भारत को कोरोना की वैक्सीन केवल 225 रु में मिलेगी ,साल के अंत तक आएगी

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नई दिल्ली। देश में ऑक्सफोर्ड की वैक्सीन तैयार करने वाले सीरम इंस्टीट्यूट की ओर से बेहद महत्वपूर्ण खबर सामने आई है। कोरोना के कहर के बीच आई इस खबर ने दुनिया के माध्यम व निम्न दर्जे के देशों को बड़ी राहत दी है। बताया जाता है कि सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया ने बिल एंड मेलिंडा गेट्स फाउंडेशन और वैक्सीन अलायंस संस्था गावी के साथ वैक्सीन उत्पादन का एक समझौता किया है। इसके अनुसार भारत और निम्न आय वाले 92 देशों को केवल 3 डॉलर यानी 225 रुपए में ही वैक्सीन मुहैया कराई जाएगी।

चर्चा है कि गेट्स फाउंडेशन की ओर से वैक्सीन के लिए गावी को वित्तीय मदद दी जाएगी जिसका इस्तेमाल सीरम इंस्टीट्यूट वैक्सीन तैयार करने और उन देशों को उपलब्ध करवाने में करेगा। इस समझौते से संकेत साफ है वैक्सीन के ह्यूमन ट्रायल समाप्त होते ही इसके उत्पादन को तेज कर दिया जाएगा और आपूर्ति भी शुरू कर दी जाएगी। सीरम इंस्टीट्यूट के सीईओ अदार पूनावाला ने अपने बयान में कहा है कि यह वैक्सीन 2020 के अंत तक उपलब्ध हो सकती है। इसकी तैयारी जोरों पर है।


उल्लेखनीय है कि गावी गेट्स फाउंडेशन की ही एक संस्था है। यह संस्था निम्न आय वाले देश के लोगों को वैक्सीन उपलब्ध कराती है। वैक्सीन का वितरण कोवैक्स स्कीम के तहत किया जाएगा। स्कीम का लक्ष्य विश्व स्वास्थ्य संगठन समेत दुनियाभर के लोगों तक कोविड-19 की वैक्सीन पहुंचाना है। कोवैक्स स्कीम का एजेंडा 2021 तक 200 करोड़ लोगों को वैक्सीन उपलब्ध कराना है।

कोविशील्ड वैक्सीन :

बताया जता है कि ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी और एस्ट्राजेनेका कंपनी भारत के सीरम इंस्टीट्यूट के साथ मिलकर वैक्सीन तैयार कर रही हैं। भारत में यह वैक्सीन कोविशील्ड (AZD1222) के नाम से लॉन्च होगी।


खबर है कि नेशनल बायोफार्मा मिशन एंड ग्रैंड चैलेंज इंडिया प्रोग्राम के तहत सरकार और मेलिंडा गेट्स फाउंडेशन के बीच एक करार हुआ है। इसके तहत ही वैक्सीन का बड़े स्तर पर ट्रायल होगा। इसके लिए कई इंस्टीट्यूट का चयन किया गया है ।

इनमें हरियाणा के पलवल का INCLEN, पुणे का KEM हॉस्पिटल, हैदराबाद का सोसायटी फॉर हेल्थ एलायड रिसर्च एंड एजुकेशन, चेन्नई का नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ एपिडेमियोलॉजी और वेल्लोर का क्रिश्चियन मेडिकल कॉलेज शामिल हैं।

इसके अलावा एम्स दिल्ली-जोधपुर, पुणे का बीजे मेडिकल कॉलेज, पटना का राजेंद्र मेमोरियल रिसर्च इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज, मैसूर का जेएसएस एकेडमी और हायर एजुकेशन एंड रिसर्च, गोरखपुर का नेहरू हॉस्पिटल, विशाखापट्टनम का आंध्र मेडिकल कॉलेज और चंडीगढ़ का पोस्ट ग्रेजुएट इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल एजुकेशन एंड रिसर्च भी इस सूची में शामिल हैं।

इस वैक्सीन का ट्रायल ब्रिटेन, साउथ अफ्रीका और ब्राजील में भी शुरू हो चुका है। भारत में इसका ट्रायल मुम्बई और पुणे में अगस्त के अंत में शुरू किया जाएगा। भारत में यह वैक्सीन कोविशील्ड के नाम से लॉन्च होगी। कंपनी के सीईओ अदार पूनावाला का कहना है कि अगर ट्रायल कामयाब होता है तो 2021 की पहली तिमाही तक 30 से 40 करोड़ डोज तैयार किए जा सकेंगे। वैक्सीन इस साल के अंत तक आ सकती है।

ऑक्सफोर्ड की वैक्सीन फ्रंट रनर वैक्सीन की लिस्ट में आगे आ गई है। ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी ने भी कहा है कि AZD1222 नाम की इस वैक्सीन को लगाने से अच्छा इम्यून रिस्पॉन्स मिला है।

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