रक्षा अधिग्रहण परिषद ने 13,165 करोड़ मूल्य के प्रस्तावों को मंजूरी दी

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प्रमुख बातें:

  • घरेलू स्रोतों से 87% खरीद
  • 3,850 करोड़ की लागत से 25 एएलएच मार्क III हेलीकॉप्टर।
  • 4,962 करोड़ रुपये मूल्य का रॉकेट गोला बारूद

नई दिल्ली :   रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता में  29 सितंबर को आयोजित रक्षा अधिग्रहण परिषद (डीएसी) की बैठक में भारतीय सशस्त्र बलों के आधुनिकीकरण और संचालन संबंधी जरूरतों के लिए 13,165 करोड़ रुपये के पूंजी अधिग्रहण प्रस्तावों के लिए स्वीकृति की आवश्यकता (एओएन) को मंजूरी दी गई। स्वीकृत कुल राशि में से 11,486 करोड़ रुपये की खरीद। (87%) घरेलू स्रोतों से है।

प्रमुख स्वीकृतियों में हेलीकॉप्टर, निर्देशित युद्ध सामग्री और रॉकेट एम्युनिशन शामिल हैं। एक उन्नत हल्के हेलीकॉप्टर (एएलएच) की स्क्वाड्रन के लिए भारतीय सेना की आवश्यकता को देखते हुए, इसकी अभियानगत तैयारियों को सुनिश्चित करने के लिए इसकी अभिन्न भार वहन क्षमता में सुधार करने के लिए, डीएसी ने ‘आत्मनिर्भर भारत’ और ‘मेक इन इंडिया’ पर निरंतर जोर देते हुए मेसर्स एचएएल से लगभग 3,850 करोड़ रुपये की लागत से 25 एएलएच मार्क III हेलीकॉप्टरों की खरीद के लिए बाय इंडियन आईडीडीएम के तहत मंजूरी दी।

गोला-बारूद के स्वदेशी डिजाइन और स्वदेशी विकास को बढ़ावा देते हुए, डीएसी ने घरेलू स्रोतों से लगभग 4,962 करोड़ रुपये की लागत पर बाय (इंडियन-आईडीडीएम) श्रेणी के तहत टर्मिनल गाइडेड मुनिशन (टीजीएम) और एचईपीएफ/आरएचई रॉकेट गोला बारूद खरीद की मंजूरी दी। डीएसी द्वारा 4,353 करोड़ रुपये के अन्य प्रस्तावों को भी एओएन प्रदान किया गया।

इसके अलावा डीएसी ने उद्योग के लिए व्यापार में सुगमता सुनिश्चित करने के साथ-साथ खरीद दक्षता बढ़ाने और समय सीमा को कम करने के उपायों को सुनिश्चित करने के लिए बिजनेस प्रोसेस री-इंजीनियरिंग के अंतर्गत डीएपी 2020 में कुछ संशोधनों को भी मंजूरी दी।

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