नई दिल्ली : कांग्रेस पार्टी में राष्ट्रीय अध्यक्ष चुनने को लेकर मचा बवाल थमने का नाम नहीं ले रहा है. वाकयुद्ध के इस संघर्ष में अब वरिष्ठ कांग्रेसी व सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ नेता सलमान खान भू कूद पड़े हैं. दो दिन पूर्व गुलाम नबी आजाद ने कहा था कि जल्द चुनाव नहीं कराए गए तो पचास साल तक कांग्रेस सत्ता को भूल जाए. अब पूर्व केन्द्रीय मंत्री सलमान खुर्शीद ने कहा है कि कांग्रेस अध्यक्ष को चुनने के लिए चुनाव कराने की कोई जल्दी नहीं है। उन्होंने बल देते हुए कहा कि अगर अभी चुनाव नहीं भी कराये गये तो कोई आसमान नहीं टूट पड़ेगा. उन्होंने कहा कि इस पर सोनिया गाँधी को ही फैसला करने देना चाहिए.
वरिष्ठ कांग्रेसी सलमान खुर्शीद ने कहा कि कांग्रेस प्रमुख के पद पर लंबे समय तक रहने वाली सोनिया गांधी नेतृत्व के मुद्दे को सुलझाने के लिए सक्षम हैं. वे ही आगे का रास्ता तय करने के बारे में फैसला ले सकती हैं. उन्होंने साफ़ किया कि अगर पार्टी नेतृत्व में बदलाव के लिए लेटर लिखने वाले नेता उनके पास आते, तो वह भी उस लेटर पर साइन नहीं करते। गुलाम नबी आजाद समेत पत्र लिखने वाले नेताओं पर हमला बोलते हुए उन्होंने कहा कि जिन नेताओं ने सोनिया गांधी को पत्र लिखा वे सीधे सोनिया गांधी तक आ सकते थे । ऐसे में वे लेटर लिखने के बजाए उनसे मिलकर अपनी बात उनके सामने रख सकते थे।
गुलाम नबी आजाद को लेकर पूछे गए सवाल पर खुर्शीद का कहना था कि ‘गुलाम नवी आजाद वर्षों तक कांग्रेस के शीर्ष पद पर रहे हैं। वह भी तब अध्यक्ष पद के लिए कोई चुनाव नहीं हुए और पार्टी इसके बावजूद आगे बढ़ती रही। ‘ खुर्शीद ने कहा कि सोनिया गांधी कह भी चुकी हैं कि सही समय आने पर ऐसा किया जाएगा। खुर्शीद ने कहा कि पार्टी में कोई पार्ट टाइम अध्यक्ष नहीं है। अध्यक्ष फुल टाइम ही है लेकिन अंतरिम हैं । खुर्शीद जोर देते हुए याद दिलाया कि कांग्रेस पार्टी का अंतरिम अध्यक्ष कोई साधारण व्यक्ति नहीं है बल्कि ऐसा व्यक्ति है, जिसने पार्टी की सबसे ज्यादा सेवा की है। इसलिए हमें उन पर भरोसा करना चाहिए और उन्हें जो सही लगे, वह फैसला लेने देना चाहिए।