नई दिल्ली। केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री रविशंकर प्रसाद ने भारत के टियर-2 शहरों पर विशेष ध्यान देने के साथ स्टार्टअप्स और सॉफ्टवेयर उत्पादों को और बढ़ावा देने के लिए‘चुनौती’ – नेक्सट जनरेशन स्टार्टअप चलैंज प्रतियोगिता का शुभारम्भ किया। सरकार ने इस कार्यक्रम के लिए तीन वर्षों की अवधि के लिए 95.03 करोड़ रुपये का बजट रखा है। इस कार्यक्रम का उद्देश्य चिन्हित क्षेत्रों में काम कर रहे लगभग 300 स्टार्टअप्स की पहचान करना और उन्हें 25 लाख रुपये तक की प्रारंभिक राशि (सीड फंड) तथा अन्य सुविधाएं उपलब्ध कराना हैं।
इस चुनौती प्रतियोगिता के तहत इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय 5 कार्य क्षेत्रों में स्टार्टअप को आमंत्रित करेगा:
- आम जनता के लिए एडु-टेक, एग्री-टेक और फिन-टेक सॉल्यूशंस
- आपूर्ति श्रृंखला, लॉजिस्टिक्स और परिवहन प्रबंधन
- बुनियादी ढांचा और दूरस्थ निगरानी
- चिकित्सा स्वास्थ्य देखभाल, नैदानिक, रोकथाम तथा मनोचिकित्सकीय देखभाल
- नौकरियां और कौशल, भाषाई उपकरण और प्रौद्योगिकियां
चुनौती कार्यक्रम के माध्यम से चुने गए स्टार्टअप को देश भर में फैले सॉफ्टवेयर टेक्नोलॉजी पार्कों के माध्यम से सरकार की ओर से विभिन्न सहायता प्रदान की जायेंगी। उन्हें ऊष्मायन सुविधाएं (इनक्यूबेशन फैसिलिटी), मेंटरशिप, सुरक्षा परीक्षण सुविधाएं, वेंचर कैपिटलिस्ट फंडिंग तक पहुंच, उद्योग से जुड़ने के साथ-साथ कानूनी सलाह, मानव संसाधन (एचआर), आईपीआर और पेटेंट मामलों में सलाह दी जाएगी। 25 लाख रुपये तक की प्रारंभिक राशि (सीड फंड) के अलावा, स्टार्टअप को अग्रणी क्लाउड सेवा प्रदाताओं से क्लाउड क्रेडिट भी प्रदान किया जाएगा। उद्भावना के स्तर पर भी स्टार्ट-अप को प्री-इन्क्यूबेशन प्रोग्राम के तहत चुना जा सकता है और प्रस्तावित विचार के इर्द-गिर्द अपने बिजनेस प्लान और सॉल्यूशन को विकसित करने के लिए छह महीने तक के लिए सलाह दी जाती है। प्रत्येक इंटर्न (प्री-इनक्यूबेशन के तहत) को 6महीने की अवधि तक के लिए 10,000 रुपये/- प्रति माह दिए जाएंगे।
स्टार्टअप एसटीपीआई की वेबसाइट पर जाकर याhttps://innovate.stpinext.in/ लिंक पर क्लिक करके आवेदन कर सकते हैं।
केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने बिहार के मुजफ्फरपुर में राष्ट्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी संस्थान (एनआईईएलआईटी) के डिजिटल प्रशिक्षण और कौशल केंद्र का भी शिलान्यास किया। इस केंद्र को 9.17 करोड़ रुपये की लागत से इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा विकसित किया जाएगा। बिहार सरकार ने इस संस्था के लिए एक एकड़ भूमि आवंटित की है। यह केंद्र अत्याधुनिक प्रशिक्षण सुविधा और डिजिटल प्रयोगशाला से सुसज्जित होगा। इस केंद्र से ओ लेवल, सीसीसी, बीसीसी, प्रोग्रामिंग और मल्टीमीडिया प्रशिक्षण जैसे विभिन्न पाठ्यक्रम चलाए जाएंगे।
बिहार के उप मुख्यमंत्री की मौजूदगी में एक वर्चुअल कार्यक्रम में केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा- “मैं भारत के युवा,प्रतिभाशाली अन्वेषकों से आग्रह करता हूं कि वे आगे बढ़ें और भारत के ‘चुनौती’ चैलेंज प्रतियोगिता का लाभ उठाएं और नए सॉफ्टवेयर उत्पाद तथा ऐप बनाएं। उन्होंने कहा कि इस प्रतियोगिता का शुभारम्भ प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के आत्म-निर्भर भारत के स्पष्ट आह्वान के तहत एक साहसिक पहल है।”