राष्ट्रपति बोले : हिमाचल प्रदेश एक दिन विकास के पैमाने पर भारत का सिरमौर बने

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हिमाचल प्रदेश के पूर्ण राज्यत्व के स्वर्ण जयंती वर्ष समारोह के अवसर पर प्रदेश की विधानसभा को संबोधित किया

शिमला : राष्ट्रपति रामनाथ कोबिंद ने आज हिमाचल प्रदेश के पूर्ण राज्यत्व के स्वर्ण जयंती वर्ष समारोह के अवसर पर प्रदेश की विधानसभा को संबोधित किया. अपने संबोधन में राष्ट्रपति ने कहा कि हिमाचल प्रदेश द्वारा पूर्ण राज्य का दर्जा प्राप्त करने की स्वर्ण जयंती से जुड़े विधान सभा के इस विशेष सत्र को संबोधित करते हुए मुझे हार्दिक प्रसन्नता हो रही है। मैं प्रदेश के लगभग 70 लाख निवासियों को, पूरे देश की ओर से, बधाई देता हूं. उन्होंने कहा कि स्वतंत्र भारत के पहले चुनाव का पहला वोटर होने का श्रेय हिमाचल प्रदेश के ही श्याम सरन नेगी को जाता है। मुझे बताया गया है कि सौ वर्ष से अधिक आयु के श्री नेगी आज भी सक्रिय हैं और एक सजग मतदाता के रूप में उनका उदाहरण राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा भी प्रस्तुत किया जाता है।

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राष्ट्रपति कोबिंद ने हिमाचल प्रदेश की विकास यात्रा की चर्चा करते हुए कहा कि इस प्रदेश के लोगों ने विगत 50 वर्षों में विकास की जो गाथा लिखी है उस पर सभी देशवासियों को गर्व है। इसके लिए सभी पूर्ववर्ती सरकारों ने अहम भूमिका निभाई है। उनका कहना था कि हिमाचल प्रदेश ने विभिन्न क्षेत्रों में विकास के नए आयाम स्थापित किए हैं। नीति आयोग की एक रिपोर्ट के अनुसार “सतत विकास लक्ष्य – इंडिया इंडेक्स 2020-21” में हिमाचल प्रदेश देश में दूसरे नंबर पर है।

 

रक्षा के क्षेत्र में हिमाचल के लोगों के योगदान का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश के शांतिप्रिय परंतु बहादुर लोग, आवश्यकता पड़ने पर अन्याय, आतंक और देश की अस्मिता पर किसी भी प्रकार के प्रहार का वीरता-पूर्वक जवाब देते रहे हैं। हिमाचल प्रदेश के लगभग हर गांव के युवा भारतीय सेनाओं में अपनी सेवाएं प्रदान करते हैं।

 

उन्होंने प्रदेश में तकनीक के उपयोग को बढ़ावा देने की बात की. उन्होंने कहा कि यह आप सभी के लिए गर्व का विषय है कि सन 2014 में हिमाचल प्रदेश विधान सभा देश की पहली पेपरलेस विधान सभा बनी। यह टेक्नॉलॉजी के सक्षम उपयोग, पर्यावरण की रक्षा तथा आर्थिक संसाधनों की बचत का अच्छा उदाहरण है।

 

हिमाचल प्रदेश में मौजूद प्राकृतिक संसाधनों की चर्चा करते हुए कहा कि यहाँ की नदियों का पानी निर्मल है। यहां की मिट्टी साफ-सुथरी तथा पोषक तत्वों से युक्त है। मैं चाहूंगा कि यहां के किसान भाई-बहन, प्राकृतिक खेती को अधिक से अधिक अपनाएं और रासायनिक उर्वरकों से अपनी शस्य-श्यामला धरती को मुक्त करें।राष्ट्रपति बोले : हिमाचल प्रदेश एक दिन विकास के पैमाने पर भारत का सिरमौर बने 3

 

पिछले कुछ महीनों के दौरान हिमाचल प्रदेश में बादल फटने तथा जल-प्लावन जैसे दुर्भाग्यपूर्ण हादसे पर चिंता जताते हुए राष्ट्रपति ने यहाँ कहते हुए संवेदना प्रकट की कि मैं सभी संतप्त परिवारों के प्रति हार्दिक संवेदना व्यक्त करता हूं। मुझे विश्वास है कि केंद्र व राज्य सरकार मिलकर ऐसी आपदाओं के वैज्ञानिक समाधान विकसित करेंगे

 

राष्ट्रपति ने कहा कि कोविड महामारी का सामना करने में हिमाचल प्रदेश ने देश में सबसे पहले वैक्सीन की पहली डोज़ शत-प्रतिशत आबादी को लगाने का कीर्तिमान स्थापित किया है। इसके लिए हिमाचल प्रदेश के सभी कोरोना वॉरियर्स की मैं सराहना करता हूं।

 

स्वर्ण जयंती वर्ष पर हिमचल आने को उन्होंने अपने सुखद संयोग बताया. उन्होंने कहा कि हिमाचल की धरती मुझे लगभग 45 वर्षों से आकर्षित करती रही है। यहां की प्राकृतिक सुंदरता, लोगों की कर्मठता, सरलता व अतिथि सत्कार ने मेरे मानस-पटल पर गहरी छाप छोड़ी है।

उन्होंने यह कहते हुए उम्मीद जताई कि हिमाचल प्रदेश के एक जिले का नाम सिरमौर है। मेरी शुभकामना है कि पूरा हिमाचल प्रदेश एक दिन विकास के पैमाने पर भारत का सिरमौर बने। उन्होंने कहा कि श्रद्धेय अटल बिहारी वाजपेयी जी को हिमाचल प्रदेश से गहरा लगाव था। इसे वे अपना घर ही मानते थे। उन्होंने हिमाचल को विशेष औद्योगिक पैकेज प्रदान किया था, जिससे राज्य में निवेश को बढ़ावा मिला।

 

 

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