दिल्ली पुलिस ने त्रिलोकपुरी इलाक़े में बच्ची के साथ दुष्कर्म मामले में अदालत में आरोप पत्र दाखिल किया

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केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह मामले की जांच तेज़ी से पूरी करने और 30 दिनों के भीतर चार्जशीट दाख़िल करने का दिया था निर्देश

गृह मंत्रालय ने उच्चस्तरीय समीक्षा की थी

त्रिलोकपुरी और नांगल मामलों में दिल्ली पुलिस ने 30 दिनों के भीतर आरोप पत्र दाख़िल किया

नई दिल्ली : दिल्ली पुलिस ने त्रिलोकपुरी इलाक़े में एक बच्ची के साथ दुष्कर्म मामले में केस दर्ज होने के 30 दिनों के भीतर आज अदालत में आरोप पत्र दाखिल कर दिया।

महिलाओं के विरूद्ध अपराधों के प्रति माननीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और भारत सरकार की शून्य सहिष्णुता नीति का अनुसरण करते हुए तथा महिलाओं के विरूद्ध अपराधों में शीघ्र जांच एवं सज़ा दिलाने की प्रतिबद्धता तथा माननीय केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह के निर्देश पर, कि इस मामले में जांच तेज़ी से पूरी की जाए और 30 दिनों के भीतर चार्जशीट दाख़िल की जाए ताकि पीड़ित परिवार को न्याय मिल सके, गृह मंत्रालय ने एक उच्चस्तरीय समीक्षा की थी जिसमें दिल्ली पुलिस ने मामला दर्ज होने के 30 दिनों के भीतर चार्जशीट दाख़िल करने को कहा था, जिसके बाद फ़ास्ट ट्रैक कोर्ट मामले की सुनवाई करेगी।

11.8.21 की घटना के संबंध में भारतीय दंड संहिता की धारा 376 एबी आर/डब्ल्यू sec 6 पोक्सो एक्ट व sec 3(2) (v) एससी/एसटी एक्ट के तहत मुक़दमा दर्ज किया गया था। इस मामले में आज पुलिस ने तीन सप्ताह के भीतर न्यायालय में आरोप पत्र दाख़िल किया। आरोपी को कुछ घंटों के भीतर ही गिरफ़्तार कर लिया गया था और फ़िलहाल वह न्यायिक हिरासत में है। नांगल दुष्कर्म और हत्या मामले में भी पुलिस ने 30 दिनों के भीतर आरोप पत्र दाख़िल कर दिया था।

दिल्ली पुलिस की अपराध शाख़ा द्वारा माननीय न्यायालय हसन अंजार, एएसजे, विशेष न्यायालय (पोक्सो एक्ट), कड़कड़डूमा न्यायालय, दिल्ली के समक्ष 187 पृष्ठ का आरोप पत्र प्रस्तुत किया गया, उन्होंने आगे की कार्यवाही के लिए 10 सितंबर की तारीख़ निर्धारित की है।

दिनांक 14.8.21 को इस मामले को थाना मयूर विहार से दिल्ली पुलिस की अपराध शाख़ा को स्थानांतरित कर दिया गया था तथा मनोज सी. उपायुक्त (अपराध) के नेतृत्व में त्वरित जांच के लिए सहायक आयुक्त पुलिस, अरविन्द कुमार को सौंपा गया। जांच के दौरान तकनीकी सहित सभी साक्ष्यों का विश्लेषण किया गया और उन्हें रिकॉर्ड में लाया गया। वरिष्ठ अधिकारी दिन-प्रतिदिन जांच की निगरानी करते थे।

मामले की संवेदनशीलता को देखते हुए आरोपी के विरूद्ध 21 दिनों के अंदर ही चार्जशीट दाख़िल कर दी गई, जो अब न्यायिक हिरासत में है।

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