नई दिल्ली : राष्ट्रीय एकल खिड़की प्रणाली (एनएसडब्ल्यूएस) की शुरूआत भारत को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है। केन्द्रीय वाणिज्य उद्योग, टैक्सटाइल उपभोक्ता मामले और सार्वजनिक वितरण मंत्री श्री पीयूष गोयल ने ऐसा इस सुविधा का शुभारंभ करते हुए कहा। उन्होंने कहा कि एनएसडब्ल्यूएस अनुमोदनों और पंजीकरणों के लिए सरकारी कार्यालयों में दौड़ लगाने की विरासत से आजादी दिलाने में सहयोग करेगी। उन्होंने कहा कि आजादी के अमृत महोत्सव के इस 75वें सप्ताह में न केवल भारत बल्कि दुनिया के निवेशकों, व्यापार मालिकों (एमएसएमई ) के साथ आजादी के अमृत को साझा कर सकते हैं। एनएसडब्ल्यूएस सरकारी कार्यालयों में दौड़ लगाने की विरासत यानी ‘ईज ऑफ डूइंग बिजनेस’, ‘ईज ऑफ लिविंग’, ‘कागजी कार्यवाही से आजादी’ खिड़की के भीतर विभिन्न खिड़कियों से डुप्लीकेशन और विषमता से आजादी दिलाने में मदद करेगी।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के निर्णायक और साहसिक नेतृत्व में देश को बड़ा सपना देखने में सक्षम और प्रोत्साहित किया है। उनका विज़न राष्ट्र की प्रगति और करोड़ों नागरिकों के लिए समृद्धि का मिशन बन गया है। राष्ट्रीय स्तर पर व्यवसायों और सरकार के बीच एकल इंटरफेस की जरूरत को लम्बे समय से महसूस किया जा रहा है। इस अवसर पर श्री गोयल ने कहा कि यह एकल खिड़की पोर्टल अनुमोदनों और मजूंरियों हेतु निवेशकों के लिए वन-स्टॉप शॉप बन जाएगा। यह पोर्टल आज 18 केन्द्रीय विभागों और 9 राज्यों में अनुमोदन होस्ट करता है। अन्य 14 केन्द्रीय विभागों और 5 राज्यों को दिसंबर, 2021 तक इस पोर्टल में जोड़ लिया जाएगा।
श्री गोयल ने कहा कि ‘एंड टू एंड’ सुविधा के माध्यम से माउस की एक क्लिक पर सभी समाधान उपलब्ध होंगे। इससे इको-सिस्टम में पारदर्शिता, जवाबदेही और उत्तरदायित्व आएगा और सभी जानकारी एकल डैशबोर्ड पर उपलब्ध होगी। विभिन्न आवेदन करने, ट्रैक करने और प्रश्नों की जवाब देने के लिए एक आवेदक डैशबोर्ड भी उपलब्ध होगा। सेवाओं में अपने अनुमोदन को जानना (केवाईए), आम पंजीकरण एवं राज्य पंजीकरण फॉर्म, दस्तावेज भंडार और ई-संचार शामिल हैं।
श्री गोयल ने कहा कि आज भारत पर दुनिया की नजर है और पूरा विश्व भारत को आर्थिक महाशक्ति के रूप में उसके उचित स्थान का दावा करने के रूप में देख रहा है। वित्त वर्ष 2022 की पहली तिमाही में सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में 20 प्रतिशत से अधिक बढ़ोतरी हुई है। अगस्त, 2020 के मुकाबले इस अगस्त में निर्यात में 45.17 प्रतिशत वृद्धि हुई है। वर्ष 2020 में 81.72 बिलियन अमेरिकी डॉलर रिकॉर्ड प्रत्यक्ष विदेशी निवेश की तुलना में इस वित्त वर्ष के पहले तीन महीनों में वर्ष 2020 की इसी अवधि की तुलना में 22.53 बिलियन डॉलर की आमद रही। जीआईआई में भारत 46वें स्थान पर पहुंच गया है। इस प्रकार इसमें पिछले 6 वर्षों में 35 पायदानों की छलांग लगाई है।
उन्होंने कहा कि तेजी से सुधार होने के कारण हम पिछले सात वर्षों में शुरू की गई अन्य परिवर्तनकारी और राष्ट्र निर्माण की पहलों की तरह सबसे तेजी से बढ़ रही अर्थव्यवस्थाओं में से पुनः एक बनने की राह आ गए है। श्री गोयल ने कहा की एनएसडब्ल्यूएस हमारी मेक इन इंडिया, स्टार्टअप इंडिया और पीएलआई योजना जैसी अन्य योजनाओं को मजबूती प्रदान करेगी। ये ध्यान देने योग्य है कि भारत के व्यापार माहौल को सुधारना भारत सरकार का प्रमुख फोकस क्षेत्र है। मेक इन इंडिया, मेक फोर दा वर्ल्ड के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को दोहराते हुए सरकार ने अभियान में अनेक पहल शुरू की है, जिनमें प्रमुख उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन योजना पीएलआई और भारत औद्योगिक भूमि बैंक प्रणाली शामिल हैं। 27 बिलियन अमेरिकी डॉलर के कुल परिव्यय के साथ 13 क्षेत्रों के लिए पीएलआई योजनाओं की घोषणा की गई है और आत्मनिर्भर भारत के लिए विनिर्माण, वैश्विक चैम्पियन बनने की तैयारी है।
केन्द्रीय बजट भाषण 2020 में वित्त मंत्री ने ऐसी ही एक महत्वपूर्ण पहल महत्वाकांक्षी निवेश मंजूरी सेल (आईसीसी) की घोषणा की थी। 2020-21 का बजट पेश करते हुए वित्त मंत्री ने एक निवेश मंजूरी सेल आईसीसी स्थापित करने की योजना की घोषणा की है। यह सेल निवेशकों को ‘एंड टू एंड’ सुविधा सहायता प्रदान करेगी। इन सुविधाओं में निवेशपूर्व परामर्श, भूमि बैंक से संबंधित जानकारी और केन्द्र तथा राज्य स्तर पर मंजूरियों में मदद करना शामिल है। इस सेल को एक ऑनलाइन डिजिटल पोर्टल के माध्यम से परिचालित करने का प्रस्ताव किया गया।
इसके बाद डीपीआईआईटी ने इन्वेस्ट इंडिया के साथ एक राष्ट्रीय एकल खिड़की प्रणाली (एनएसडब्ल्यूएस) के रूप में एक पोर्टल विकसित करने की प्रक्रिया शुरू की। यह प्रणाली निवेशकों को भारत में निवेशकों, उद्यमियों और व्यवसायों के लिए आवश्यक अनुमोदन और मंजूरी की पहचान करने और उन्हें प्राप्त करने में समर्थ बनाने के लिए एकल मंच उपलब्ध कराएंगी। इस प्रणाली की परिकल्पना सूचना में विषमता, विभिन्न मंचों और प्राधिकरणों द्वारा प्रस्तुत सूचना में दोहराव तथा निवेशकों के सामने आने वाली अनुमोदनों और पंजीकरणों की अपर्याप्त ट्रैकिंग से निपटने के लिए की गई थी।
केन्द्रीय विभागों, राज्यों के साथ, विशेष रूप से जिनके पास प्रभावी एकल खिड़की प्रणालियां हैं, व्यापक विचार-विमर्श किया गया। इसके अलावा उद्योग संघों, पेशेवर निकायों और कानूनी फॉर्मों के साथ इस परिकल्पित एकल खिड़की प्रणाली की अपेक्षाओं को समझने के लिए चर्चा की गई। इसके बाद संबंधित अनुमोदनों और पंजीकरणों के साथ संबंधित ट्रिगर शर्तों और नीतियों के साथ-साथ मंत्रालय वार सूचना सारांश का सृजन किया गया है। प्रत्येक मंत्रालय में राष्ट्रीय एकल खिड़की प्रणाली के दायरे में सभी संबंधित अनुमोदनों और पंजीकरणों को सुनिश्चित करने के लिए एक व्यापक समीक्षा और सत्यापन का अभ्यास किया।
यह अभ्यास हितधारकों द्वारा किया गया था। इन्वेस्ट इंडिया में मंत्रालयों और राज्यों में उचित प्रणाली के लिए उपयुक्त समग्र प्रौद्योगिकीय वास्तुकला को डिजाइन किया। इन्वेस्ट इंडिया ने मूल्यांकन करके प्रौद्योगिकी कार्यान्वयन भागीदारों का चयन करके इस प्रणाली को विकसित करने का काम शुरू किया। जनवरी, 2021 में उद्योग संघों से फीडबैक के लिए ‘नो योर अप्रूवल मॉड्यूल’ खोला गया। इस दौरान मंत्रालयों और राज्यों ने सूचनाओं के बाधारहित आदान-प्रदान के लिए एनएसडब्ल्यूएस के मुख्य मॉड्यूल के साथ एकीकरण करना शुरू किया। केवाईए मॉड्यूल में फीडबैक को शामिल करने के बाद इसे जुलाई, 2021 में लांच किया गया। एनएसडब्ल्यूएस की मजबूती और केन्द्रीय विभागों और राज्यों के साथ इसके एकीकरण का पता लगाने के लिए व्यापक परीक्षण और जांच की गई।
एनएसडब्ल्यूएस को उद्यमियों और निवेशकों की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए डिजाइन किया गया है।
एनएसडब्ल्यूएस निम्नलिखित ऑनलाइन सेवाएं उपलब्ध कराता हैं-
- अपने अनुमोदन को जानना (केवाईए) सेवाः यह एक बुद्धिमानपूर्ण जानकारी है, जो किसी व्यवसाय द्वारा संचालन शुरू करने के लिए आवश्यक अनुमोदनों की एक सूची तैयार करती है। यह निवेशक द्वारा की गई नियोजित व्यावसायिक गतिविधियों के बारे में अनेक गतिशील प्रश्नों को पूछ कर आवश्यक अनुमोदनों की पहचान करती है। यह प्रश्नावाली देखने में आसान और उपयोगकर्ता के अनुकूल है लेकिन इसमें सैंकड़ों अनुमोदनों के माध्यम से पता लगाने के लिए जटिल और स्वचालित तर्क शामिल हैं जो विशिष्ट निवेशक या उद्यमी के लिए प्रासंगिक तथ्यों को शॉर्टलिस्ट करती है। यह सेवा 32 केन्द्रीय विभागों और 14 राज्यों के 2,000 से अधिक अनुमोदनों के साथ 21/07/2021 को शुरू की गई थी। यह सेवा केवल मार्गदर्शन उद्देश्यों के लिए है और किसी प्रकार की कानूनी सलाह का गठन नहीं करती है।
- सामान्य पंजीकरण फॉर्मः मंत्रालयों और राज्यों में सूचना और दस्तावेज जमा करने का एक बिंदु सुनिश्चित करने के लिए एक सामान्य पंजीकरण फॉर्म के साथ एकीकृत सूचना कैप्चरिंग प्रणाली शुरू की गई थी। प्रपत्रों पर जानकारी अपने आप भर जाती है जिससे वहीं जानकारी दोबारा भरने की जरूरत समाप्त हो जाती है।
- राज्य पंजीकरण फॉर्मः यह निवेशक को संबंधित राज्य एकल खिड़की प्रणाली के लिए बाधारहित एकल क्लिक पहुंच के लिए सक्षम बनाता है।
- आवेदक डैशबोर्डः मंत्रालयों और राज्यों में अनुमोदनों और पंजीकरण से संबंधित प्रश्नों को लागू करने, ट्रैक करने और उनका उत्तर देने के लिए एकल ऑनलाइन इंटरफेस उपलब्ध कराता है।
- दस्तावेज भंडारः यह निवेशकों के लिए एक बार कागजात जमा करने और एक से अधिक अनुमोदनों में उनका उपयोग करने के लिए निवेशकों के लिए एक ऑनलाइन केन्द्रीयकृत भंडारण सेवा है। यह सेवा कई पोर्टलों पर कागजात जमा करने की जरूरत को समाप्त करता है।
- ई-संचार मॉड्यूलः यह मंत्रालयों/राज्यों को आवेदनों से संबंधित प्रश्नों और स्पष्टीकरण के अनुरोधों के ऑनलाइन जवाब देने में सक्षम बनाता है।
इस पोर्टल का बीटा संस्करण अब पूरा हो चुका है और सभी हितधारकों और जनता के लिए इसे ट्रायल सॉफ्ट लांच के रूप में खोला जा रहा है। पोर्टल का यह बीटा संस्करण (फेज-1 के तहत) 18 केन्द्रीय विभागों और 9 राज्यों के अनुमोदनों को होस्ट करता है। इसका उद्देश्य निवेशकों को उनके द्वारा दी गई जानकारी के आधार पर उन व्यावसायिक अनुमोदनों की सूची में मार्गदर्शन करना है जिनकी उन्हें अधिक आवश्यकता होती है। अन्य 14 केन्द्रीय विभाग और 5 राज्यों को दिसंबर, 2021 तक (फेज-2 के अधीन) इस पोर्टल से जोड़ दिया जाएगा।
यह पोर्टल उपयोगकर्ता/उद्योग फीडबैक के आधार पर अधिक संख्या में अनुमोदनों और लाइसेंसों को ऑन बोर्ड कर देगा। हालांकि मंत्रालयो/राज्यों द्वारा इसका व्यापक परीक्षण जारी है और इस प्लेटफॉर्म को स्थिर और अनुकूल बनाने के लिए यह परीक्षण तीन महीनों तक जारी रहेगा। यह बहुत महत्वपूर्ण है कि इसकी निवेशकों और उद्यमों के लिए व्यापकता और अधिक उपयोगिता सुनिश्चित करने के लिए उद्योग के उपयोगकर्ताओं से प्राप्त व्यापक फिडबैक को भी समायोजित किया जाएगा।