मच्छरजनित बीमारियों की रोकथाम के लिए उपायुक्त की अध्यक्षता में बैठक संपन्न

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– कहा, डेंगू व मलेरिया को लेकर गुरूग्राम में स्थिति नियंत्रण में, आवश्यक सावधानी बरतें लोग

गुरूग्राम, 13 अक्टूबर। गुरूग्राम के उपायुक्त डा. यश गर्ग ने कहा कि डेंगू व मलेरिया को लेकर जिला में स्थिति फिलहाल नियंत्रण में है। ऐसे में जरूरी है कि लोग आवश्यक सावधानी बरतें और स्वास्थ्य विभाग द्वारा जारी हिदायतों का गंभीरता से पालन करें।

वे आज अपने कार्यालय में जिला स्तरीय मलेरिया वर्किंग कमेटी की बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे। बैठक में सिविल सर्जन डा. विरेन्द्र यादव ने बताया कि जिला में अब तक डेंगू के 133 मामले सामने आए हैं जिनमें से केवल 28 मरीजों को सिंगल डोनर प्लेटलैट्स (एसडीपी) की आवश्यकता पड़ी है। इसी प्रकार जिला में अब तक डेंगू के 2 हजार 337 सैंपल डेंगू के एकत्रित किए गए हैं। इसके साथ ही जिला में रैपिड फीवर मास सर्वे टीम द्वारा रोजाना शहरी व ग्रामीण क्षेत्रों में 12 हजार घरों को सर्वे किया जा रहा है। जिला में मच्छरों की रोकथाम के लिए नगर निगम की 38 टीमों द्वारा फोगिंग की जा रही है।

बैठक में बताया गया कि स्वास्थ्य विभाग गुरूग्राम द्वारा रेंडम डोनर प्लेटलैट्स(आरडीपी) तथा एसडीपी को लेकर ब्लड बैंकों से तालमेल स्थापित करते हुए काम किया जा रहा है। जिला में कार्यरत सभी ब्लड बैंको को स्पष्ट दिशा-निर्देश दिए गए हैं कि वे मरीजों से 11 हजार 500 रूप्ये से अधिक चार्ज नही कर सकते। इसी प्रकार, नागरिक अस्पताल द्वारा डेंगू के जरूरतमंद मरीजों को 8500 रूपये प्रति यूनिट के हिसाब से उपलब्ध करवाया जा रहा है और हरियाणा के स्थानीय निवासियों तथा बीपीएल के मरीजों को एसडीपी व आरडीपी निःशुल्क उपलब्ध करवाया जा रहा है।
बैठक में बताया गया कि विकास एवं पंचायत विभाग द्वारा डेंगू व मलेरिया की रोकथाम संबंधी गतिविधियों में तेजी लाने के उद्देश्य से प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों के लिए बड़ी संख्या में फोगिंग मशीनें खरीदी जा रही है। इन मशीनों को प्रदेश के सभी गांवो में दिया जाएगा ताकि वहां मच्छरों की रोकथाम के लिए फोगिंग करवाई जा सके। इसके साथ ही ग्रामीण क्षेत्रों में लोगों को डेंगू व मलेरिया संबंधी बचाव उपायों के बारे में जागरूक भी किया जा रहा है।

उपायुक्त ने जिलावासियों से अपील करते हुए कहा कि वे सप्ताह में एक दिन अपने घर के आस-पास सफाई करें और सुनिश्चित करें कि कहीं पर भी पानी खड़ा ना हो। मच्छरजनित बीमारियों की पहचान संबंधी जानकारी देते हुए उन्होंने बताया कि यदि व्यक्ति को तेज बुखार, मितली, जोड़ो और मांसपेशियों में दर्द , त्वचा पर लाल चकते तथा थकावट महसूस हो तो तुरंत स्वास्थ्य केन्द्र पर संपर्क करें। उन्होंने कहा कि डेंगू व मलेरिया के लिए कोई विशिष्ट दवा उपलब्ध नही है। बुखार या दर्द कम करने के लिए पैरासिटामोल का उपयोग किया जा सकता है। एस्प्रिन ना खाएं और तुरंत नजदीकी स्वास्थ्य केन्द्र पर संपर्क करें।

उन्होंने बताया कि एडिज मच्छर घर के अंदर और आस पास ठहरे साफ पानी में पनपता है इसलिए जरूरी है कि मच्छरों को पनपने से रोकें। पानी के सभी बर्तन , टंकी आदि को पूरी तरह से ढक कर रखें। सप्ताह में एक बार कूलर , फूलदान , पशु व पक्षियों के बर्तनों, हौदी को सुखाकर ही पानी भरें। अनुपयोगी बर्तन, कबाड़, टायर, नारियल के खोल आदि को नष्ट कर दें। पूरी बाजू के कपड़े पहने एवं सोते हुए मच्छरदानी का उपयोग करें।

बैठक में मुख्यमंत्री के सुशासन सहयोगी सुखदा व अरविंदा, सिविल सर्जन डा. विरेन्द्र यादव, जिला विकास एवं पंचायत अधिकारी नरेन्द्र सारवान, उप सिविल सर्जन डा सुधा गर्ग , महिला एवं बाल विकास विभाग गुरूग्राम से सीडीपीओ नेहा दहिया सहित संबंधित विभागों के अधिकारी व कर्मचारी उपस्थित थे।

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