जीईएम पोर्टल पर 28,300 से अधिक कारीगरों और 1,49,422 बुनकरों ने पंजीकरण कराया

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– 35.22 लाख हथकरघा कामगारों और 27 लाख हस्तशिल्प कारीगरों को बाजार तक सीधी पहुंच 

नई दिल्ली : बुनकरों और कारीगरों को बाजार तक बेहतर पहुंच प्रदान करने के एक प्रयास के तहत उन्हें जीईएम (गवर्नमेंट ई-मार्केटप्लेस) पोर्टल से जोड़ने के लिए एक अभियान शुरू किया गया है ताकि वे अपने उत्पादों को सीधे सरकारी विभागों को बेच सकें। इससे हथकरघा और हस्तशिल्प में काम करने वाले कारीगरों, बुनकरों, सूक्ष्म उद्यमियों, महिलाओं, आदिवासी उद्यमियों और स्वयं सहायता समूहों जैसे उन विक्रेता समूहों की भागीदारी बढ़ेगी, जिन्हें सरकारी बाजारों तक पहुंचने में चुनौतियों का सामना करना पड़ता है और जो अपर्याप्त अवसरों से जूझते हैं।

पोर्टल पर 30 अगस्त, 2021 तक 28,374 कारीगरों और 1,49,422 बुनकरों का पंजीकरण हो चुका था। जीईएम ने जुलाई 2020 में हथकरघा विकास आयुक्त और हस्तशिल्प विकास आयुक्त कार्यालय के अधिकारियों की सहायता से बुनकरों एवं कारीगरों का विक्रेता पंजीकरण तथा उन्हें पोर्टल से जोड़ने की शुरुआत की थी। साथ ही 56 हस्तशिल्प सेवा केंद्रों और 28 बुनकर सेवा केंद्रों के अधिकारियों को प्रशिक्षित किया गया तथा विक्रेता पंजीकरण प्रक्रिया में शामिल किया गया।

हथकरघा उत्पादों के लिए 28 विशिष्ट उत्पाद श्रेणियां बनाई गई हैं। साथ ही हस्तशिल्प उत्पादों के लिए 170 कस्टम उत्पाद श्रेणियां बनाई गईं। भारतीय हथकरघा (https://gem.gov.in/landing/landing/india_handloom) और भारतीय हस्तशिल्प (https://gem.gov.in/india-handicraft) उत्पादों के लिए विशेष वेब-बैनर और बाजार पृष्ठ विकसित किए गए हैं जिनकी मदद से विभिन्न सरकारी खरीदारों को ऐसे उत्पादों की आपूर्ति करने में सक्षम कारीगरों, बुनकरों, सहकारी समितियों, स्वयं सहायता समूहों और उत्पादक कंपनियों द्वारा बनाए गए उच्च गुणवत्ता वाले हस्तशिल्प तथा हथकरघा उत्पादों का प्रदर्शन किया जा रहा है।

इस कदम से सरकारी खरीदारों के पास हथकरघा और हस्तशिल्प उत्पादों को बढ़ावा देने में मदद मिलेगी। साथ ही यह बुनकरों एवं कारीगरों को बिचौलियों के बिना अपने उत्पाद सीधे सरकार को बेचने के लिए सशक्त करेगा। इससे “आत्मनिर्भर भारत” का निर्माण सुनिश्चित करने की दिशा में #माईहैंडलूममाईप्राइड, #वोकलफोरलोकल और मेक इन इंडिया की भावना सुदृढ़ होगी।

इस पहल का उद्देश्य लगभग 35.22 लाख हथकरघा और 27 लाख हस्तशिल्प कारीगरों को बाजार तक सीधी पहुंच के अवसर प्रदान करना है जिससे बिचौलियों की व्यवस्था भी समाप्त हो जाएगी। जीईएम ने हथकरघा और हस्तशिल्प उत्पादों के लिए विशेष उत्पाद श्रेणियां बनाई हैं। साथ ही भारत के हथकरघा और भारतीय हस्तशिल्प के लिए विशेष वेब बैनर एवं बाजार पृष्ठ बनाए गए हैं जिनकी मदद से विभिन्न सरकारी खरीदारों को ऐसे उत्पादों की आपूर्ति करने में सक्षम कारीगरों, बुनकरों, सहकारी समितियों, स्वयं सहायता समूहों और उत्पादक कंपनियों द्वारा बनाए गए उच्च गुणवत्ता वाले हस्तशिल्प तथा हथकरघा उत्पादों का प्रदर्शन किया जा रहा है।

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