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जयपुर, 18 अक्टूबर। मुख्य सचिव निरंजन आर्य ने सभी जिला कलक्टरों और पुलिस अधीक्षकों को निर्देश दिये कि वे व्यक्तिगत रूप से पटवारी भर्ती परीक्षा के सफल आयोजन की कमान संभालें। उन्होंने कहा कि इसमें किसी भी प्रकार की शिथिलता और लापरवाही नहीं होनी चाहिये। मुख्य सचिव ने रीट की परीक्षा की ही तरह इस परीक्षा में भी बेहतरीन प्रबंधन के साथ काम करने के लिए कहा। उन्होंने कहा कि यह परीक्षा आदर्श परीक्षा संचालन का उदाहरण बने।
मुख्य सचिव सोमवार को शासन सचिवालय में राज्य में 23 तथा 24 अक्टूबर को होने वाली पटवारी सीधी भर्ती परीक्षा-2021 की तैयारियों के संबंध में आयोजित समीक्षा बैठक को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने बताया कि राज्य में 15 लाख से अधिक विद्यार्थी इस परीक्षा में सम्मिलित होंगे। इन विद्यार्थियों को परीक्षा केन्द्र तक पहुंचने में किसी भी प्रकार की परेशानी नहीं हो तथा परीक्षा निर्बाध पूरी हो इसकी जिम्मेदारी प्रशासन तथा पुलिस की है। श्री आर्य ने कहा कि परीक्षार्थियों को दूसरे जिलों में परीक्षा केन्द्र तक पहुंचने के लिए निःशुल्क यातायात की व्यवस्था के लिए जिला कलक्टर पर्याप्त बसों की उपलब्धता सुनिश्चित करें। उन्होंने पेपर आउट होने या नकल की किसी भी घटना को रोकने के लिए परीक्षा से पहले और परीक्षा के दौरान सभी आवश्यक उपाय सुनिश्चित करने के भी निर्दश दिये। श्री आर्य ने जिला कलक्टरों तथा पुलिस अधिकारियों से रीट की परीक्षा के उनके अनुभवों के आधार पर सुझाव भी मांगे।
इस अवसर पर कर्मचारी चयन बोर्ड के अध्यक्ष श्री हरि प्रसाद शर्मा ने बताया कि परीक्षा दो दिन में 4 पारियों में सम्पन्न होगी। उन्होंने परीक्षा के सफल क्रियान्वयन के लिए प्रशासन तथा पुलिस से अतिरिक्त सतर्कता के साथ काम करने की अपील की। उन्होंने कहा कि असामाजिक तत्वों की धरपकड़ पहले ही की जानी चाहिये ताकि अपराधियों में संदेश जाए। उन्होंने कहा कि संवेदनशील स्थानों पर पुलिस का अतिरिक्त जाप्ता लगाया जाए तथा निजी स्कूलों वाले केन्द्रों की निगरानी में अतिरिक्त सतर्कता बरती जाए।
बैठक में अतिरिक्त मुख्य सचिव स्कूल शिक्षा श्री पवन कुमार गोयल, गृह विभाग के प्रमुख शासन सचिव श्री अभय कुमार तथा परिवहन आयुक्त श्री महेन्द्र सोनी ने भी परीक्षा के सफल संचालन के लिए सुझाव दिये।
जिलों में कोरोना टेस्टिंग तथा वैक्सीनेशन बढ़ाने के दिये निर्देश
मुख्य सचिव ने जिला कलक्टरों को निर्देश दिये कि वे किसी भी हालत में अपने-अपने जिलों में कोविड़ की जांचों को कम नहीं होने दें और ना ही वैक्सीनेशन ड्राइव की गति को कम होने दें। उन्होंने कहा कि वैक्सीनेशन के लिए उन लोगों को प्रेरित करें, जिन्हें अब तक पहली डोज भी नहीं लगी है। साथ ही वैक्सीन की वेस्टेज की भी मॉनिटरिंग रखें। उन्होंने कहा कि मौसम बदलने के साथ ही प्रदेश में डेंगू, चिकनगुनिया, स्क्रब टाइफस, मलेरिया तथा स्वाइन फ्लू के रोगी सामने आ रहे हैं। इन सब में डेंगू के मामले सबसे ज्यादा हैं। उन्होंने निर्दश दिये कि इन रोगियों को आवश्यकता होने पर तुरन्त भर्ती किया जाए तथा जरूरत होने पर कोविड के लिए विकसित सुविधाओं का भी उपयोग किया जाए।
श्री आर्य ने निर्देश दिये कि जिलों में मौसमी बीमारियों से बचाव के लिए पानी का भराव नहीं होने देने तथा मच्छरों को पनपने से रोकने के उपाय किये जाएं तथा इस संबंध में आम जन को भी जागरूक किया जाए। उन्होंने मौसमी बीमारियों की रोकथाम तथा उपचार के लिए जिला स्तर पर कंट्रोल रूम स्थापित करने के लिए भी जिला कलक्टरों को निर्देश दिये। उन्होंने नियमित फॉगिंग करने तथा प्रभावित क्षेत्रों में मच्छरदानी वितरित करने के लिए कहा।
बैठक में चिकित्सा शिक्षा विभाग के शासन सचिव श्री वैभव गालरिया ने कहा कि जिला कलक्टर जिलों में ऑक्सीजन प्लांट शुरू करने के लिए डिस्कॉम से संबंधित तथा अन्य मुद्दों का शीघ्र समाधान करें। उन्होंने कहा कि जिलों में मौसमी बीमारियों की दृष्टि से संवेदनशील इलाकों को चिह्वित करें तथा वहां सुरक्षात्मक व उपचारात्मक उपाय करें, जिससे इन बीमारियों के प्रसार को रोका जा सके।