :
चैंपियन ओईएम (2डब्ल्यू और 3डब्ल्यू को छोड़कर)
क्र.सं. | आवेदक का नाम |
1 | अशोक लीलैंड लिमिटेड |
2 | ऐचर मोटर्स लिमिटेड |
3 | फोर्ड इंडिया प्राइवेट लिमिटेड |
4 | हुंडई मोटर इंडिया लिमिटेड |
5 | किआ इंडिया प्राइवेट लिमिटेड |
6 | महिंद्रा एंड महिंद्रा लिमिटेड |
7 | पीसीए ऑटोमोबाइल्स इंडिया प्राइवेट लिमिटेड |
8 | पिनेकल मोबिलिटी सॉल्यूशंस प्राइवेट लिमिटेड |
9 | सुजुकी मोटर गुजरात प्राइवेट लिमिटेड |
10 | टाटा मोटर्स लिमिटेड |
चैंपियन ओईएम 2डब्ल्यू और 3डब्ल्यू
क्र.सं. | आवेदक का नाम |
1 | बजाज ऑटो लिमिटेड |
2 | हीरो मोटोकॉर्प लिमिटेड |
3 | पियाजियो व्हीकल्स प्राइवेट लिमिटेड |
4 | टीवीएस मोटर कंपनी लिमिटेड |
नया गैर–ऑटोमोटिव निवेशक (ओईएम)
क्र.सं. | आवेदक का नाम |
1 | एक्सिस क्लीन मोबिलिटी प्राइवेट लिमिटेड |
2 | बूमा इनोवेटिव ट्रांसपोर्ट सॉल्यूशंस प्राइवेट लिमिटेड |
3 | एलेस्ट प्राइवेट लिमिटेड |
4 | हॉप इलेक्ट्रिक मैन्युफैक्चरिंग प्राइवेट लिमिटेड |
5 | ओला इलेक्ट्रिक टेक्नोलॉजीज प्राइवेट लिमिटेड |
6 | पॉवरहॉल व्हीकल प्राइवेट लिमिटेड |
ऑटो सेक्टर के लिए पीएलआई योजना मौजूदा मोटरवाहन कंपनियों के साथ-साथ नए निवेशकों के लिए खुली थी जो वर्तमान में मोटर वाहन या मोटर वाहन पुर्जे के निर्माण के व्यवसाय में नहीं हैं। इस योजना के दो घटक हैं, अर्थात् – चैंपियन ओईएम प्रोत्साहन योजना और पुर्जा चैंपियन प्रोत्साहन योजना। चैंपियन ओईएम इंसेंटिव स्कीम एक ‘सेल्स वैल्यू लिंक्ड’ स्कीम है, जो सभी सेगमेंट के बैटरी इलेक्ट्रिक वाहनों और हाइड्रोजन इंधन सेल वाहनों पर लागू होती है। कंपोनेंट चैंपियन इंसेंटिव स्कीम एक ‘सेल्स वैल्यू लिंक्ड’ स्कीम है, जो वाहनों के एडवांस्ड ऑटोमोटिव टेक्नोलॉजी कंपोनेंट्स, कंप्लीटली नॉक्ड डाउन (सीकेडी)/सेमी नॉक्ड डाउन (एसकेडी) किट, 2-व्हीलर्स, 3-व्हीलर्स, पैसेंजर्स वाहन, वाणिज्यिक वाहन और ट्रैक्टर आदि पर लागू होती है।
ऑटोमोटिव सेक्टर (25,938 करोड़ रुपए) के लिए यह पीएलआई योजना, एडवांस्ड केमिस्ट्री सेल (एसीसी) (18,100 करोड़ रुपए) के लिए पहले से शुरू की गई पीएलआई योजना और इलेक्ट्रिक वाहनों के निर्माण (एफएएमई) (10,000 करोड़ रुपए) के तेजी से अनुकूलन के साथ-साथ भारत को पारंपरिक जीवाश्म ईंधन आधारित ऑटोमोबाइल परिवहन प्रणाली से लेकर पर्यावरण की दृष्टि से स्वच्छ, टिकाऊ, उन्नत और अधिक कुशल इलेक्ट्रिक वाहन (ईवी) आधारित प्रणाली की ओर बढ़ने में सक्षम बनाएगी।
मोटरवाहन और मोटरवाहन पुर्जा उद्योग के लिए पीएलआई योजना स्थानीय और साथ ही विश्व स्तर पर मुख्यालय वाले समूहों से प्राप्त आवेदनों के संदर्भ में एक बड़ी सफलता रही है, जो उन्नत ऑटोमोटिव प्रौद्योगिकी वाहनों / उत्पादों के निर्माण / प्रस्ताव में लगे हुए हैं। भारतीय व्यापार समूहों के अलावा, चैंपियन ओईएम प्रोत्साहन योजना के लिए स्वीकृत आवेदकों में कोरिया गणराज्य, अमरीका, जापान, फ्रांस, इटली, ब्रिटेन और नीदरलैंड जैसे देशों के समूह शामिल हैं।
जबरदस्त प्रत्युत्तर से पता चलता है कि उद्योग ने विश्व स्तर के विनिर्माण गंतव्य के रूप में भारत की शानदार प्रगति में अपना विश्वास व्यक्त किया है, जो प्रधानमंत्री के आत्मनिर्भर भारत – आत्मविश्वास से परिपूर्ण भारत के आह्वान के साथ दृढ़ता से प्रतिध्वनित होता है।