लॉकडाउन में बेरोजगार हुए श्रमिकों को ईएसआईसी देगा बेरोजगारी भत्ता, श्रमिकों को आवेदन करना होगा

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3 माह तक वेतन का 50 प्रतिशत हिस्सा मिलेगा श्रमिकों को
श्रमिक संगठनों ने 3 माह की बजाय 6 माह तक करने का किया है आग्रह


गुडग़ांव, 25 अगस्त : कोरेाना महामारी के दौरान जिन श्रमिकों व कर्मचारियों की नौकरी चली गई है, उनको कर्मचारी राज्य बीमा निगम
(ईएसआईसी) ने 3 माह तक वेतन का 50 प्रतिशत बेरोजगारी भत्ते के रुप में देने का निर्णय लिया है। इस योजना का लाभ लेने के लिए कर्मचारियों को ईएसआईसी को आवेदन करना होगा।

लॉकडाउन के दौरान गुडग़ांव जिले में भी हजारों श्रमिकों की नौकरी चली गई थी। उधर श्रमिक यूनियनों का कहना है कि ईएसआई श्रमिकों को जो 3 माह की अवधि का लाभ दे रही है, यह अवधि 6 माह की होनी चाहिए। क्योंकि नौकरी से निकाले गए श्रमिकों को आज तक भी नौकरी नहीं
मिली है। इन श्रमिक संगठनों का कहना है कि ईएसआई को श्रमिकों के हित में सोचना चाहिए और 3 माह की बजाय 6 माह तक बेरोजगारी भत्ता देना चाहिए। बताया जाता है कि जिले में लाखों श्रमिक व कर्मचारी विभिन्न उद्योगों में काम करते हैं। ईएसआईसी ने महामारी के दौरान नौकरी गवां चुके श्रमिकों को वेतन का आधा हिस्सा देने का निर्णय लिया है। इसका लाभ 21 हजार रुपए से कम वेतन पाने वाले उन्हीं कर्मचारियों व श्रमिकों को मिलेगा, जिनकी नौकरी 24 मार्च के बाद गई है।

ईएसआईसी के उप निदेशक सुनील कुमार नेगी का कहना है कि कितने श्रमिकों को इस सुविधा का लाभ मिल सकेगा, यह तो उनके आवेदन के
बाद ही पता चल सकेगा। उनका कहना है कि इस योजना का लाभ उन्हीं श्रमिकों को मिलेगा, जो नौकरी गंवाने से पहले कम से कम 2 साल तक ईएसआईसी में पंजीकृत रहे हों। उन श्रमिकों को इसका लाभ नहीं मिल सकेगा, जो गलत व्यवहार या किसी अन्य आरोपों में नौकरी से निकाला गया हो या फिर वे खुद नौकरी छोड़ कर चले गए हों। श्रमिक नेता कुलदीप जांघू व अनिल पंवार का कहना है कि कोरोना के कारण हजारों श्रमिकों की नौकरी चली गई है। 3 माह के वेतन का आधा हिस्सा देने की बात सही नहीं है। इस राशि को बढ़ाया जाना चाहिए। हालांकि इस संबंध में वे जिला प्रशासन को भी ज्ञापन सौंप चुके हैं।

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