नई दिल्ली : केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण और कोविड-19 से निपटने के लिए बनायी गयी प्रौद्योगिकी एवं डेटा प्रबंधन सशक्त समूह के अध्यक्ष तथा राष्ट्रीय कोविड-19 टीका प्रशासन विशेषज्ञ समूह के सदस्य डॉ. आर एस शर्मा ने आज एक वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए राज्यों एवं केंद्रशासित प्रदेशों के स्वास्थ्य सचिवों और राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के प्रबंध निदेशकों के साथ कोविड टीकाकरण की स्थिति की समीक्षा की। वैश्विक स्तर पर इस तरह के सबसे बड़े अभ्यासों में से एक, देशव्यापी कोविड-19 टीकाकरण कार्यक्रम 16 जनवरी 2021 को शुरू किया गया था। बाद में इसका व्यापक रूप से विस्तार किया गया और राष्ट्रीय कोविड-19 टीकाकरण अभियान के लिए उदार मूल्य निर्धारण एवं त्वरित रणनीति के कार्यान्वयन के साथ 01मई, 2021 से अभियान में 18 वर्ष से अधिक उम्र के नागरिकों को शामिल किया गया।
राज्य विशिष्ट डेटा के साथ टीकाकरण अभियान के विभिन्न पहलुओं पर प्रकाश डालने वाली एक विस्तृत प्रस्तुति के बाद, केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव ने निम्नलिखित बिंदुओं पर प्रकाश डाला:
- राज्य सुनिश्चित करेंगे कि पहली खुराक लेने वाले सभी लाभार्थियों को दूसरी खुराक के लिए प्राथमिकता दी जाए। दूसरी खुराक का इंतजार करे रहे बहुत सारे लाभार्थियों की जरूरत पर ध्यान देने की तत्काल आवश्यकता पर जोर दिया गया।
इस संबंध में, राज्य भारत सरकार के माध्यम से मिले टीकों में से कम से कम 70 प्रतिशत टीके दूसरी खुराक के लिए और बाकी 30 प्रतिशत पहली खुराक के लिए रख सकते हैं। यह हालांकि सांकेतिक है। राज्यों को इसे 100 प्रतिशत तक बढ़ाने की स्वतंत्रता है। कोविन पर राज्यवार संख्या राज्यों के नियोजन उद्देश्यों के लिए उनके साथ साझा की गई है।
राज्यों से टीके की दो खुराक के साथ पूर्ण टीकाकरण के महत्व को रेखांकित करने के लिए जागरुकता अभियान चलाने को कहा गया है।
केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव ने उन राज्यों का विवरण प्रस्तुत कियाजिन्होंने प्राथमिकता समूहों (जैसे कि 45+, एफएलडब्ल्यू और एचसीडब्ल्यू) एवं अन्य के उच्च कवरेज को सुनिश्चित किया है, और राज्यों से आग्रह किया कि वे सुनिश्चित करें कि प्राथमिकता वाले समूहों को टीका लगाया जाए।
- भारत सरकार के माध्यम से प्रदान किए जा रहे कोविडटीकों के बारे में राज्यों को पहले से पारदर्शी तरीके से सूचित किया गया है। बेहतर और ज्यादा कारगर योजना निर्माण में राज्यों की मदद करने के लिए उन्हें अग्रिम रूप से आगामी पखवाड़े के लिए टीके के आवंटन के बारे में बता दिया गया है। 15-31 मई की अवधि के लिए अगला आवंटन उन्हें 14 मई को दिया जाएगा। यह बताया गया कि राज्य अपने टीकाकरण सत्रों की योजना बनाने के उद्देश्य से अगले 15 दिनों के लिए खुराक के आवंटन के बारे में जानकारी का उपयोग कर सकते हैं।
- राज्यों से टीका अपव्यय को कम करने का भी आग्रह किया गया। हालांकि समग्र स्तरों में काफी कमी आई है, केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव ने कहा कि कई राज्य हैं जिन्हें अभी भी अपव्यय को कम करने की जरूरत है। टीकों के विवेकपूर्ण उपयोग को सुनिश्चित करने के लिए राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों को टीको को लेकर पुन: प्रशिक्षण और पुन: व्यवस्था करने का सुझाव दिया गया था। राष्ट्रीय औसत से अधिक सभी अपव्यय को उसके बाद उस राज्य/केंद्रशासित प्रदेशों के बाद के आवंटन से समायोजित किया जाएगा।
इस संदर्भ में, यह भी बताया गया कि कुछ राज्य एक नकारात्मक अपव्यय की जानकारी देने में सक्षम हैं, क्योंकि अच्छी तरह से प्रशिक्षित स्वास्थ्य कार्यकर्ता प्रति शीशी से अधिकतम खुराक निकाल सकते हैं, जो आम तौर पर वैसे चिह्नित है।
- राज्यों को ‘भारत सरकार के अलावा’ दूसरेमाध्यम से खरीद के बारे में भी बताया गया था जो कि टीकाकरण के तीसरे चरण की त्वरित रणनीति के तहत खोला गया है। राज्यों से निजी टीका निर्माताओं को लंबित भुगतान के मद्देनजर, राज्यों को दो या तीन वरिष्ठ अधिकारियों की राज्य स्तर पर एक समर्पित टीम का गठन करने की सलाह दी गई थी, ताकि वे दैनिक आधार पर टीका निर्माताओं के साथ समन्वय कर सकें और तेजी से राज्य सरकार की आपूर्ति को सुरक्षित कर सकें। साथ ही यह टीम निजी अस्पतालों के साथ समन्वय करके उन्हें टीके की खरीद की सुविधा प्रदान करती है, जिससे राज्य में समग्र टीकाकरण अभ्यास की गति बनी रहे।
- टीकाकरण अभ्यास की बदलती जरूरतों को बेहतर ढंग से दर्शाने के लिए कोविन प्लेटफॉर्म में भी बदलाव किया जा रहा है। लक्ष्य समूहों का टीकाकरण पूरा करने की बेहतर योजना के लिए राज्य एक दूसरी खुराक देय रिपोर्ट डाउनलोड कर सकते हैं। जिला प्रतिरक्षण अधिकारी (डीआईओ) और कोविड टीकाकरण केंद्र (सीवीसी) प्रबंधक मांग के अनुसार सत्र क्षमता को बढ़ा सकते हैं (जिसकी सीमा 100 तय की गयी थी) और अपने आगामी सत्रों में लक्ष्य समूह की योजना भी बना कर सकते हैं। जरूरी फोटो प्रमाणपत्र न होने वाले लाभार्थी जैसे कि वृद्धाश्रमों में रहने वाले वरिष्ठ नागरिक, भी पंजीकृत हो सकते हैं। डीआईओऔर सीवीसी प्रबंधक टीका उपयोग रिपोर्ट (वीयूआर) डाउनलोड भी कर सकते हैं।
डॉ. शर्मा ने कहा कि कोविन प्लेटफॉर्म दूसरी खुराक के लिए स्लॉट हासिल करने के लिए जल्द ही लचीलापन और सुविधा प्रदान करेगा। कोविनसंभव सीमा तक अनुकूलित किया जाएगा और एपीआई भी खोले जाएंगे। लोगों को सूचित करने के लिए आईईसी अभियान की आवश्यकता है कि वे दोनों खुराक लेने के लिए केवल एक मोबाइल नंबर का उपयोग करें ताकि उनके प्रमाणपत्र से पता चले कि उन्होंने दोनों खुराक ले ली है। डॉ. शर्मा ने डेटा की सत्यता और प्रामाणिकता के जरूरी महत्व को दोहराया। उन्होंने राज्यों से यह भी आग्रह किया कि वे किसी को, कहीं भी और किसी भी समय टीकाकरण प्रदान करने के कोविन के मंत्र को बनाए रखने के लिए प्रतिबंधात्मक मानदंडों के उपयोग से बचें।