लेह में पहली बार सिविल सेवा (प्रारंभिक) परीक्षा

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केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने लद्दाख के लिए एक अलग आईएएस/सिविल सेवा परीक्षा केंद्र की स्थापना के बारे में जानकारी दी, जो लेह में स्थापित होगा

लेह में पहली बार 10 अक्टूबर, 2021 को निर्धारित सिविल सेवा (प्रारंभिक) परीक्षा 2021 का आयोजन किया जायेगा

नई दिल्ली: केंद्रीय राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी; राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) पृथ्वी विज्ञान; राज्य मंत्री प्रधानमंत्री कार्यालय, कार्मिक, लोक शिकायत एवं पेंशन, परमाणु ऊर्जा तथा अंतरिक्ष राज्य मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने लद्दाख के लिए एक अलग आईएएस/सिविल सेवा परीक्षा केंद्र की स्थापना के बारे में आज जानकारी दी, जो लेह में स्थापित किया जायेगा।

 

लद्दाख के उपराज्यपाल आर के माथुर द्वारा नॉर्थ ब्लॉक के डीओपीटी मुख्यालय में केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह से आईएएस अधिकारियों की नियुक्ति और लद्दाख के संदर्भ में सेवा से संबंधित अन्य मुद्दों पर चर्चा करने के तुरंत बाद इसकी घोषणा की गई।

बैठक के बाद जारी एक आधिकारिक वक्तव्य के अनुसार, संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) का इस वर्ष से लेह में भी एक परीक्षा केंद्र होगा, जहां पर पहली बार सिविल सेवा (प्रारंभिक) परीक्षा 2021 का आयोजन होगा। यह परीक्षा इस साल 10 अक्टूबर को होनी निर्धारित है। यह लद्दाख क्षेत्र के उन युवाओं की लंबे समय से लंबित मांग को पूरा करेगा, जिनकी शिकायत थी कि, उन्हें हवाई किराए की वहन क्षमता और अनिश्चित मौसम की स्थिति के कारण देश के अन्य हिस्सों में परीक्षा केंद्रों तक पहुंचने में परेशानियां आती थीं।

डॉ. जितेंद्र सिंह ने यह भी बताया कि “एआईएस के एनई कैडर से संबंधित एआईएस अधिकारियों के लिए विशेष भत्ते” नामक मौद्रिक प्रोत्साहन का भुगतान वर्तमान में मूल वेतन के 20% की दर से उन अधिकारियों को किया जाता है जो पूर्वोत्तर क्षेत्र में काम कर रहे हैं और इसे 12 अप्रैल, 2021 के आदेश के तहत केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख में कार्यरत एआईएस अधिकारियों के लिए भी बढ़ा दिया गया है।

केंद्रीय मंत्री ने याद करते हुए कहा कि, करीब पांच साल पहले विभाग द्वारा यूपीएससी परीक्षा केंद्र की मांग उठाई गई थी, लेकिन इसे आगे नहीं बढ़ाया जा सका था। हालांकि, अब जब से प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के हस्तक्षेप से लद्दाख को एक अलग केंद्र शासित प्रदेश का दर्जा दिया गया है, इस क्षेत्र से आईएएस/सिविल सेवा के उम्मीदवारों की सुविधा के लिए विशेष और आत्मनिर्भर सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए इन बिंदुओं पर उपयुक्तता से विचार किया गया था। इस क्षेत्र ने अतीत में भारत को कुछ बेहतरीन आईएएस अधिकारियों की सेवाएं प्रदान की हैं।

एक अन्य बड़े फैसले में डॉ. जितेंद्र सिंह ने बताया कि, डीओपीटी से संबद्ध कर्मचारी चयन आयोग (एसएससी) केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख के ग्रुप ‘बी’ और ‘सी’ के पदों पर चयन के लिए कंप्यूटर आधारित परीक्षा आयोजित कर रहा है। उन्होंने कहा कि, यह व्यवस्था सरकारी विभागों में समूह-‘बी’ और समूह-‘सी’ पदों के लिए योग्यता के आधार पर स्वतंत्र एवं निष्पक्ष चयन प्रक्रिया को कारगर बनाएगी।

 

यूपीएससी परीक्षाओं के आयोजन के लिए लेह में परीक्षा का एक नया केंद्र खोला जाएगा, जबकि लेह का लैमडोन ऑनलाइन असेसमेंट इंस्टीट्यूट एसएससी परीक्षाओं के संचालन की सुविधा प्रदान कर रहा है।

उपराज्यपाल आर के माथुर ने लद्दाख पर विशेष ध्यान देने और केंद्र शासित प्रदेश द्वारा किये गए हर अनुरोध पर डीओपीटी की त्वरित कार्रवाई के लिए आभार व्यक्त किया। उन्होंने केंद्रीय मंत्री से केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख में उपयुक्त आईएएस अधिकारियों की तैनाती में मदद करने का भी अनुरोध किया, विशेषकर इसलिए कि, हाल ही में इस क्षेत्र में केंद्र द्वारा प्रायोजित कई महत्वाकांक्षी परियोजनाएं शुरू की गई हैं।

उपराज्यपाल को कार्मिक मंत्रालय और डीओपीटी से हर संभव सहायता तथा सहयोग का आश्वासन देते हुए जितेंद्र सिंह ने इस प्रस्ताव पर सहमति व्यक्त की कि, कार्मिक मंत्रालय के तहत प्रशासनिक सुधार विभाग केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख के सिविल सेवकों और अधिकारियों के लिए सितंबर के महीने में दो दिवसीय क्षमता निर्माण कार्यशाला आयोजित करेगा। इसके अतिरिक्त, केंद्रीय मंत्री ने कहा कि, लद्दाख को आईएएस के एजीएमयूटी कैडर में शामिल करने से क्षेत्र में पोस्टिंग के लिए एक सक्षम व्यापक पूल और अधिकारियों की पसंद शामिल होंगे।

उपराज्यपाल ने कार्बन मुक्त लद्दाख की पहल के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को धन्यवाद दिया। उन्होंने कहा कि, केंद्र शासित प्रदेश सरकार इस क्षेत्र में उपलब्ध विशाल जैविक और प्राकृतिक संसाधनों की अधिकतम उपयोगिता के लिए हर संभव प्रयास कर रही है।

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