सुभाष चन्द्र चौधरी
नई दिल्ली : केंद्र सरकार इस वर्ष किसानों को गन्ना के बकाए का भुगतान करने और चीनी निर्यात पर सब्सिडी देने के लिए 60 लाख टन चीनी निर्यातकरेगी. यह फैसला आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक में लिया गया. किसानों के लिए खुशखबरी है कि जो प्रत्यक्ष निर्यात होगा उसका पूरा मूल्य वो भी किसानों के खाते में जाएगा जो कि लगभग 18000 करोड़ रूपए होगा. पैसा सीधे किसानों के खाते में जाएगा जिससे 5 करोड़ किसान लाभान्वित होंगे. इसके अलावा पहले घोषित 5361 करोड रुपए अगले एक हफ्ते में सब्सिडी के रूप में सीधे किसानों के खाते में डालने का भी निर्णय लिया गया जबकि 3500 करोड़ की आज घोषित सब्सिडी भी गन्ना किसानों को दी जायेगी . इस घोषणा से देश के गन्ना किसानों को बड़ी राहत मिलने के आसार हैं.
यह जानकारी केंद्रीय सूचना प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने दी. कैबिनेट की बैठक के बाद उन्होंने मीडिया को बताया की केंद्र सरकार ने किसानों को चीनी निर्यात पर सब्सिडी देने का निर्णय लिया है. इससे किसानों को गन्ना के बकाये का भुगतान सुनिश्चित होगा, और रोजगार के अवसर बढेंगे। उनका कहना था कि इस साल चीनी का उत्पादन 310 लाख टन होगा जबकि देश में खपत 260 लाख टन होती है। इसलिए सरकार ने 60 लाख टन चीनी निर्यात करने और इस पर सब्सिडी देने का निर्णय किया है.
उन्होंने स्पष्ट किया कि यह पैसा सीधे किसानों के खाते में जाएगा. उनका कहना था कि उत्पादन और खपत की यह स्थिति पिछले तीन-चार वर्षो से लगातार जारी है. उत्पादन अधिक होने से कीमत कम रहती है जिसका खामियाजा किसान और देश दोनों को भुगतना पड़ता है.
केंद्रीय मंत्री ने कहा की 60 लाख टरन चीनी के निर्यात से 18000 करोड़ रुपए की आय होगी जो सीधे किसानों के खाते में डाला जाएगा जबकि 5361 करोड़ घोषित सब्सिडी अगले एक हफ्ते में किसानों के खाते में डालने का निर्णय लिया गया. इससे अनुमान ता 5 करोड़ गन्ना किसानों को लाभ मिलेगा जबकि उनसे जुड़े 5 लाख मजदूरों को भी बड़ी राहत मिलेगी. इसके अलावा 3500 करोड़ रुपए सब्सिडी के रूप में घोषित भी गन्ना किसानों के खाते में जारी करने को मंजूरी दी गई.