राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद ने जस्टिस एन.वी. रमना को मुख्य न्यायाधीश के रूप में शपथ दिलाई

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नई दिल्ली :  राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद ने जस्टिस एन.वी. रमना को भारत के मुख्य न्यायाधीश के रूप में पद व गोपनीयता की शपथ दिलाई. राष्ट्रपति भवन में आयोजित शपथ ग्रहण समारोह में देश के उपराष्ट्रपति एम् वैंकेया नायडू, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और कानून एवं आई टी मंत्री रविशंकर प्रसाद सहित सुप्रीम कोर्ट के कई न्यायाधीश भी मौजूद थे.

राष्ट्रपति कोविंद द्वारा शपथ दिलाये जाने के बाद सुप्रीम कोर्ट के अगले मुख्य न्यायाधीश के रूप में जस्टिस एन वी रमना ने आज पदभार संभाल लिया। गत 6 अप्रैल को ही राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने उनके नाम पर मुहर लगा दी थी । जस्टिस शरद अरविंद बोबडे 23 अप्रैल को सेवानिवृत्त हो गए ।

जस्टिस नुथालपति वेंकेट रमना 45 साल से ज्यादा समय से न्यायिक दुनिया से जुड़े हुए हैं. उन्हें संवैधानिक मामलों के बेहतरीन जानकार के रूप में जाना जाता है. वे इस पद पर 26 अगस्त 2022 तक कार्यरत रहेंगे। आंध्र प्रदेश के रहने वाले जस्टिस एन वी रमना वर्ष 2000 में आंध्र प्रदेश हाई कोर्ट में स्थायी जज के तौर पर नियुक्त किये गए थे।

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उनका चयन फरवरी, 2014 में सुप्रीम कोर्ट के जज के तौर पर किया गया था जिससे पूर्व वे दिल्ली हाई कोर्ट के जज थे। 63 वर्षीय जस्टिस नुथालपति वेंकेट रमना ने 10 फरवरी, 1983 से अपने न्यायिक करियर की शुरुआत आंध्र प्रदेश में वकील के तौर पर की थी।

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उन्होंने आंध्र प्रदेश हाई कोर्ट, आंध्र प्रदेश एडमिनिस्ट्रेटिव ट्राइब्यूनल के अलावा सुप्रीम कोर्ट में भी वकालत की थी। उन्हें संवैधानिक, आपराधिक और इंटर-स्टेट नदी जल बंटवारे के कानूनों का खास जानकार माना जाता है। करीब 45 साल का लंबा अनुभव रखने वाले जस्टिस रमना सुप्रीम कोर्ट के कई अहम फैसले सुनाने वाली संवैधानिक बेंच का हिस्सा रहे हैं।

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