प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लाल किला के प्राचीर पर तिरंगा फहराया, नेशनल डिजिटल हेल्थ मिशन सहित कई योजनाओं की घोषणा की

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नई दिल्ली। देश के 74वें स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लाल किले की प्राचीर से तिरंगा?? फहराया। इससे पूर्व वे लाल किला पहुंचे और गार्ड ऑफ ऑनर का निरीक्षण किया। लाल किला पर आने से पहले प्रधानमंत्री ने स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर दिल्ली, राजघाट पर राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की समाधि पर श्रद्धांजलि अर्पित की।

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प्रधानमंत्री ने लाल किले की प्राचीर से देश को 87 मिनट तक संबोधित किया। उन्होंने अपने राष्ट्रीय संबोधन में नेशनल डिजिटल हेल्थ मिशन शुरू करने की घोषणा की। इसमें प्रत्येक नागरिक को एक आई डी जाएगी जिसमे उनके स्वास्थ्य संबंधी सभी प्रकार की सूचनाएं अंकित होंगी। इसके आधार पर ही उन्हें इलाज की व्यवस्था मिलेगी। कोरोना के व्वेक्सिन के बारे में बताया कि देश में तीन वैक्सीन का परीक्षण चल रहा है।इसके सफल परीक्षण के बाद आम आदमी तक पहुंचाने की पूरी रूपरेखा तैयार है।

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इस अवसर पर प्रधानमंत्री ने कहा कि आज जो हम स्वतंत्र भारत में सांस ले रहे हैं, उसके पीछे मां भारती के लाखों बेटे-बेटियों का त्याग, बलिदान और मां भारती को आज़ाद कराने के लिए समर्पण है। उन्होंने कहा कि अगले वर्ष हम अपनी आजादी के 75वें वर्ष में प्रवेश कर जाएंगे। एक बहुत बड़ा पर्व हमारे सामने है।

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प्रधानमंत्री ने कहा कि कोरोना के इस असाधारण समय में, सेवा परमो धर्म: की भावना के साथ, अपने जीवन की परवाह किए बिना हमारे डॉक्टर्स, नर्से, पैरामेडिकल स्टाफ, एंबुलेंस कर्मी, सफाई कर्मचारी, पुलिसकर्मी, सेवाकर्मी, अनेको लोग, चौबीसों घंटे लगातार काम कर रहे हैं।

उन्होंने कहा कि गुलामी का कोई कालखंड ऐसा नहीं था जब हिंदुस्तान में किसी कोने में आजादी के लिए प्रयास नहीं हुआ हो, प्राण-अर्पण नहीं हुआ हो।

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पीएम नरेंद्र मोदी के संबोधन की मुख्य बातें

एक समय था, जब हमारी कृषि व्यवस्था बहुत पिछड़ी हुई थी। तब सबसे बड़ी चिंता थी कि देशवासियों का पेट कैसे भरे। आज जब हम सिर्फ भारत ही नहीं, दुनिया के कई देशों का पेट भर सकते हैं।

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विकास के मामले में देश के कई क्षेत्र भी पीछे रह गए हैं।ऐसे 110 से ज्यादा आकांक्षी जिलों को चुनकर, वहां पर विशेष प्रयास किए जा रहे हैं ताकि वहां के लोगों को बेहतर शिक्षा मिले, बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं मिलें, रोजगार के बेहतर अवसर मिलें।

एक समय था जब हम बाहर से गेहूं मंगवा कर अपना पेट भरते थे लेकिन हमारे किसानों ने वो कमाल करके दिखाया और आज आत्मनिर्भर #AatmaNirbharBharat बना है।

पिछले दिनों भी हम एक प्रकार से अनेक संकटों से गुज़र रहे हैं और इससे अनेक लोगों ने जान गंवाई है, मैं उन परिवारों के प्रति मेरी संवेदना व्यक्त करता हूं।

आखिर कब तक हमारे ही देश से गया कच्चा माल, finished product बनकर भारत में लौटता रहेगा।

5 साल में 5 गुना हुआ एथेनॉल का उत्पादन।लद्दाख की विशेषताओं को संभालना है और संवारना है ।पर्यावरण से संतुलन के साथ विकास संभव होगा ।प्रदूषण के खिलाफ भारत सजग और सक्रिय है।

भारत की संप्रभुता की रक्षा के लिए आदेश एक जोश से भरा हुआ है हमारी सेना के जवानों ने दुश्मनों को उसकी भाषा में ही जवाब दिया।

उन्होंने नाम लिए बिना एक बार फिर चीन को ललकारा और उन्होंने कहा कि मैं आज मातृभूमि पर न्योछावर उन सभी वीर जवानों को लाल किले की प्राचीर से आदर पूर्वक नमन करता हूं देश के लिए पूरा देश वासी एक होकर क्या करता है इसका पूरा नजारा लद्दाख में दुनिया ने देख लिया है।

आज दुनिया का भारत पर विश्वास और मजबूत हुआ है पिछले दिनों संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के अस्थाई सदस्य के लिए 192 में से 114 देशों ने भारत को समर्थन दिया यह हमारे हर हिंदुस्तानी के लिए गर्व की बात है। यह तभी संभव होता है जब भारत को मजबूत हो सशक्त हो सुरक्षित हो।

पड़ोसी देशों की चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि चाहे वह जमीन से जुड़े हो या समुद्र से जुड़े हो हम सुरक्षा विकास और विश्वास की साझीदारी के साथ उन्हें जोर रहें भारत का लगातार प्रयास है अपने पड़ोसी देशों के साथ हम अपने सदियों पुराने सांस्कृतिक आर्थिक और सामाजिक रिश्तो को और गहराई दें।

दक्षिण एशिया में दुनिया की एक चौथाई जनसंख्या रहती है हम समृद्धि और विकास से एक साथ चलना चाहते हैं। उन्होंने दक्षिण एशिया के सभी शासकों राजनेताओं का आह्वान किया कि इस पूरे क्षेत्र में जितनी शांति होगी इतना सौहार्द होगा उतनी ही है मानवता के काम आएगी। पूरी दुनिया का ही दक्षिण एशिया में समाहित है उन्होंने कहा कि आज पड़ोसी वही नहीं है केवल जिनसे हमारी भौगोलिक सीमाएं मिलती हैं बल्कि वह भी हैं जिनसे हमारे दिल मिलते हैं।

प्रधानमंत्री ने एक्सटेंडेड नेवर हुड की चर्चा करते हुए कहा कि भारत ने बीते वर्षो में कई नए एक्सटेंडेड ने व के साथ संबंध स्थापित किए हैं मजबूत किए हैं।

पूर्णा के संकट काल में जिस तरह से उन देशों ने हमारे भारतीय लोगों को स्वदेश लौटने में या अन्य सुविधाएं मुहैया कराने में मदद की मैं उन सभी देशों का आभार व्यक्त करता हूं।

उन्हें आसियान देशों की चर्चा की और कहा कि इन देशों के साथ भारत व्यापारी की नहीं अब समुद्रिक संबंध आगे बढ़ा रहा है।

रक्षा उत्पादन में आत्मनिर्भर भारत के लिए बड़े कदम उठाए गए हैं 100 से ज्यादा सैन्य उपकरणों के आयात पर हम ने रोक लगा दी है।

देश की सुरक्षा में बोर्ड और कोस्टल सुरक्षा बेहद अहम है। बॉर्डर कोस्टल एरिया के युवाओं की विकास को भी ध्यान में रखकर योजना चलाई जा रही है। उन क्षेत्रों के 173 जिले को आने वाले दिनों में एक लाख नए एनसीसी के कैडेट तैयार किए जाएंगे जिसमें बालिकाओं की बड़ी संख्या होगी। इनमें कोस्टल एरिया के युवाओं को नेवी की द्वारा ट्रेनिंग दी जाएगी जबकि एयरपोर्ट एरिया के क्षेत्रों में एयरपोर्ट से रिलेटेड विशेषज्ञ ट्रेनिंग देंगे।

13 सौ आइलैंड की चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि इन सभी को ऑप्टिकल फाइबर से और अन्य आधुनिक सुविधाओं से साथ जोड़ने का काम चल रहा है।

उन्होंने कहा कि आगे लक्ष्यदीप को भी इसी तरह की सुविधाओं से जोड़ने का कदम आगे बढ़ाया जाएगा।

उन्होंने अयोध्या में भगवान राम के भव्य मंदिर के निर्माण के लिए शिलान्यास की भी चर्चा की उन्होंने करतारपुर कॉरिडोर को कम समय में निर्माण करने की भी याद दिलाई।

हम सर्वश्रेष्ठ उत्पादन सर्वश्रेष्ठ ह्यूमन रिसोर्सेज हर चीज में सर्वश्रेष्ठ का लक्ष्य लेकर आजादी के 75 साल के लिए आगे बढ़ना है। तभी एक भारत श्रेष्ठ भारत का सपना साकार होगा।

प्रधानमंत्री ने जम्मू-कश्मीर में राजनीतिक गतिविधियां शुरू करने की भी संकेत दिए। उन्होंने कहा कि वहां विधानसभा के क्षेत्रों का डीलिमिटेशन का काम चल रहा है । यह काम पूरा हो जाने के बाद वहां चुनाव कराए जाएंगे और जम्मू कश्मीर का अपना मुख्यमंत्री होगा और सरकार का गठन हो सकेगा।

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