केंद्रीय शिक्षा मंत्री ‘निशंक’ ने राष्ट्रीय मुक्त विद्यालयी शिक्षा संस्थान परीक्षा प्रणाली में सुधार करने का निर्देश दिया

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नई दिल्ली। केंद्रीय शिक्षा मंत्री, रमेश पोखरियाल ‘निशंक’ ने आज नई दिल्ली में राष्ट्रीय मुक्त विद्यालयी शिक्षा संस्थान (एनआईओएस) की विभिन्न गतिविधियों की समीक्षा की। बैठक में स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता सचिव, अनीता करवाल, स्कूली शिक्षा की संयुक्त सचिव स्वीटी चांगसन और एनआईओएस के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे।

बैठक के दौरान श्री पोखरियाल ने संस्थान में पारदर्शी कार्यप्रणाली पर बल दिया जिससे कि बेहतर परिणाम सामने आ सकें। मंत्री द्वारा परीक्षा तंत्र को मजबूती प्रदान करने पर भी चर्चा की गई। उन्होंने कहा कि अगर हमें संस्थान में कुछ अनियमितताएं दिखाई देती है तो हमें दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करनी चाहिए। उन्होंने एनआईओएस के अधिकारियों को निर्देश दिया कि अगर उन्हें एनआईओएस परीक्षा केंद्रों के खिलाफ कोई शिकायत मिलती है तो वो जल्द से जल्द उन शिकायतों का समाधान करें। उन्होंने एनआईओएस अधिकारियों को परीक्षा प्रक्रिया में सुधार लाने का भी निर्देश दिया जिससे कोई भी व्यक्ति इस प्रतिष्ठित संस्थान की सत्यनिष्ठा पर सवाल खड़ा न कर सके। केंद्रीय मंत्री ने एक डैशबोर्ड बनाने का भी सुझाव दिया जिसमें देश भर के सभी केंद्रों की विस्तृत जानकारी और संपर्कों को शामिल किया जाना चाहिए। इसमें हितधारकों से  संबंधित सारी जानकारियों और सुझावों को शामिल किया जाएगा जिससे कि प्रणाली में पारदर्शिता को बढ़ावा दिया जा सके।

शिक्षा मंत्री ने कहा कि एनआईओएस दुनिया की सबसे बड़ी खुली स्कूली शिक्षा प्रणाली है और जमीनी स्तर तक शिक्षा प्रदान करने के लिए इसका उपयोग हमारे द्वारा और भी प्रभावी रूप से किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि हमें अपने देश के अशिक्षित लोगों को शिक्षित करने के लिए इस नेटवर्क का उपयोग करना चाहिए। उन्होंने अधिकारियों को इस संदर्भ में संभावनाओं की समीक्षा करने के लिए एक टीम का गठन करने के भी निर्देश दिए।

श्री पोखरियाल ने एनआईओएस द्वारा अपने छात्रों के लिए प्रस्तुत किए गए पाठ्यक्रमों की भी समीक्षा की। उन्हें जानकारी प्रदान की गई कि एनआईओएस अपने छात्रों के लिए कई विषयों की पेशकश कर रहा है। मंत्री ने सुझाव दिया कि हमें एनसीईआरटी की तर्ज पर एनआईओएस का पाठ्यक्रम बनाना चाहिए जिससे कि छात्रों को विषयों की बेहतर समझ प्राप्त हो सके। शिक्षा मंत्री ने एनआईओएस को निर्देश दिया कि एनआईओएस द्वारा प्रस्तुत किए जाने वाले पाठ्यक्रमों की समीक्षा की जाए जिससे कि छात्रों की जरूरत के अनुसार कुछ नए विषयों को इसमें सम्मिलित किया जा सके। श्री निशंक ने एनआईओएस से कहा कि वह अपनी पुस्तकों के प्रकाशन के लिए रिसाइकिल किए गए कागजों का उपयोग न करें क्योंकि यह छात्रों के स्वास्थ्य के लिए बेहतर नहीं है। उन्होंने एनआईओएस से कहा कि वह अपनी पुस्तकों का प्रकाशन करने के लिए केवल नए कागजों का ही उपयोग करें।

मंत्री ने कोविड-19 संकट के दौरान एनआईओएस द्वारा किए गए कार्यों की भी समीक्षा की। एनआईओएस ने उन्हें जानकारी प्रदान की कि वे अपने छात्रों के लिए चार चैनलों का संचालन कर रहे हैं, जिनमें से दो माध्यमिक और दो उच्च माध्यमिक स्तर की शिक्षा के लिए समर्पित हैं। एनआईओएस के अधिकारियों ने उन्हें बताया कि वे अब अपने छात्रों को सप्ताहांत सहित रोजाना 6 घंटे की ताजा सामग्री प्रदान कर रहे हैं जो कि कोविड-19 संकट से पहले केवल दो घंटों का ही होता था। उन्होंने बताया कि पीएम ई-विद्या कार्यक्रम के अंतर्गत वे दीक्षा प्लेटफॉर्म पर भी इन कक्षाओं के वीडियो उपलब्ध करा रहे हैं। एनआईओएस के अधिकारियों ने यह भी बताया कि वे निकट भविष्य में माध्यमिक और उच्च माध्यमिक स्तरों पर, 6 नए पाठ्यक्रमों को शामिल करने की योजना बना रहे हैं।

एनआईओएस के अधिकारियों ने बताया कि राष्ट्रीय मुक्त विद्यालयी शिक्षा संस्थान (एनआईओएस) ने 14 जून 2016 को आर्मी एजुकेशनल कॉर्प्स (एईसी) के साथ एक संयुक्त परियोजना के लिए समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए, जिसे एनआईओएस एजुकेशन प्रोजेक्ट फॉर इंडियन आर्मी (एनईपीआईए) के नाम से जाना जाता है, भारतीय सेना के सैनिकों के शैक्षणिक स्तर और मानव संसाधन गुणवत्ता को बढ़ावा देने के लिए। वे अब एनईपीआईए पाठ्यक्रमों के लिए हिंदी अनुवाद पर काम कर रहे हैं जिससे कि इसकी पहुंच अधिक छात्रों तक हो सके।

शिक्षा मंत्री ने एनआईओएस में रिक्तियों की स्थिति की भी समीक्षा की और उन्हें जल्द से जल्द सभी रिक्तियों को भरने का भी निर्देश दिया।

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