इंटरनेशनल सेंटर फॉर ऑटोमोटिव टेक्नोलॉजी ( आई कैट) मानेसर की ओर से वेबीनार का आयोजन
क्रेश एनालिसिस फॉर रोड सेफ्टी – iCARS 2020 विषय पर त्रिदिवसीय इंटरनेशनल वेबीनार
कई देशों के सड़क सुरक्षा विशेषज्ञ एक प्लेटफार्म पर करेंगे अपने अनुभव साझा
सुभाष चन्द्र चौधरी /प्रधान संपादक
गुरुग्राम : सड़क दुर्घटना से होने वाली हानि देश के लिए बड़ी क्षति है. क्योंकि इससे होने वाली जनहानि से बड़े पैमाने पर आर्थिक और अन्य प्रकार के नुकसान भी देश को झेलने पड़ते हैं. सड़क दुर्घटना को न्यूनतम करने की दृष्टि से केंद्र सरकार ने हाल के वर्षों में गंभीर संज्ञान लिया है और कई प्रकार के नियमन लागू किए गए हैं. भारत जैसे विशाल देश में मुकम्मल सड़क सुरक्षा बड़ी चुनौती है जिसके लिए सरकार के साथ सभी विशेषज्ञों एवं अन्य पक्षों को मिलकर काम करना होगा. इस दिशा में संबंधित मंत्रालय द्वारा एक्सीडेंटल डाटा एनालिसिस सेंटर ( एडीएसी) की स्थापना बेहद कारगर सिद्ध होगी.
यह विचार नेशनल डिफेंस कॉलेज के सीनियर डायरेक्टिंग स्टॉफ ( सिविल) प्रियांक भारती ने व्यक्त किया. श्री भारती गुरुवार को इंटरनेशनल सेंटर फॉर ऑटोमोटिव टेक्नोलॉजी ( आई कैट) मानेसर द्वारा क्रेश एनालिसिस फॉर रोड सेफ्टी – iCARS 2020 विषय पर आयोजित त्रिदिवसीय इंटरनेशनल वेबीनार के प्रथम संस्करण को मुख्य अतिथि के रूप में संबोधित कर रहे थे. यह वेबीनार 12 दिसम्बर तक चलेगा जिसमें देश विदेश के दर्जनों विशेषज्ञ शामिल होंगे.
श्री भारती ने इस महत्वपूर्ण विषय पर अंतरराष्ट्रीय सेमिनार के डिजिटल आयोजन के लिए इंटरनेशनल सेंटर फॉर ऑटोमोटिव टेक्नोलॉजी ( आईकैट) के निदेशक दिनेश त्यागी की जमकर प्रशंसा की. देश में सड़क सुरक्षा की दृष्टि से उनकी भूमिका को बेहद महत्वपूर्ण करार दिया. श्री भारती का कहना था कि दिनेश त्यागी जब भी उनसे संपर्क करते हैं उनके पास एक नया प्रोजेक्ट व नया लक्ष्य होता है. देश हित में काम करने की यह उनकी दृढ इच्छाशक्ति को दर्शाता है. उन्होंने उम्मीद जताई कि सेमिनार के माध्यम से सड़क सुरक्षा को अमलीजामा पहनाने का उनका यह प्रयास जनहित के लिए मील का पत्थर साबित होगा.
देश में प्रतिवर्ष सड़क दुर्घटना से होने वाले नुकसान पर चिंता व्यक्त करते हुए उन्होंने कहा कि इस तीन दिवसीय सेमिनार में सड़क सुरक्षा के विशेषज्ञ और इससे जुड़े सभी क्षेत्रों के विशेषज्ञों का एक प्लेटफार्म पर आना अपने आप में उम्मीद को जगाने वाला है. उनका कहना था कि इस प्लेटफार्म पर देश और विदेश के विशेषज्ञों के अनुभव सामने आएंगे जिसका सीधा फायदा भारत को मिलेगा. इस बहुआयामी चर्चा में ‘एडीएसी’ की ओर से एकत्रित रियल टाइम डाटा का विश्लेषण करना भी संभव होगा.
उन्होंने आशा व्यक्त की कि एडीएसी आने वाले समय में अपनी गतिविधियां और बढ़ाने के साथ सड़क दुर्घटना पर अंकुश लगाने और सड़क सुरक्षा को चुस्त कराने का अपना लक्ष्य हासिल करेगा. श्री भारती ने कहा कि देश के सामने यह बड़ी चुनौती है और इससे निबटने के लिए हमें कट, कॉपी, और पेस्ट ( Cut , Copy & Paste ) करने वाले मॉडल जैसी कार्य संस्कृति से बाहर आना होगा. उन्होंने सेमिनार की सफलता की कामना करते हुए सामूहिक और संवेदनशील प्रयास पर बल दिया.
सड़क दुर्घटना को न्यूनतम करने के लिए उपयोगी वैज्ञानिक सुझाव मिलेंगे : दिनेश त्यागी
इससे पूर्व वेबीनार में अपने स्वागत भाषण में इंटरनेशनल सेंटर फॉर ऑटोमोटिव टेक्नोलॉजी ( आई कैट) मानेसर के निदेशक दिनेश त्यागी ने देश में बड़ी संख्या में सड़क दुर्घटना के कारण होने वाली मृत्यु और उसके पीछे के कारणों पर प्रकाश डाला. उन्होंने सड़क दुर्घटना को किस्मत का खेल मानने की सोच से बाहर आने को आगाह किया. उनका इशारा था कि इसके वैज्ञानिक और मानवीय पहलुओं को ध्यान में रखकर सुधार करने की जरूरत है. उन्होंने बल देते हुए कहा कि सड़क दुर्घटना से संबंधित एकत्र किए गए रियल टाइम डाटा से इनके कारणों को समझना आसान होगा जबकि सटीक उपाय भी ढूंढे जा सकेंगे.
उन्होंने वर्ष 2017-18 के दौरान केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्रालय द्वारा उठाए गए कदमों की चर्चा की. उन्होंने कहा कि इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट, यातायात और वाहन रेगुलेशन के लिए कई प्रभावी प्रावधान बनाए गए. इनमें से एक मोटर व्हीकल एक्ट भी है. उन्होंने कहा कि एक्सीडेंटल डाटा एनालिसिस सेंटर ( एडीएसी) को आई कैट के अधीन सौंपा गया. इसके तहत वर्तमान में दक्षिण भारत में रियल टाइम डाटा एकत्र कर उसका विश्लेषण किया जा रहा है. इससे काफी मदद मिल रही है. क्रेश एनालिसिस फॉर रोड सेफ्टी – iCARS 2020 विषय पर आयोजित सेमिनार की प्रासंगिकता को रेखांकित करते हुए श्री त्यागी ने कहा कि इसके माध्यम से सभी प्रकार के विशेषज्ञों एवं हित धारकों के अनुभव सामने आ सकेंगे. इस चर्चा से सड़क दुर्घटना को न्यूनतम करने के लिए उपयोगी सुझाव मिलेंगे और आवश्यक एहतियाती कदम उठाना संभव होगा. उनका कहना था कि iCARS 2020 के 3 दिवसीय सम्मेलन में सड़क सुरक्षा से जुड़े सभी पहलुओं पर विचार किया जाएगा जिसका फायदा सभी प्रतिभागियों को मिलेगा. इस सम्मेलन में सड़क सुरक्षा विशेषज्ञ, औद्योगिक प्रतिनिधि, इंश्योरेंस कंपनियों के प्रतिनिधि, यातायात प्रबंधन से जुड़े लोग, इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट के विशेषज्ञ, पुलिस प्रशासन के विशेषज्ञ, शिक्षा जगत के प्रतिनिधि और तकनीकी विशेषज्ञ भी अपने विचार व्यक्त करेंगे. उन्होंने उम्मीद जताई की सभी संबद्ध पक्षों का यह सामूहिक प्रयास सड़क दुर्घटना को रोकने में कारगर साबित होगा.
आई कैट के निदेशक ने इस आयोजन के लिए एडीएसी और आईकैट के सभी अधिकारियों की प्रशंसा की.
अप्रैल से जून 2020 के अंतराल में सड़क दुर्घटना में 50% की कमी : रमाशंकर पांडे
वेबीनार को संबोधित करते हुए विशिष्ट अतिथि एवं हेलो इंडिया लाइटिंग के एमडी रमाशंकर पांडे ने कहा कि कोरोना वायरस संक्रमण के दौरान अप्रैल से जून 2020 के अंतराल में सड़क दुर्घटना में अप्रत्याशित तौर पर लगभग 50% की कमी देखी गई. इससे यह स्पष्ट है कि सड़क दुर्घटना एक वैज्ञानिक समस्या है ना कि किस्मत का खेल. उनका कहना था कि इस स्थिति में विज्ञान बदलाव ला सकता है क्योंकि 98% सड़क दुर्घटनाएं मानव कृत विसंगतियों के कारण होती हैं। इसका संकेत रियल टाइम डाटा एनालिसिस से स्पष्ट होता है.
उन्होंने अपने प्रेजेंटेशन में मुंबई पुणे हाईवे से एकत्र किए गए रियल टाइम डाटा का विश्लेषणात्मक तथ्य प्रस्तुत किया. उन्होंने साफ शब्दों में कहा कि रोग का उपचार उसके लक्षणों के आधार पर वास्तविक कारणों में जाकर ही हो सकेगा। यह बात सड़क सुरक्षा के मामले में भी अक्षरशः लागू होती है.
श्री पांडे ने केंद्र सरकार द्वारा लाए गए सड़क सुरक्षा कानून की सराहना की लेकिन इस मामले में प्रभावी कार्यशैली को आवश्यक बताया. उन्होंने कहा कि हारी हुई लड़ाई में हम लोग संघर्ष कर रहे हैं इसलिए देश को प्रतिवर्ष बड़ा नुकसान हो रहा है.
क्या हम भविष्य में भारत में शून्य सड़क दुर्घटना की स्थिति पैदा कर सकते हैं ? : एस जे आर कुट्टी
इस अवसर पर वेबिनार के विशिष्ट अतिथि व टाटा मोटर्स लिमिटेड के व्हेकिल एट्रीब्यूट्स एंड टेक्निकल सर्विसेज के हेड, एस जे आर कुट्टी ने “ क्या दुर्घटना वास्तव में आकस्मिक होने वाली घटना है” विषय पर फोकस किया. उन्होंने कहा कि वर्ष 1990 से पहले प्रति मिनट सड़क दुर्घटना होने के प्रमाण हैं. उनका तर्क था कि हम सुरक्षा के मानकों को भूल बैठे हैं. उन्होंने इस मद में डॉक्टर हाइडेन के सुझाये 3 बिंदुओं की चर्चा की. उन्होंने याद दिलाया कि भारत में अधिकतर लोग दुर्घटनाओं से बचने के लिए पूजा-पाठ पर अधिक फोकस करते हैं ना कि उनके वास्तविक कारणों का इलाज ढूंढने में. उनके शब्दों में यहां लोग अपने युवावस्था में बरती गई गलतियों और परिस्थितियों का विश्लेषण नहीं करते जिससे अगली पीढ़ी में भी यातायात के नियमों का उल्लंघन करना, गलत साइड में चलना, वाहन चलाने के समय मोबाइल का प्रयोग करना और दोपहिया वाहन पर हेलमेट नहीं लगाना उनकी सोच व संस्कृति का हिस्सा बन जाता है.
श्री कुट्टी ने इसके लिए शिक्षक, अभिभावक, स्कूल और सामाजिक संगठनों के सामूहिक प्रयास को आवश्यक बताया । साथ ही बच्चों को इसके प्रति शिक्षित करने की वकालत की. उन्होंने इस विषय पर रिसर्च करने और शिक्षाविदों व मनोवैज्ञानिक विशेषज्ञों की प्रभावी भूमिका की ओर भी ध्यान दिलाया. वेबीनार में विशेषज्ञों के समक्ष उनका गंभीर सवाल था कि “क्या हम भविष्य में भारत में शून्य सड़क दुर्घटना की स्थिति पैदा कर सकते हैं ?”
एडीएसी) डाटा कलेक्शन की गतिविधि दिल्ली में भी होगी शीघ्र शुरू : एस के कालिया
वेबीनार में उपस्थित अतिथियों एवं विशेषज्ञों का धन्यवाद करते हुए आईकैट के चीफ बिजनेस ऑफिसर एस के कालिया ने कहा कि यह प्लेटफार्म सड़क सुरक्षा के मामले में नया रास्ता दिखाएगा. इससे सड़क दुर्घटना के वास्तविक कारणों को समझना संभव होगा जबकि रियल टाइम एक्सीडेंटल डाटा का विश्लेषण हमें उन बिंदुओं की पहचान कराएगा जिनसे दुर्घटना को रोकने में आशातीत सफलता मिलेगी.
श्री कालिया ने जानकारी दी कि एक्सीडेंटल डाटा एनालिसिस सेंटर ( एडीएसी) डाटा कलेक्शन की गतिविधि चेन्नई में शुरू की गई है और फरवरी 2020 तक दिल्ली में भी शुरू की जाएगी. साथ ही जल्द ही देश के 10 से 15 और प्रमुख स्थानों पर इसे शुरू करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है. उन्होंने कहा कि निदेशक श्री त्यागी के निर्देशन में आईकैट की युवा एवं ऊर्जावान अधिकारियों एवं कर्मियों की टीम इस लक्ष्य को हासिल करने को तत्पर है.
टेक्नीकल सत्र में बाद भारत, जापान और स्पेन के विशेषज्ञों ने किया क्रैश विश्लेषण
उद्घाटन सत्र के बाद आयोजित टेक्नीकल सत्र में भारत, जापान और स्पेन के विशेषज्ञों ने क्रैश विश्लेषण पर वैश्विक सर्वोत्तम तकनीक व उपायों की व्याख्या करते हुए टेक्नीकल पेपर प्रस्तुत किए। इसके अलावा, एनएचएआई, दिल्ली आरटीओ, आईआईटी-दिल्ली और आईआरटीई-फरीदाबाद के विशेषज्ञों के प्रतिनिधियों के साथ “वैज्ञानिक क्रैश विश्लेषण : नीति और निर्णय निर्माताओं की भूमिका” पर एक पैनल चर्चा का भी आयोजन किया गया. इस चर्चा की अध्यक्षता सड़क परिवहन मंत्रालय के पूर्व केंद्रीय सचिव विजय छिब्बर ने की। वेबीनार का आयोजन आगामी 12 दिसम्बर तक किया जायेगा.