नई दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस)2018 बैच के अधिकारियों की प्रतिष्ठित सरदार वल्लभभाई पटेल राष्ट्रीय पुलिस अकादमी में आयोजित दीक्षांत परेड के अवसर पर उनसे विडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से संवाद किया। केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह भी परेड में विडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये शामिल हुए। इस अवसर पर प्रधान मन्त्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि सभी आई पी एस को अपने अन्दर आने वाले थाने का कल्चर बदलने पर काम करना चाहिए. उन्होंने कहा कि तकनीक ने हमारी बहुत मदद की है। केस को सुलझाने में भी तकनीक बहुत मदद कर रही है। लेकिन पुलिस के लोग आजकल जो सस्पेंड होते हैं तो उसका एक कारण भी तकनीक है। आपको इस पर बल देना होगा कि तकनीक का कैसे ज्यादा से ज्यादा सकारात्मक उपयोग हो. आप लोग श्रेष्ठ जनों की श्रेणी में हैं, श्रेष्ठता को सिद्ध करने की श्रेणी में हैं।
पीएम ने कहा कि आपको एक अवसर और जिम्मेदारी मिली है और जिस प्रकार की चुनौतियों से आज मानव जाति गुजर रही है, उसकी रक्षा के लिए, हमारे देश के तिरंगे के आन-बान-शान के लिए. देश में सरकारी कर्मचारी के लिए ट्रेनिंग को punishment माना जाता है। हमने ट्रेनिंग को इतना नीचे कर दिया है कि वो हमारी सारी गुड गवर्नेंस की समस्याओं की जड़ में है। हमें इससे बाहर आना होगा।
उन्होंने कहा कि इसलिए भारत सरकार ने पिछले दिनों #MissionKarmayogi को स्वीकृति दी है. हमें भूलना नहीं चाहिए कि हम लोकतांत्रिक व्यवस्था में हैं। लोकतंत्र में दल कोई भी हो, जन प्रतिनिधि का बड़ा महत्व होता है। जन प्रतिनिधि का सम्मान, लोकतंत्र का सम्मान होता है। आम तौर पर राजनीतिक नेताओं और पुलिस का सबसे पहले मुकाबला होता है।
श्री मोदी ने कहा कि हमें भूलना नहीं चाहिए कि हम लोकतांत्रिक व्यवस्था में हैं.लोकतंत्र में दल कोई भी हो, जन प्रतिनिधि का बड़ा महत्व होता है। जन प्रतिनिधि का सम्मान, लोकतंत्र का सम्मान होता है। उसके साथ हमारे डिफ्रेंसेस हों तो उसका भी तरीका होता है, उसे हमें अपनाना चाहिए. उसके साथ हमारे differences हों तो उसका भी तरीका होता है, उसे हमें अपनाना चाहिए.
प्रधान मंत्री मोदी ने यहाँ कहते हुए पूछा कि क्या कभी हमने अपने थाने के कल्चर पर बल दिया है ? हमारा थाना सामाजिक विश्वास का केंद्र कैसे बनें ? आपके अंडर में जितने भी थाने आएं वहां बदलाव लाने की एक लिस्ट तैयार करें, व्यक्ति को बदल पाऊं या न पाऊं लेकिन व्यवस्था को और एनवायरनमेंट को बदल सकता हूं. उन्होंने कहा कि ये आपकी प्रथमिकता रहनी चाहिए।आप तय कीजिए कि आपके आस पास के थाने सामाजिक विश्वास का केंद्र कैसे बने, इसके लिए प्रयास करें। आप तय करें कि व्यवस्था को, वातावरण को आप बदलेंगे.
प्रधान मंत्री ने कहा कि मैं सभी नए पुलिस अधिकारियों से कहना चाहूंगा कि आप अपनी सेवा के शुरु के दिनों में ही जितना over conscious रह सकें, उतना रहिएगा। आपको चाहे शुरु में कष्ट सहने पड़े, लेकिन अपने कान से, अपनी आंख से और अपने दिमाग से चीजों को समझने का प्रयास कीजिएगा.
उन्होंने कहा कि ट्रेनिंग का बहुत बड़ा महत्व होता है। ज्यादातर हमारे देश में सरकारी मुलाजिम के लिए ट्रेनिंग को पनिशमेंट माना जाता है। हमने ट्रेनिंग को इतना नीचे कर दिया है जो हमारी सारी गुड गवर्नेंस की जड़ में है। इसमें से हमको बाहर आना होगा.
उनका कहना था कि सामान्य मानवी पर आपने प्रभाव पैदा करना है या प्रेम का सेतु जोड़ना है। ये आप तय कर लीजिए। प्रभाव पैदा करेंगे तो उसकी उम्र बहुत कम होती है। प्रेम का सेतु बनाएंगे तो आपके रिटायरमेंट के बाद भी आपको लोग याद करेंगे.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रति आभार व्यक्त करते हुए अमित शाह ने कहा कि“प्रधानमंत्री का भाषण बहुत ही प्रेरणायक था, जिससे निसन्देह हमारे युवा अधिकारियों का मनोबल बढेगा और साथ ही उन्हे पुलिस-पब्लिक सम्बन्धों को और सुदृढ़ बनाने का मार्गदर्शन भी मिलेगा”।
युवा आईपीएस अधिकारियों को उनकी दीक्षांत परेड पर शुभकामनायें देते हुए केन्द्रीय गृह मंत्री ने कहा कि “मैं आशा करता हूँकि ये युवा अधिकारी देश की सुरक्षा और एकता को सुनिश्चित करते हुए पूरी निष्ठा के साथ राष्ट्र की सेवा करेंगे। मुझे पूर्ण विश्वास है कि इन अधिकारियों की राष्ट्र और कर्तव्य के प्रति कटिबद्धता हमारे युवाओं को भारतीय पुलिस सेवा में शामिल होने के लिए प्रेरित करेगी”।
प्रधानमंत्री और केन्द्रीय गृहमंत्री के अलावा केंद्रीय गृह राज्यमंत्री जी किशन रेड्डी और केंद्रीय गृह सचिव अजय कुमार भल्ला भी विडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से दीक्षांत परेड में शामिल हुए।
2018 बैच के प्रोबेशनरी आईपीएस अधिकारियों ने पिछले साल 7 अक्तूबर को केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह से नई दिल्ली में औपचारिक भेंट की थी। युवा पुलिस अधिकारियों का उत्साहवर्धन करते हुए अमित शाह ने कहा था कि उन्हे इस बात पर गर्व होना चाहिए कि वे एक ऐसी सेवा से जुड़े हैं जो निरंतर लोगों की संरक्षा और सुरक्षा सुनिश्चित करने का काम करती है। केंद्रीय गृह मंत्री ने जनता के बीच पुलिस के बारे में सकारात्मक परिवर्तन लाने की आवश्यकता पर भी बल दिया।
भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस)2018 बैच के 131 प्रोबेशनरों में 28 महिला प्रोबेशनर भी शामिल हैं। इन अधिकारियों ने सरदार वल्लभभाई पटेल राष्ट्रीय पुलिस अकादमी में बुनियादी पाठ्यक्रम चरण-1 के 42 सप्ताह पूरे कर लिए हैं।
अपना फाउंडेशन कोर्स पूरा करने के बाद इन प्रोबेशनरों ने 17 दिसंबर 2018 को राष्ट्रीय पुलिस अकादमी में प्रवेश किया था।यहाँ इन्हे बेसिक कोर्स प्रशिक्षण के दौरान प्रोबेशनरों को कानून, जांच-पड़ताल, फोरेंसिक, नेतृत्व एवं प्रबंधन, अपराध विज्ञान, सार्वजनिक व्यवस्था और आंतरिक सुरक्षा, नैतिकता और मानवाधिकार, आधुनिक भारतीय पुलिस व्यवस्था, फील्ड क्राफ्ट और युक्तियां, हथियार प्रशिक्षण और गोलाबारी जैसे विभिन्न इंडोर और आउटडोर विषयों का प्रशिक्षण दिया जाता है।