सकारात्मक सोच के सहारे कोरोना चक्रव्यूह से बाहर निकलने में सफल रहे गुरूग्राम के कई प्रशासनिक अधिकारी

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अधिकारियों का मानना है कि कोरोना पॉजिटिव होने पर घबराएं नहीं, तनावमुक्त होकर स्वस्थ दिनचर्या को अपनाएं

गुरुग्राम 27 मई । कोरोना महामारी आज के समय एक बड़ी स्वास्थ्य सुरक्षात्मक चुनौती है जिसका सामना केवल सकारात्मक नजरिए से ही प्रभावी रूप से किया जा सकता है। नकारात्मक विचारधारा को अनदेखा करते हुए सकारात्मक ऊर्जा के साथ जिला की प्रशासनिक टीम आपदा के इस समय में कोरोना के चक्रव्यूह को तोड़ते हुए स्वस्थ होकर निरंतर प्रशासनिक कार्यशैली को पूरा करने में जुटी है। होम आइसोलेशन में रहकर किस प्रकार स्वास्थ्य व्यवस्थाएं प्रशासनिक अधिकारियों ने बनाए रखी, उस पर उन्होंने संयुक्त रूप से यही अपील की कि कोरोना पॉजिटिव होने पर बिल्कुल भी घबराएं नहीं, तनावमुक्त होकर स्वस्थ्य दिनचर्या को अपनाएं।


होम आइसोलेशन में रहकर प्रोनिंग से ऑक्सीजन लेवल मैंनटेन रखा – मनीषा शर्मा, एचएसवीपी संपदा अधिकारी


मनीषा शर्मा ने बताया कि अपनी जिम्मेदारियों का निर्वहन करते हुए उन्हें कुछ दिन पहले कोरोना के लक्षण महसूस हुए। ऐसे में उन्होंने तुरंत प्रभाव से टेस्ट करवाया तो रिपोर्ट कोरोना पॉजीटिव आई। उसके बाद स्वयं को होम आइसोलेशन में रखकर तनावमुक्त होकर स्वयं को स्वस्थ्य बनाए रखते हुए कोविड रोकथाम में निरंतर अपने अधीनस्थ कर्मचारियों को वर्चुअल तरीके से गाइड किया। उनका कहना है कि होम आइसोलेशन में रहते हुए चिकित्सक की सलाह अनुसार दवाई ली और ऑक्सिजन लेवल को मैंनटेन करने के लिए प्रोनिंग प्रक्रिया को अपनाया। उन्होंने बताया कि वे अक्सर प्रोनिंग प्रक्रिया पेट के बल लेटकर तथा अनुलोम-विलोम, प्राणायाम जैसे योग विधाओं के माध्यम से ऑक्सीजन स्तर को बढ़ाती रही। उन्होंने कहा कि होम आइसोलेशन पूरा होने उपरांत फिर से पूरी सजगता व सतर्कता के साथ प्रशासन की ओर से कोरोना रोकथाम प्रबंधों में सुचारू रूप से अपनी उपस्थिति दर्ज करवा रही हैं।

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-कोरोना को हराकर, कोरोना बचाव में फिर से बने भागीदार – रोहताश बिश्नोई , अतिरिक्त आयुक्त, नगर निगम


जिला मुख्यालय पर कोरोना सुरक्षा के तहत उठाए जा रहे कदमों में निरंतर अपनी सक्रिय भूमिका अदा कर रहे नगर निगम के अतिरिक्त आयुक्त रोहताश बिश्नोई ने कुछ समय पहले कोरोना के लक्षणों को महसूस करते हुए स्वयं को क्वारंटाइन किया। साथ ही कोरोना टेस्ट करवाया जिसमें उनकी रिपोर्ट पाॅजिटिव आई। उन्होंने बताया कि दृढ़ इच्छा शक्ति व सकारात्मक दृष्टिड्ढकोण ने कोरोना रूपी नकारात्मक पहलुओं को खुद पर हावी नहीं होने दिया और यही कारण रहा कि वे होम आइसोलेशन में रहकर स्वस्थ्य हुए और अपनी जिम्मेदारियों का निर्वहन किया।

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सकारात्मक मनोवृत्ति कोरोना से दूरी का सशक्त माध्यम – कुलबीर ढाका, रोडवेज महाप्रबंधक


हरियाणा राज्य परिवहन डिपो गुरूग्राम के महाप्रबंधक ने बताया कि वे होम आइसोलेशन में रहते हुए पूर्ण रूप से स्वस्थ हुए। उन्होंने बताया कि परिवार में उन्हें व उनकी धर्मपत्नी को कोरोना लक्षण आए जिसके बाद उन्होंने तुरंत टैस्ट करवाया और उनकी रिपोर्ट पाॅजीटिव आई। उन्होंने अपने आप को घर में आइसोलेट किया। इस दौरान वे नकारात्मक विचारों से दूर रहें और अपने मन-मस्तिष्क पूरी तरह से पाॅजीटिव रखा। उन्होंने बताया कि वे डाॅक्टर से लगातार फोन के जरिए संपर्क में रहे और उनके परामर्श अनुसार ही दवाईयां ली। इस दौरान उन्होंने अपने रोजमर्रा का रूटीन नही बदला और डाॅक्टरी सलाह के अनुरूप व्यायाम करते रहे। इस प्रकार वे कोरोना की लड़ाई पर जीत हासिल कर पाए।


-सकारात्मक सोच से होती है रोग प्रतिरोधक क्षमता विकसित – अन्नु श्योकंद, मुख्य कार्यकारी अधिकारी

कोरोना की दूसरी लहर में संक्रमित हुई जिला परिषद् की मुख्य कार्यकारी अधिकारी अन्नु श्योकंद का कहना है कि मन शांत रखकर नकारात्मक ऊर्जा से दूर रहते हुए कोरोना को हराया जा सकता है। उन्होंने बताया कि जब उन्हें कोरोना के लक्षण बुखार के रूप में महसूस हुए तो उन्होंने तुरंत कोरोना टेस्ट कराया जिसमें उनकी रिपोर्ट कोरोना पोॅजिटिव आई। ऐसे में प्रशासनिक जिम्मेवारी के साथ स्वास्थ्य के प्रति सजगता ने उनका मनोबल नहीं टूटने दिया। होम आइसोलेशन में रहकर कोरोना से बचाव की दिशा में उठाए जाने वाले पहलुओं को अपनाया और नकारात्मक विचारधारा से पूर्णतया दूरी बनाए रखी। होम आइसोलेशन में रहकर एकांतवास की अनुभूति करने की अपेक्षा उन्होंने ज्ञानवर्धक पुस्तकों को अपना मित्र बनाया और कोरोना रोग को मन से न मानकर अपनी दिनचर्या में स्वस्थ्य शरीर के साथ कोरोना से जंग जारी रखी। सकारात्मक स्वरूप रोग प्रतिरोधक क्षमता विकसित करता है और उसी ध्येय को सामने रख होम आइसोलेशन का समय पूरा करते हुए नेगेटिव रिपोर्ट के साथ सरकारी कार्यशैली जारी रखी।

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