नई दिल्ली, 15 सितम्बर । लद्दाख की वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर अप्रैल महीने से जारी भारत-चीन के बीच गतिरोध पर केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने मंगलवार को लोकसभा में राजनाथ सिंह ने कहा कि हमारे जवानों के हौसले पूरी तरह से बुलंद हैं और हम किसी भी हालात से निपटने के लिए तैयार हैं। रक्षा मंत्री ने बताया कि चीन ने सीमा पर गोला-बारूद इकट्ठा कर लिया है, लेकिन हमारी सेना भी तैयार है। हमारे जवान देशवासियों को सुरक्षित रख रहे हैं।
हमने चीन को Diplomatic और Military channels के माध्यम से बता दिया है कि status quo को unilaterally बदलने का प्रयास किसी भी सूरत में मंज़ूर नहीं है। हमारे बहादुर सैनिकों ने अपनी जान का बलिदान दिया पर साथ ही चीनी पक्ष को भी भारी क्षति पहुचाई और अपनी सीमा की सुरक्षा में कामयाब रहे। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि किसी को भी हमारे सीमा की सुरक्षा के प्रति हमारे दृढ़ निश्चय के बारे में संदेह नहीं होना चाहिए। भारत मानता है कि पड़ोसियों के साथ शांतिपूर्ण संबंधों के लिए आपसी सम्मान और आपसी संवेदनशीलता जरूरी है।
उन्होंने कहा कि इस पूरी अवधि के दौरान हमारे बहादुर जवानों ने, जहाँ संयम की जरूरत थी वहां संयम रखा तथा जहाँ शौर्य की जरुरत थी, वहां शौर्य प्रदर्शित किया। मै सदन से यह अनुरोध करता हूँ कि हमारे दिलेरों की वीरता एवं बहादुरी की भूरि-भूरि प्रशंसा करने में मेरा साथ दें। सदन को आश्वस्त रहना चाहिए कि हमारी armed forces इस चुनौती का सफलतापूर्वक सामना करेंगी। Covid-19 के चुनौतीपूर्ण समय में, हमारी सेनाओं और ITBP की तेजी से deployment हुई है। उनके प्रयासों को ज़रूर सराहा जाना चाहिये।
उन्होंने कहा, ‘अप्रैल महीने से ईस्टर्न लद्दाख की सीमा पर चीन की सेनाओं की संख्या तथा उनके गोला-बारूद में वृद्धि देखी गई है। मई महीने की शुरुआत में चीन ने गलवान घाटी क्षेत्र में हमारी सेना की पैट्रोलिंग में व्यवधान शुरू किया, जिसके कारण दोनों पक्षों के आमने-सामने आने की स्थिति उत्पन्न हुई।’ उन्होंने कहा कि मई महीने में गलवान घाटी में आमना-सामना हुआ। चीन द्वारा मई महीने के मध्य में पश्चिमी लद्दाख के कई क्षेत्र में घुसपैठ की कोशिश की थी। हमने चीन से कूटनीतिक और सैन्य बातचीत के जरिए से साफ करा दिया कि यह एकतरफा सीमा को बदलने की कोशिश है और हमें यह मंजूर नहीं है।