जीतन राम मांझी
पटना : बिहार में ब्राह्मण समाज पर पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी के अनर्गल बयान का बवंडर थमने का नाम नहीं ले रहा है. नितीश कुमार सरकार में भाजपा कोटे के मंत्री नीरज कुमार बबलू ने सोमवार को पूर्व मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी को राजनीति से सन्यास लेकर ‘राम नाम’ जपने की सलाह दे दी. दूसरी तरफ हिंदस्तानी अवाम मोर्चा ने सरकार से समर्थन वापस लेने की धमकी दे दी .
यह स्थिति तब बनी जब भाजपा के नेता और बिहार सरकार में मंत्री नीरज कुमार बबलू से सोमवार को पत्रकारों ने मांझी के ब्राह्मणों के खिलाफ आपत्तिजनक बयान को लेकर प्रश्न किया. उन्होंने मांझी के बयान की निंदा करते हुए कहा कि मांझी वरिष्ठ नेता हैं, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने उन्हें मुख्यमंत्री जैसे पद पर बैठाया। इतने सम्मानित जगह तक वे पहुंचे। उनके द्वारा इस तरह का बयान देना कहीं से उचित नहीं है।
मंत्री नीरज कुमार बबलू ने कहा, “मुझे लगता है कि उनपर उम्र का असर हो गया है। इस वजह से वे ऐसे बयान दे रहे हैं। उनका बेटा मंत्री है, इसलिए अपने बेटे के भविष्य के लिए उन्हें घर बैठ जाना चाहिए। राजनीति छोड़कर राम-राम जपना चाहिए।”
मंत्री के इस बयान पर मांझी की पार्ट्री ‘हम’ के प्रवक्ता दानिश रिजवान ने कड़ी आपत्ति जताते हुए कहा कि नीरज बबलू कौन होते हैं मांझी जी को सलाह देने वाले ?
उन्होंने यह तक कहा दिया कि हम अपनी पार्टी के चार विधायक को हटा लें तो राजग को औकात मालूम पड़ जाएगी। जो मंत्री बने बैठे हैं सब सड़क पर राम नाम जपने लगेंगे। रिजवान ने नीरज बबलू को यह कहते हुए नसीहत दी कि कुछ बोलने से पहले उम्र का ख्याल रखना चहिए कि वह किसके बारे में क्या बोल रहे हैं ?
आज की बयानबाजी से संकेत साफ़ है भाजपा ने पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी के ब्राह्मण समाज पर दिए गए आपत्तिजनक बयान पर हलचल है. इसकी तीव्रता आने वाले समय में भी देखने को मिल सकती है.
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