विश्वविद्यालयों में चल रहे शोध कार्य प्रयोगशालाओं तक सीमित नहीं रहना चाहिए : राज्यपाल

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चण्डीगढ़ 4 सितंबरः विश्वविद्यालय शैक्षणिक उत्कृष्टता तथा उद्यमिता उत्कृष्टता के केन्द्र बनने चाहिए। विश्वविद्यालयों में चल रहे शोध कार्य प्रयोगशालाओं तक सीमित नहीं रहना चाहिए, बल्कि शोध का उपयोग मानव कल्याण के लिए, समाज के कल्याण के लिए होना चाहिए। यह उद्गार हरियाणा के राज्यपाल तथा महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय के कुलाधिपति बंडारू दत्तात्रेय ने आज महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय में शैक्षणिक विभागों का दौरा करते हुए प्राध्यापकों एवं शोधार्थियों से बातचीत करते हुए व्यक्त किए।

राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय ने महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय के शैक्षणिक विभागों की शोध एवं उच्च शिक्षा प्रगति की सराहना की। उन्होंने कहा कि शैक्षणिक संस्थानों को स्किल इंडिया, डिजीटल इंडिया तथा मेक इन इंडिया मिशन के दृष्टिगत विद्यार्थियों के कौशल विकास का रास्ता प्रशस्त करना होगा।

श्री दत्तात्रेय ने जीव विज्ञान संकाय के कई विभागों- जूलोजी, बॉटनी, पर्यावरण विज्ञान, सेंटर फॉर बायोटैक्नोलोजी, चै. रणबीर सिंह इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल एंड इकोनोमिक चेंज का दौरा किया। उन्होंने विभागाध्यक्ष, निदेशक, प्राध्यापकों तथा शोधार्थियों से बातचीत की तथा संबंधित विभागों की शैक्षणिक गतिविधियों का ब्यौरा लिया।

उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय खेल परिसर में डा. मंगल सेन इंडोर जिम्नैजियम हाल में विश्वविद्यालय के उत्कृष्ट खिलाडियों, द्रोगणाचार्य, अर्जुन तथा भीम खेल पुरस्कार विजेताओं से मुलाकात की। निदेशक खेल डा. डीएस ढुल ने सभी स्पोर्ट्स एचीवर्स का परिचय करवाया। उन्होंने विश्वविद्यालय के खेल क्षेत्र की उपलब्धियों का ब्यौरा दिया। राज्यपाल ने विवेकानंद पुस्तकालय का भी दौरा किया। उन्होंने इस विजिट के दौरान पौधारोपण भी किया।

इससे पूर्व, मदवि के कुलपति प्रो. राजबीर सिंह, कुलसचिव प्रो. गुलशन लाल तनेजा, संकायों के अधिष्ठाताओं, विवि अधिकारियों ने राज्यपाल-कुलाधिपति का विश्वविद्यालय परिसर आगमन पर पुष्प गुच्छ से स्वागत किया। कुलपति ने राज्यपाल को विश्वविद्यालय की प्रगति यात्रा का ब्यौरा दिया। कुलपति ने बताया कि मदवि शैक्षणिक एवं शोध क्षेत्र में उल्लेखनीय प्रगति की है तथा एनआईआरएफ रैंकिंग 2020 में पूरे भारत में 76वें तथा हरियाणा में प्रथम स्थान प्राप्त किया। नैक से इस विश्वविद्यालय को ए प्लस रैंकिंग प्राप्त हुई।

विश्वविद्यालय के डीन, सीआईएए प्रो. ए.के. राजन ने विश्वविद्यालय के विविध क्षेत्रों में नूतन पहल तथा उपलब्धियों बारे प्रस्तुति दी।

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