– टाइमलाइन की गई निर्धारित, सम्बंधित विभागों को सौंपी जिम्मेदारी
-एक्शन प्लान बनाकर काम करने के निर्देश
– आमजन से भी मांगे गए सुझाव
गुरुग्राम, 23 नवंबर। प्रदूषण का स्तर कम करने के लिए गुरूग्राम जिला प्रशासन सक्रिय हो गया है। उपायुक्त डा. यश गर्ग ने इस विषय को लेकर संबंधित विभागों के अधिकारियों की एक बैठक अपने कार्यालय में बुलाई और उन्हें जिला में प्रदूषण का स्तर कम करने के लिए कार्ययोजना बनाकर उस पर समयबद्ध तरीके से काम करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि प्रदूषण से संबंधित विभागों के कार्यों की वे स्वयं प्रतिदिन के आधार पर मॉनीटरिंग करेंगे। इसके लिए सभी विभागों को प्रतिदिन की गई कार्यवाही की रिपोर्ट उनके पास भेजने की हिदायत दी गई है। साथ ही उपायुक्त डा. गर्ग ने इस मामले की गंभीरता को समझते हुए प्रदूषण को कम करने के लिए जिलावासियों से भी सुझाव मांगे हैं और कहा है कि अच्छे उपयोगी सुझावों पर प्रशासन अवश्य विचार करेगा।
ध्यान रहे कि हाल ही में आयोजित जिला लोक संपर्क एवं कष्ट निवारण समिति की मासिक बैठक में हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने प्रदूषण का स्तर कम करने के लिए यहां पर प्रशासन और विभिन्न विभागों के इंजीनियर्स को शामिल करते हुए कमेटी गठित करने के निर्देश दिए थे। मुख्यमंत्री के निर्देशों को अमलीजामा पहनाते हुए मंगलवार को उपायुक्त डा. गर्ग ने सभी संबंधित विभागों के अधिकारियों और इंजीनियर्स की बैठक अपने कार्यालय में बुलाई थी।
इस बैठक में उपायुक्त डा. गर्ग ने जिला में प्रदूषण को सभी के लिए चिंता का विषय बताते हुए कहा कि ऐसे में जरूरी है कि सभी संबंधित विभाग इस विषय को गंभीरता से लेते हुए प्रदूषण को कम करने के लिए एकजुटता से कार्य करें। इस विषय पर चर्चा के दौरान सड़कों में बने गड्डो की वजह से धूल उठने और ट्रेफिक जाम होने का मुद्दा आया जिस पर नगर निगम गुरूग्राम के अधिकारी ने बताया कि निगम क्षेत्र में सड़कों के गड्डे भरने के लिए 15 टीमें गठित कर दी गई हैं। उपायुक्त ने इस कार्य को पूर्ण करने के लिए 15 दिसंबर तक का समय निर्धारित किया। इसके अलावा, सड़कों के किनारे पड़े सीएंडडी वेस्ट, मलबा व मिट्टी आदि उठवाने के लिए भी उपायुक्त ने एक सप्ताह में एक्शन प्लान तैयार कर इस कार्य को दो महीनों में पूरा करवाने के निर्देश दिए।
उपायुक्त ने बैठक में उपस्थित नगर निगम, एचएसवीपी, लोक निर्माण विभाग तथा जीएमडीए के अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि वे जिला में ग्रीन बैल्ट के रख-रखाव की जरूरत अनुसार दोबारा प्लानिंग करते हुए उसे पुनः विकसित करें। इसके अलावा, उन्होंने संबंधित विभागों को ग्रीन बैल्ट से अतिक्रमण हटवाने के निर्देश दिए और कहा कि इस संबंध में एक्शन प्लान बनाए और की गई कार्यवाही की रिपोर्ट प्रत्येक सप्ताह उनके कार्यालय में भिजवाना सुनिश्चित करें। सैक्टर-29 में धूल नियंत्रण के लिए उपायुक्त् ने एचएसवीपी के अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे वहां पर एंटी स्मोग गन की व्यवस्था करवाना सुनिश्चित करें।
उपायुक्त ने कहा कि नगर निगम के अधिकारी मैकेनाइज्ड स्वीपिंग का शैड्यूल तैयार करें और रोजाना इसकी रिपोर्ट उपायुक्त कार्यालय भिजवाएं। जिला में बड़ी परियोजनाओं के तहत चल रहे स्थल पर धूल-मिट्टी नियंत्रित करने को लेकर आवश्यक इंतजाम करवाना सुनिश्चित करने के भी आदेश दिए गए। इनमें अतुल कटारिया चौंक व महावीर चौंक का भी उल्लेख किया गया। उपायुक्त ने स्पष्ट रूप से कहा कि जिला में सरकारी और प्राइवेट सहित सभी निर्माण गतिविधियांे वाली जगहों पर धूल को नियंत्रित करने के उपाय व मापदंड का पालन दृढ़ता से किया जाए, अन्यथा कोताही करने वालों के खिलाफ नियमानुसार कड़ी कार्यवाही की जाएगी।
इसके साथ ही उपायुक्त ने कहा कि जिला में 10 साल पुराने डीजल वाहनों तथा 15 साल पुराने पैट्रोल के वाहनों को लेकर भी नियमित तौर पर चेकिंग अभियान चलाया जाए। डा. यश गर्ग ने कहा कि जिला में प्रदूषण नियंत्रण को लेकर जनभागीदारी अत्यंत आवश्यक है, ऐसे में यदि जनसाधारण के पास प्रदूषण नियंत्रण को लेकर अच्छे सुझाव हो तो बेझिझक जिला प्रशासन के साथ सांझा करें। उनके अच्छे सुझावों पर निश्चित तौर पर विचार किया जाएगा। ये सुझाव ईमेल पता- grap.mcg.gov.in पर भेजे जा सकते हैं।
बैठक में जीएमडीए के मैट्रोपोलिटन ग्रीन प्लानर एवं जिला वन अधिकारी सुभाष यादव सहित नगर निगम गुरूग्राम, हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण, लोक निर्माण विभाग भवन एवं सड़कें सहित कई अन्य संबंधित विभागों के अधिकारीगण उपस्थित थे।