दिल्ली एनसीआर का अब तक का सबसे बड़ा भात दिया गया
भात में 51 लाख रुपए भी भरे
प्रीतम चेयरमैन उल्लावास ने भरा अब तक का सबसे बड़ा और अनोख भात
गुरुग्राम : भगवान श्री कृष्ण ने एक भाई के रूप में अपनी बहन के घर भात भर कर अपने भक्त नरसी की लाज रखी तो वहीं इसी सदियों पुरानी परंपरा और संस्कृति को अभी भी भारत में बखूबी निभाया जा रहा है. देश में कोरोना महामारी ने लोगों को अब इस पुरानी परम्परा में भी समय के अनुसार बदलाव के लिए प्रेरित किया. इसका पहला उदाहरण हरियाणा में देखने को मिला जहाँ देश में पहली बार अनोखा भात भरा गया. इसमें कोरोना जैसी महामारी से बचाव के लिए मास्क और सैनिटाइजर भात में भरे गए. इसका पहला गवाह बना गुरुग्राम का गाँव उल्लावास जहाँ मास्क और सैनिटाइजर वाला पहला भात भर कर समाज के लोगों को एक तरफ कोरोना के प्रति सतर्क रहने का सन्देश दिया गया जबकि दूसरी तरफ परम्परा में आवश्यकता के अनुरूप बदलाव के लिए भी प्रेरित किया गया. इसमें शामिल हुए लोगों ने इस कदम की बड़ी सरहाना की.
उल्लेखनीय है कि देश के सभी राज्यों में शादी समारोह में भात भरना एक पुरानी परंपरा और संस्कृति का हिस्सा है जिसको आज भी हिंदू धर्म में बड़ी जिम्मेदारी के साथ निभाया जाता है. इस बार राजधानी दिल्ली से करीब 60 किलोमीटर की सीमा में पहली बार अनोखा भात देखने को मिला. यह भात गुरुग्राम के उल्लवास गांव के निवासी प्रीतम चेयरमैन सहित उनके 5 भाईयो ने मिलकर जुमरदपुर निवासी अपनी बहन बीरबती की बेटी की शादी में अंगपुर फार्म में हुए शादी समारोह में दिए. इस भात में उन्होंने अपनी बहन के यहां कोरोना की बीमारी को देखते हुए 5100 मास्क और बड़ी मात्रा में सैनिटाइजर भी दिए. ये सैनिटाइजर और मास्क शादी में आने वाले लोगों को बांटे गए.
इस बात के जरिए यह संदेश देने की कोशिश की गई कि कोरोना बीमारी से लड़ना है तो मास्क जरूरी है. साथ ही इस अनोखे भात में पहुंचे सभी सामाजिक लोगों ने भात भरने के इस अनोखे तरीके की जमकर सराहना की. लोग बरबस ही बोलने लगे कि इस तरह के भात भरने की जरूरत आज के समय बहुत ज्यादा है ताकि लोगों को कोरोना वायरस के प्रति जागरूक करने के साथ-साथ सैनिटाइजर और मास्क के इस्तेमाल पर ज्यादा जोर दिया जा सके. तभी कोराना की जंग को भारत पूरी तरह जीत सकेगा.
इस शादी समारोह में शामिल हुए सुन्दर सिंह और लेखराज भड़ाना ने बतया कि इस भात को अनोखा और सबसे बड़ा भात भी माना जा रहा है क्योंकि दिल्ली एनसीआर में अब तक का यह सबसे बड़ा भात इसलिए भी माना जा रहा है क्योंकि इसमें पांच भाइयों ने मिलकर अपनी बहन के यहां 51 लाख रुपए कैश भी भात में दिए. इसकी हर जगह जमकर चर्चा और सराहना हो रही है. वहीं भात भरने वाले भाईयो कि माने तो आज के समय में मास्क और सैनिटाइजर का इस्तेमाल बहुत जरूरी हैं जिसको देखते हुए इस तरह का अनोखा भात दिया गया ताकि लोगो को कोरोना वायरस के प्रति जागरुक किया जा सके .
प्रीतम चेयरमैन उल्लावास, भातई का कहना है कि इस महामारी काल में सरकार के साथ समाज की भी सक्रिय भूमिका होनी चाहिए. इस प्रकार के सामाजिक व पारिवारिक आयोजन लोगों को जागरूक करने के लिए प्रभावी प्लेटफोर्म बन सकते हैं. इसका सांस्कृतिक लाभ के साथ साथ सामाजिक लाभ भी है. इसलिए ऐसे आयोजनों में लोगों को स्वास्थ्य सुरक्षा के प्रति जागरूक करने का निर्णय लिया गया जो ग्रामीणों को खूब पसंद आया. लोगों की नजरों में यह सराहनीय कदम है. उन्होंने उम्मीद जताई कि समाज में अन्य लोग भी इसे अवश्य अपनाएंगे.
बहरहाल जहां एक तरफ इस अनोखे और सबसे बड़े भात की चर्चा हर किसी की जुबान पर है तो वहीं कोविड-19 को देखते हुए मास्क और सैनिटाइजर के इस्तेमाल पर जोर देने के लिए भी हर जगह यह चर्चा का विषय बना हुआ है. यह कहना सही होगा कि अगर जनसामान्य ने इसे सकारात्मक रूप में लिया तो इस तरह की कोशिशे समाज पर असर डाल सकती हैं.